बगहा: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में गंडक नदी का घटता जलस्तर ग्रामीणों और जल संसाधन विभाग के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है. मधुबनी प्रखंड के रंगललही गदियानी टोला के समीप गंडक नदी ने यू टर्न ले लिया है और कटोरे के शक्ल में नदी की तेज धारा भीषण कटाव कर रही है. इस कटाव से गंडक दियारा पार के मधुबनी प्रखंड के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है.
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गंडक नदी में भीषण कटाव: तेजी से हो रहे कटाव से पीपी तटबंध के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं. दस दिनों के भीतर बांध से करीब 150 मीटर दूर से कटाव करते हुए नदी अब बांध के बिल्कुल करीब आ गई है. नदी के तेज धार में सैकड़ों एकड़ जमीन और फसल कटकर विलीन हो चुके हैं. लिहाजा ग्रामीण अक्रोशित हैं और जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे कटावरोधी कार्य पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
पीपी तटबंध पर मंडराया खतरा: ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग द्वारा संतोषजनक कार्य नहीं कराए जा रहे हैं. यहीं वजह है कि अब नदी की तेज धारा पीपी तटबंध के करीब पहुंच गई है और तटबंध कभी भी नदी के आगोश में समा सकता है. बता दें कि डीएम दिनेश कुमार राय ने भी मौके पर पहुंचकर कटाव का जायजा लिया. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा की विभाग द्वारा शुरू में थोड़ी उदासीनता दिखाई गई लेकिन अब कटावरोधी कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और किसी भी सूरत में बांध को कटने से बचाया जाएगा.
"कटावरोधी कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और किसी भी सूरत में बांध को कटने से बचाया जाएगा. यदि दुर्भाग्य से बांध को नुकसान भी पहुंचता है तो ग्रामीणों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी. अभियंताओं की टीम पीपी तटबंध को बचाने के लिए दिन रात कार्य कर रही है."- दिनेश कुमार राय, डीएम
अभियंताओं की टीम कर रही निगरानी: पटना से आए अभियंता प्रमुख शैलेंद्र के नेतृत्व में जियो बैग के साथ-साथ हाथी पांव डालकर बचाव कार्य में टीम जुटी हुई है, लेकिन लोग इसे नाकाफी मान कर बोल्डर पिचिंग करवाने की मांग कर रहे हैं. मौके पर मौजूद जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अशोक रंजन ने बताया कि पानी का करंट तेज है और नदी ने यू टर्न लेते हुए कटोरा नुमा आकार ले लिया है, जिससे कटाव तेज हो गया है.
"नदी में पानी का करंट तेज है. नदी ने यू टर्न लेते हुए कटोरा नुमा आकार में बह रही है, जिससे कटाव तेज हो गया है. अभियंताओं की टीम लगातार जियो बैग, हाथी पांव और बोल्डर लगाकर कटाव को रोकने में जुटी है. बचाव सामग्रियों को लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी हम स्थिति नियंत्रण में कर लेंगे."- अशोक रंजन, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग
नदी में तेजी से हो रहा कटाव: हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि जिस जगह पर कटाव हो रहा है, वहां पर नदी पीपी तटबंध से तकरीबन एक किमी दूर थी, लेकिन बालू माफियाओं द्वारा प्रत्येक साल बालू खनन की वजह से धीरे-धीरे नदी यू टर्न लेती गई और फिर आज स्थिति भयावह हो गई है. नदी की धारा बिल्कुल पीपी तटबंध के करीब आ गई है और तटबंध का अस्तित्व मुश्किल में पड़ गया है. यदि तटबंध टूटता है तो दर्जनों गांव की आबादी बड़े तौर पर प्रभावित होगी.