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कुशल युवा कार्यक्रम के तहत गांव की लड़कियां भी बन रहीं स्मार्ट - कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण

जब इंसान के हौसले बुलंद हो तो वह कुछ भी कर सकता है. कुछ ऐसा ही कर रहीं हैं अब गांव की लड़कियां. डिजिटल युग में गांव की लड़कियां भी अब स्मार्ट बन रहीं हैं और अपने सपनों को साकार करने की ओर कदम बढ़ा रहीं हैं.

प्रशिक्षण लेती हुई युवतियां
प्रशिक्षण लेती हुई युवतियां
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Published : Jan 18, 2021, 8:06 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 11:11 AM IST

पश्चिमी चम्पारण: कहते हैं 'हौसले बुलंद कर रास्तों पर चल दे, तुझे तेरा मुकाम मिल जायेगा, बढ़ कर अकेला तू पहल कर, देख कर तुझको काफिला खुद बन जायेगा' कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है पश्चिमी चम्पारण के एक गांव में. इस डिजिटल युग में अब गांव की लड़कियां भी स्मार्ट बन रहीं हैं. अब इन्हें ऑनलाइन कार्य कराने के लिए नेट कैफे का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता या दुकानों का रुख नहीं करना पड़ता है. बल्कि सरकार के माध्यम से संचालित स्किल डेवलपमेंट कोर्स का हिस्सा बन लड़कियां अब अपने सपनों को उड़ान दे रहीं हैं. इसके साथ ही आत्मनिर्भर भी बन रहीं हैं.

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.

कुशल युवा कार्यक्रम सपनों को लगा रहा पंख
बिहार सरकार के माध्यम से प्रत्येक जिलों में संचालित कुशल युवा कार्यक्रम युवाओं के सपनों को पंख लगाने में काफी मददगार साबित हो रहा है. दरअसल बिहार कौशल विकास मिशन अंतर्गत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण लड़कियां प्रशिक्षण लेने आती हैं और उन्हें इसका फायदा भी मिल रहा है. कई प्रशिक्षण प्राप्त युवक-युवतियांं आज कंप्यूटर में दक्षता हासिल कर निजी और सरकारी संस्थाओं में रोजगार पा चुके हैं.

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.

इसे भी पढ़ें: 'बिहार का मिनी ब्राजील' जहां हर-घर में हैं बेहतरीन फुटबॉलर

तीन माह प्रशिक्षण के बाद नियोजन मेला में होता है चयन
इस डिजिटल युग में सरकार भी मानती है कि बिना स्किल के कोई नौकरी नहीं मिल सकता. लिहाजा सरकार छात्र-छात्राओं को कुशल बनाने के लिए कुशल युवा प्रोग्राम के तहत तीन माह का नि:शुल्क कोर्स कराती है. जिसमें सर्टिफिकेट इन कम्युनिकेशन स्किल, सर्टिफिकेट इन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सर्टिफिकेट इन सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ ही इन युवक युवतियों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन नियोजन मेला का आयोजन करता है. जिसमें इनका सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में चयन होता है. प्रदेश में इससे पहले भी कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत टेस्ट का आयोजन किया गया था. जिसमें किसान से जुड़े सवाल पूछे गए थे.

देखें रिपोर्ट.

गांव की लड़कियां भी बन रहीं स्मार्ट
कुशल युवा कार्यक्रम की गूंज गांवों तक पैठ बना रही है. लिहाजा गांव की लड़कियां भी अब हिंदी और अंग्रेजी संवाद कौशल समेत आधुनिक तकनीकी ज्ञान में बड़े पैमाने पर दक्षता हासिल कर स्मार्ट बन रही हैं. लड़कियां खुद से सारा कार्य लैपटॉप या मोबाइल पर कर लेती हैं. इतना ही नहीं इलाके में कई मॉल या बड़े शॉप पर अब आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करती ये लड़कियां कंप्यूटर और बिलिंग काउंटर पर भी बैठती हुई नजर आएंगी.

लोगों को मिला रोजगार.
लोगों को मिला रोजगार.

पश्चिमी चम्पारण: कहते हैं 'हौसले बुलंद कर रास्तों पर चल दे, तुझे तेरा मुकाम मिल जायेगा, बढ़ कर अकेला तू पहल कर, देख कर तुझको काफिला खुद बन जायेगा' कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है पश्चिमी चम्पारण के एक गांव में. इस डिजिटल युग में अब गांव की लड़कियां भी स्मार्ट बन रहीं हैं. अब इन्हें ऑनलाइन कार्य कराने के लिए नेट कैफे का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता या दुकानों का रुख नहीं करना पड़ता है. बल्कि सरकार के माध्यम से संचालित स्किल डेवलपमेंट कोर्स का हिस्सा बन लड़कियां अब अपने सपनों को उड़ान दे रहीं हैं. इसके साथ ही आत्मनिर्भर भी बन रहीं हैं.

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.

कुशल युवा कार्यक्रम सपनों को लगा रहा पंख
बिहार सरकार के माध्यम से प्रत्येक जिलों में संचालित कुशल युवा कार्यक्रम युवाओं के सपनों को पंख लगाने में काफी मददगार साबित हो रहा है. दरअसल बिहार कौशल विकास मिशन अंतर्गत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण लड़कियां प्रशिक्षण लेने आती हैं और उन्हें इसका फायदा भी मिल रहा है. कई प्रशिक्षण प्राप्त युवक-युवतियांं आज कंप्यूटर में दक्षता हासिल कर निजी और सरकारी संस्थाओं में रोजगार पा चुके हैं.

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग.

इसे भी पढ़ें: 'बिहार का मिनी ब्राजील' जहां हर-घर में हैं बेहतरीन फुटबॉलर

तीन माह प्रशिक्षण के बाद नियोजन मेला में होता है चयन
इस डिजिटल युग में सरकार भी मानती है कि बिना स्किल के कोई नौकरी नहीं मिल सकता. लिहाजा सरकार छात्र-छात्राओं को कुशल बनाने के लिए कुशल युवा प्रोग्राम के तहत तीन माह का नि:शुल्क कोर्स कराती है. जिसमें सर्टिफिकेट इन कम्युनिकेशन स्किल, सर्टिफिकेट इन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सर्टिफिकेट इन सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ ही इन युवक युवतियों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन नियोजन मेला का आयोजन करता है. जिसमें इनका सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में चयन होता है. प्रदेश में इससे पहले भी कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत टेस्ट का आयोजन किया गया था. जिसमें किसान से जुड़े सवाल पूछे गए थे.

देखें रिपोर्ट.

गांव की लड़कियां भी बन रहीं स्मार्ट
कुशल युवा कार्यक्रम की गूंज गांवों तक पैठ बना रही है. लिहाजा गांव की लड़कियां भी अब हिंदी और अंग्रेजी संवाद कौशल समेत आधुनिक तकनीकी ज्ञान में बड़े पैमाने पर दक्षता हासिल कर स्मार्ट बन रही हैं. लड़कियां खुद से सारा कार्य लैपटॉप या मोबाइल पर कर लेती हैं. इतना ही नहीं इलाके में कई मॉल या बड़े शॉप पर अब आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करती ये लड़कियां कंप्यूटर और बिलिंग काउंटर पर भी बैठती हुई नजर आएंगी.

लोगों को मिला रोजगार.
लोगों को मिला रोजगार.
Last Updated : Jan 18, 2021, 11:11 AM IST
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