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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में शिकार निरोधक शिविर का निर्माण, शिकारियों पर रखी जाएगी नजर - वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बेतिया

बेतिया वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में शिकार निरोधक शिविर का निर्माण कराया जा रहा है. इस शिविर में इमरजेंसी सेवा भी उपलब्ध रहेगी.

hunting prevention camp bettiah
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Published : Jun 13, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 3:10 PM IST

बेतिया: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में शिकार निरोधक शिविर बनाया जा रहा है. जंगल के बीचों-बीच बन रहे इस शिविर से 24 घंटे शिकारियों पर नजर रखी जाएगी. इस शिकार निरोधी शिविर में 24 घंटे वनरक्षी मौजूद रहेंगे. वहीं इसके बन जाने से जंगल के रास्ते में तेज गति में आ रहे वाहनों पर लगाम लगाई जाएगी.

शिविर में इमरजेंसी सेवा
बता दें रात के समय में जंगली जानवरों की चहलकदमी बढ़ जाती है. ऐसे में दुर्घटना की ज्यादा संभावना होती है. वहीं जंगल के बीच में बन रहे इस शिविर में इमरजेंसी सेवा भी उपलब्ध रहेगी. बिहार का एक मात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व काफी दूरी में फैला हुआ है. जहां पर बहुत सारे जंगली जानवर रहते हैं.

valmiki tiger reserve bettiah
शिकारियों पर 24 घंटे रखी जाएगी नजर

शिकारियों के आवागमन पर प्रतिबंध
बरसात के मौसम में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाता है. ऐसे में शिकारियों का आवागमन ज्यादा रहता है. शिकारी जंगल के रास्ते जंगली जानवरों का शिकार करने पहुंच जाते हैं. ऐसे में इन पर नजर रखने के लिए जंगल के बीचो-बीच शिकारी निरोधक शिविर बनाया जा रहा है. ताकि 24 घंटे शिकारियों पर नजर रखी जा सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

राहगीरों को मिलेगी मदद
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इस शिविर के बन जाने से जंगल में होने वाली घटनाओं पर रोक लगेगी. साथ ही इमरजेंसी सेवा भी इस शिविर के माध्यम से राहगीरों को मिलेगी. जैसे रात के समय जंगल में अचानक किसी का वाहन खराब हो जाना या किसी प्रकार की दुर्घटना होना. ऐसे में शिविर में मौजूद वनरक्षी तुरंत उनको इमरजेंसी सेवा उपलब्ध करा पाएंगे. स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या या किसी भी दुर्घटना होने पर उन्हें तुरंत शिविर में लाया जाएगा. साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए वन विभाग की ओर से भेजा जा सकता है.

बेतिया: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में शिकार निरोधक शिविर बनाया जा रहा है. जंगल के बीचों-बीच बन रहे इस शिविर से 24 घंटे शिकारियों पर नजर रखी जाएगी. इस शिकार निरोधी शिविर में 24 घंटे वनरक्षी मौजूद रहेंगे. वहीं इसके बन जाने से जंगल के रास्ते में तेज गति में आ रहे वाहनों पर लगाम लगाई जाएगी.

शिविर में इमरजेंसी सेवा
बता दें रात के समय में जंगली जानवरों की चहलकदमी बढ़ जाती है. ऐसे में दुर्घटना की ज्यादा संभावना होती है. वहीं जंगल के बीच में बन रहे इस शिविर में इमरजेंसी सेवा भी उपलब्ध रहेगी. बिहार का एक मात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व काफी दूरी में फैला हुआ है. जहां पर बहुत सारे जंगली जानवर रहते हैं.

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शिकारियों पर 24 घंटे रखी जाएगी नजर

शिकारियों के आवागमन पर प्रतिबंध
बरसात के मौसम में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाता है. ऐसे में शिकारियों का आवागमन ज्यादा रहता है. शिकारी जंगल के रास्ते जंगली जानवरों का शिकार करने पहुंच जाते हैं. ऐसे में इन पर नजर रखने के लिए जंगल के बीचो-बीच शिकारी निरोधक शिविर बनाया जा रहा है. ताकि 24 घंटे शिकारियों पर नजर रखी जा सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

राहगीरों को मिलेगी मदद
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इस शिविर के बन जाने से जंगल में होने वाली घटनाओं पर रोक लगेगी. साथ ही इमरजेंसी सेवा भी इस शिविर के माध्यम से राहगीरों को मिलेगी. जैसे रात के समय जंगल में अचानक किसी का वाहन खराब हो जाना या किसी प्रकार की दुर्घटना होना. ऐसे में शिविर में मौजूद वनरक्षी तुरंत उनको इमरजेंसी सेवा उपलब्ध करा पाएंगे. स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या या किसी भी दुर्घटना होने पर उन्हें तुरंत शिविर में लाया जाएगा. साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए वन विभाग की ओर से भेजा जा सकता है.

Last Updated : Jun 14, 2020, 3:10 PM IST
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