बेतियाः आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. पुरुष से कदम से कदम मिलाकर चलने वाली महिलाएं किसी भी काम में पीछे नहीं है. ऐसा ही उदाहरण बिहार के बेतिया में देखने को मिला. आमतौर पर शहर के वार्डों में पुरुष कर्मी को कचरा उठाते देखा होगा, लेकिन यहां महिलाएं भी इस काम को कर रही है. वार्डों को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी महिलाओं ने अपने कंधे उठायी है और इन्हें अपने काम पर काफी गर्व भी हो रहा है.
घर के साथ शहर की भी जिम्मेदारीः बेतिया नगर निगम में काम करने के लिए महिला कर्मियों की भी नियुक्त की गई है. यहां की महिलाएं सुबह से ही शहर में कचरा उठाने के लिए ई-रिक्शा लेकर पहुंच जाती है. शहर से कचरा साफ करने के बाद अपने घरों का भी काम करती है. ईटीवी भारत ने इन महिला कर्मियों से बात की. बातचीत में उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को इसके लिए धन्यवाद दिया है. कहा कि वे अभी और आगे बढ़ना चाहती हैं.
पुरुषों से कम नहीं हैं महिलाएंः ई-रिक्शा चालक रुपाली देवी और इनके आत्मविश्वास को देख हैरान हो जाएंगे. रुपाली देवी बताती है कि कि आज सीएम नितीश कुमार की वजह से अपने पैरों पर खड़ी है और अपना परिवार चला रही है. यह किसी मामले में पुरुषों से कम नहीं है. इनका कहना है कि आज महिलाएं ट्रेन चला रही है और प्लेन उड़ा रही है. हमलोग भी आज आगे बढ़ रहें है.
"मार्च महीने से ही काम कर रही हूं. सुबह के सुबह चार बजे उठ जाते हैं. खाना बनाकर और बच्चों को स्कूल भेजकर 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक शहर में कचड़ा उठाव करती हूं. 2 बजे के बाद घर चली जाती हूं. इसके बाद घर का काम होता है. सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद है, जिन्होंने पैर पर खड़ा होने का मौका दिया." -रुपाली देवी, ई-रिक्शा चालक, नगर निगम बेतिया
महिला के हाथ में बेतिया नगर निगम की कमान: बता दें कि शहर की कमान महिलाओं के ही हाथ में है. यहां 46 में 23 पार्षद महिला हैं. शहर में 18 महिलाएं ई-रिक्शा चलाती हैं. आउटसोर्सिंग से 185 महिलाएं सफाई कर्मी है. 10 महिलाएं अस्थाई और अनुबंध पर बहाल हैं. महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह का कार्यक्रम चला रही है. आज महिलाओं के दम पर बेतिया नगर निगम की साफ-सफाई व्यवस्था टिकी हुई है. जिसे बखूबी से निभाया जा रहा है.
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