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पश्चिम चंपारण: 5 सालों से सड़क की हालत जर्जर, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

जिला पार्षद मोतीलाल साह ने कहा है कि जिलाधिकारी को लिखित तौर पर सूचित किया गया है. लेकिन बार-बार दिलासा दिया जाता है कि जल्द ही टेंडर पास किया जाएगा.

जर्जर सड़क
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Published : Sep 13, 2019, 10:26 PM IST

पश्चिम चंपारण: जिले के बगहा चम्पापुर चौक से गोनौली तक जाने वाली मुख्य सड़क मार्ग की हालत जर्जर हो गई है. इस सड़क पर कई जगह बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिस पर ग्रामीण पांच सालों से मिट्टी और बालू भरकर आवाजाही का रास्ता बनाए हुए हैं.

सड़क के जर्जर हालत के चलते लोगों को झेलनी पड़ रही परेशानी

5 सालों से है सड़क जर्जर
बताया जा रहा है कि चम्पापुर-गोनौली पंचायत अंतर्गत आरडब्लूडी के तहत इस सड़क का निर्माण 20 वर्ष पूर्व हुआ था. लेकिन पिछले 5 सालों से इस सड़क की हालत बेकार हो गई है. यह सड़क थरुहट बहुल इलाके के दर्जनों गांवों को जोड़ता है. गांव के लोगों का आने जाने का मुख्य मार्ग भी यही है. ऐसे में जर्जर हो चुके सड़क से चलना मुश्किल हो जाता है.

west champaran
सड़क की हालत खराब

'गड्ढों के कारण हो जाते हैं जख्मी'
छात्राओं ने कहा कि इस सड़क को टूटे लंबा अरसा हो गया है. वे 6 से 9 क्लास तक पहुंच गए हैं. लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाया है. साथ ही उनका कहना है कि कई बार तो सड़क पर गड्ढों और बिखरे पत्थरों के चलते साइकिल से गिर जाते और साइकिल पंचर भी हो जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार सब जगह की सड़कें बनवा रही है. लेकिन इस सड़क को नहीं बनवा रही है.

west champaran
छात्रा

लोगों को होती है भारी दिक्कत
जिला पार्षद मोतीलाल साह ने कहा है कि वर्ष 2016 से अब तक तीन बार इस मामले को उठा चुके हैं. साथ ही जिलाधिकारी को भी लिखित तौर पर सूचित किया जा चुका है. लेकिन बार-बार दिलासा दिया जाता है कि जल्द ही टेंडर पास होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि दो दिन पहले इस जर्जर सड़क में गर्भवती महिला को अस्पताल ले जा रहा एम्बुलेंस फंस गया था. जिसे काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से बाहर निकाला गया.

west champaran
मोतीलाल साह, जिला पार्षद

पश्चिम चंपारण: जिले के बगहा चम्पापुर चौक से गोनौली तक जाने वाली मुख्य सड़क मार्ग की हालत जर्जर हो गई है. इस सड़क पर कई जगह बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिस पर ग्रामीण पांच सालों से मिट्टी और बालू भरकर आवाजाही का रास्ता बनाए हुए हैं.

सड़क के जर्जर हालत के चलते लोगों को झेलनी पड़ रही परेशानी

5 सालों से है सड़क जर्जर
बताया जा रहा है कि चम्पापुर-गोनौली पंचायत अंतर्गत आरडब्लूडी के तहत इस सड़क का निर्माण 20 वर्ष पूर्व हुआ था. लेकिन पिछले 5 सालों से इस सड़क की हालत बेकार हो गई है. यह सड़क थरुहट बहुल इलाके के दर्जनों गांवों को जोड़ता है. गांव के लोगों का आने जाने का मुख्य मार्ग भी यही है. ऐसे में जर्जर हो चुके सड़क से चलना मुश्किल हो जाता है.

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सड़क की हालत खराब

'गड्ढों के कारण हो जाते हैं जख्मी'
छात्राओं ने कहा कि इस सड़क को टूटे लंबा अरसा हो गया है. वे 6 से 9 क्लास तक पहुंच गए हैं. लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाया है. साथ ही उनका कहना है कि कई बार तो सड़क पर गड्ढों और बिखरे पत्थरों के चलते साइकिल से गिर जाते और साइकिल पंचर भी हो जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार सब जगह की सड़कें बनवा रही है. लेकिन इस सड़क को नहीं बनवा रही है.

west champaran
छात्रा

लोगों को होती है भारी दिक्कत
जिला पार्षद मोतीलाल साह ने कहा है कि वर्ष 2016 से अब तक तीन बार इस मामले को उठा चुके हैं. साथ ही जिलाधिकारी को भी लिखित तौर पर सूचित किया जा चुका है. लेकिन बार-बार दिलासा दिया जाता है कि जल्द ही टेंडर पास होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि दो दिन पहले इस जर्जर सड़क में गर्भवती महिला को अस्पताल ले जा रहा एम्बुलेंस फंस गया था. जिसे काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से बाहर निकाला गया.

west champaran
मोतीलाल साह, जिला पार्षद
Intro:बगहा प्रखण्ड 2 अंतर्गत चम्पापुर चौक से ग़ोनौली तक जाने वाली मुख्य सड़क मार्ग की हालत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है। इस सड़क की बानगी यह है कि कई जगह बड़े बड़े गढ़े बन गए हैं , तो कई जगहों पर पत्थर के रोड़े बाहर निकल गए हैं। इस जर्जर सड़क पर आवागमन सुलभ बनाने के लिहाज से विगत तीन वर्षों से ग्रामीण स्थानीय सहयोग से मिट्टी या बालू भरकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।


Body:बता दें कि चम्पापुर से ग़ोनौली की दूरी महज 3 किमी है। और
चम्पापुर ग़ोनौली पंचायत अंतर्गत आर डब्लू डी के तहत इस सड़क का निर्माण 20 वर्ष पूर्व हुआ था। लेकिन विगत 5 वर्षों से इस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है। इतना ही नही यह सड़क थरुहट बहुल इलाके के दर्जनों गांवों खासकर मलकौली, पिपरासी, सखुआनवा, व अति पिछड़े दोन सहित हरनाटांड़ को जोड़ती है। इन क्षेत्रों में उराँव, मुंडा व धांगड़ जनजाति सहित थारू जनजाति के लोग बसते हैं। और इनके आने जाने का मुख्य मार्ग भी यहीं है। ऐसे में जर्जर हो चुके सड़क से चलना मुश्किल हो जाता है। छात्राएं बताती हैं कि इस सड़क को टूटे लंबा अरसा हो गया। वे 6ठी क्लास से नौंवी तक पहुच चुकी हैं लेकिन पढ़ाई करनी है तो इसी रास्ते से आना जाना पड़ता है। उनका कहना है कि कई दफा तो सड़क पर हुए गड्ढों और बिखरे पत्थरो पर गिर कर जख्मी हो जाती है। उनका साइकिल भी पंचर हो जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार सब जगह की सड़कें बनवा रही लेकिन इस सड़क के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। वहीं जिला पार्षद मोतीलाल साह का कहना है कि वर्ष 2016 से अब तक तीन दफा इस मामले को उठा चुके हैं साथ ही जिलाधिकारी को भी लिखित तौर पर सूचित किया। बार बार यही दिलासा दिया जाता है कि जल्द ही टेंडर होगा। पार्षद का कहना है कि महज दो दिन पहले इस जर्जर सड़क में गर्भवती महिला को अस्पताल ले जा रहा एम्बुलेंस फंस गया था जिसको काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से निकाला गया। नही तो कोई अनहोनी हो गई रहती। यही कारण है कि ग्रामीणों के सहयोग से इस रास्ते पर तीसरी बार मिट्टी भरा गया है।
बाइट- 1 निशा कुमारी
बाइट- 2 पुष्पा कुमारी
बाइट- 3 जोगिंद्र सिंह, ग्रामीण
बाइट- 4 मोतीलाल साह, जिला पार्षद क्षेत्र संख्या 1


Conclusion:कहने में कोई अतिशयोक्ति नही की विगत 3 वर्षों से जर्जर हो वहुके इस सड़क पर मिट्टी या बालू भरकर आवागमन को सुलभ बनाया जा रहा। सरकारी उदासीनता के वजह से परेशानियों का सामना करना अब इन ग्रामीणों की नियति बन चुकी है।
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