बेतिया: 2002 में भूमि विवाद में हत्या के एक मामले में मंडल कारा में बंद 80 वर्षीय रघुनाथ रावत की गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक कैदी शिकारपुर थाना क्षेत्र के रोआरी नूनिया टोला का रहने वाला था, जिसने बुधवार को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दम तोड़ दिया.
क्या है पूरा मामला?
मृतक कैदी 29 नवंबर से मंडलकारा में बंद था. वहीं, 4 दिसंबर को कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मंडलकारा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि रघुनाथ की तबीयत खराब होने पर 10 दिसंबर को उसे जेल के अस्पताल वार्ड में भर्ती कराया गया था. बुधवार की रात स्थिति खराब होने पर उसे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.
बीडीओ ने की कागजी कार्रवाई
वहीं, कैदी की मौत के काफी देर बाद बेतिया बीडीओ बसंत कुमार सिंह अस्पताल पहुंचे. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मृत कैदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को रघुनाथ के परिजनों के हवाले कर दिया गया.
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