बेतिया: निर्माण मजदूरों ने 7 सूत्री मांगों को लेकर जिला समाहर्ता के समक्ष प्रदर्शन किया. मजदूरों ने प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार से चार लेबर कोड बिल वापस लिए जाने की मांग की. साथ ही ट्रेड यूनियन के प्रमाण के आधार पर निर्माण श्रमिकों के निबंधन की गारंटी करने की भी मांग की. साथ ही निर्माण मजदूरों ने सरकार पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है.
'कम मजदूरी में करना पड़ा रहा काम'
निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार मजदूरों की कमाई हड़प रही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों के अधिकार को छीन कर बड़े पूंजिपतियों की झोली में डाला जा रहा है. बेरोजगारी बढ़ाकर और श्रम का मूल्य गिराकर मजदूर नौजवानों को मजबूरी में कम मजदूरी पर काम करना पड़ रहा है. जबकि पुंजीपतियों को लाखों, करोड़ों के टैक्स और बैंक से लिए गए कर्ज माफी की सौगात दी जा रही है.
मजदूरों ने जिला श्रम अधीक्षक को मांग पत्र सौंपा
यूनियन नेता सुनील कुमार राव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निर्माण मजदूर और अन्य असंगठित मजदूरों का हक और अधिकार मोदी सरकार के हाथों में सुरक्षित नहीं रह सकता है. हमें कमर कस कर बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार होना होगा. इसके अलावा सुरेश ठाकुर, रीखी साह, जोखन चौधरी, रामनाथ परसाद और कई नेताओं ने अपनी बात को लोगों के सामने रखा. इसके बाद अंत में मजदूरों ने जिला समाहर्ता और जिला श्रम अधीक्षक को मांग पत्र सौंपा.