पश्चिमी चंपारण: पिछले 1 सप्ताह से लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार-यूपी सीमा से होकर गुजरने वाले पीपी तटबंध पर कटाव का खतरा तेज हो गया है. हालात यह है कि जिले के ठकरहा प्रखंड स्थित धुमनगर पंचायत के दर्जनों घर गण्डक नदी के कटाव की भेंट चढ़ गए. दोनों प्रदेश की सरकारें फ्लड फाइटिंग के काम में जुट गई है.
गण्डक नदी ने लिया यू-टर्न
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह गण्डक नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ नदी की धार ने यू-टर्न ले लिया था. पीपी तटबंध स्थित यूपी के अमवा खास और बिहार स्थित धुमनगर पंचायत सीमा पर लगातार कटाव जारी है. धुमनगर पंचायत में गण्डक नदी की विनाशलीला ने दर्जनों घर सहित सैकड़ों एकड़ फसल अपने आगोश में ले लिया है.
बाढ़ पीड़ितों के बीच दहशत का माहौल
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि घर और खेत कट जाने के बाद उनके पास खाने को कुछ नहीं बचा है. उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा कि अब वह रहने के लिए कहां जाएंगे. अधिकारी पिछले 2 दिनों से आकर यहां काम तो करवा रहे हैं, लेकिन पीड़ितों के बारे में कोई नहीं सोच रहा.
'फ्लड फाइटिंग को दी जा रही प्राथमिकता'
मौके पर मौजूद ठकरहा प्रखण्ड के BDO सोनी सौरभ का कहना है कि बिहार और यूपी सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर फ्लड फाइटिंग का काम चल रहा है. पीपी तटबन्ध को कटने से बचाने का प्रयास जारी है. फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है. अभी फ्लड फाइटिंग के काम को प्राथमिकता दी जा रही है. उसके बाद प्रभावित लोगों के रिलीफ वर्क को प्राथमिकता दी जाएगी.
इस वक्त सब की निगाहें मौसम पर टिकी है. यदि मौसम ने फिर से करवट बदल ली और फिर बारिश आ गई, तो कटाव की संभावनाएं और बढ़ जाएगी. इस बात को लेकर अभी लोगों में दहशत का माहौल है.