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बेतिया: PM की ओर से राम मंदिर का किया गया शिलान्यास, CPI माले ने जताया विरोध

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Published : Aug 5, 2020, 9:25 PM IST

बेतिया के नरकटियागंज में भाकपा माले की ओर से पीएम के राम मंदिर शिलान्यास को लेकर प्रतिरोध दिवस मनाया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

CPI ML celebrated protest day
भाकपा माले ने मनाया विरोध दिवस

बेतिया: नरकटियागंज में भाकपा माले पार्टी कार्यालय के नजदीक देशव्यापी कार्यक्रम के तहत पीएम की ओर से राम मंदिर शिलान्यास के खिलाफ प्रतिरोध दिवस मनाया गया. माले ने इस संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 5 अगस्त को पीएम अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे है. अयोध्या में पूजन समारोह का सरकारी आयोजन में तब्दील हो जाना ठीक नहीं है.

शिलान्यास को लेकर पीएम पर निशाना
वहीं, यूपी के प्रशासन और केंद्र सरकार की इसमें पूर्ण भागीदारी भारतीय संविधान की मूल भावना की सोच को नष्ट करने की साजिश है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले ने मंदिर निर्माण की राह खोली. उसी फैसले में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढ़ाहने की स्पष्ट तौर पर आलोचना की गयी है. केंद्र सरकार का पीएम के स्तर पर भूमि पूजन में शरीक होना. उस अपराध को वैधता प्रदान करने की कार्यवाही है. यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का मजाक उड़ाना है.

CPI ML celebrated protest day
भाकपा माले ने मनाया विरोध दिवस

मनाया गया प्रतिरोध दिवस
माले के वरिय नेता केदार राम ने कहा कि जनता से अपील करते हैं कि धर्म का राजनीतिकरण करने वाले और जन स्वास्थ्य के बजाय धार्मिक आयोजन को प्राथमिकता देने वाले का विरोध किया जाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कार्यवाही को खारिज करें. धर्मनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक उसूलों को बुलंद करें. साथ ही कहा कि यह भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर भी हमला है. प्रतिरोध मार्च में नजरे आलम, खेदु राम, राजू पासवान, ताराचन्द्र दास, प्रमोद साह और बनारसी दास शामिल रहे.

बेतिया: नरकटियागंज में भाकपा माले पार्टी कार्यालय के नजदीक देशव्यापी कार्यक्रम के तहत पीएम की ओर से राम मंदिर शिलान्यास के खिलाफ प्रतिरोध दिवस मनाया गया. माले ने इस संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 5 अगस्त को पीएम अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे है. अयोध्या में पूजन समारोह का सरकारी आयोजन में तब्दील हो जाना ठीक नहीं है.

शिलान्यास को लेकर पीएम पर निशाना
वहीं, यूपी के प्रशासन और केंद्र सरकार की इसमें पूर्ण भागीदारी भारतीय संविधान की मूल भावना की सोच को नष्ट करने की साजिश है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले ने मंदिर निर्माण की राह खोली. उसी फैसले में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढ़ाहने की स्पष्ट तौर पर आलोचना की गयी है. केंद्र सरकार का पीएम के स्तर पर भूमि पूजन में शरीक होना. उस अपराध को वैधता प्रदान करने की कार्यवाही है. यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का मजाक उड़ाना है.

CPI ML celebrated protest day
भाकपा माले ने मनाया विरोध दिवस

मनाया गया प्रतिरोध दिवस
माले के वरिय नेता केदार राम ने कहा कि जनता से अपील करते हैं कि धर्म का राजनीतिकरण करने वाले और जन स्वास्थ्य के बजाय धार्मिक आयोजन को प्राथमिकता देने वाले का विरोध किया जाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कार्यवाही को खारिज करें. धर्मनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक उसूलों को बुलंद करें. साथ ही कहा कि यह भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर भी हमला है. प्रतिरोध मार्च में नजरे आलम, खेदु राम, राजू पासवान, ताराचन्द्र दास, प्रमोद साह और बनारसी दास शामिल रहे.

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