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अब जमीन पर घसीटकर नहीं, ट्राई साइकिल से स्कूल जाएगी बेतिया की चांद तारा - बेतिया डीएम कुंदन कुमार

बिहार की बेतिया की चांद तारा अब जमीन पर घसीट-घसीट कर नहीं बल्कि ट्राई साइकिल (Bettiah daughter Chand Tara got Tricycle) पर सवार होकर स्कूल जाएगी. बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने ईटीवी भारत की खबर पर एक्शन लेते हुए बच्ची को 24 घंटे के अंदर साइकिल मुहैया करवा दी है. पढ़ें पूरी खबर..

Bettiah daughter Chand Tara got Tricycle
Bettiah daughter Chand Tara got Tricycle
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Published : Jun 1, 2022, 2:11 PM IST

बेतिया: दोनों पैरों से दिव्यांग छात्रा चांद तारा ( Divyang Girl Chand Tara From Bettiah) को अब जमीन पर घसीटते हुए स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद इस बच्ची को ट्राई साइकिल दी गयी है. मझौलिया प्रखंड के हरपुर गढ़वा पंचायत (Divyang Girl From Harpur Garhwa Panchayat) के वार्ड नंबर 13 की दिव्यांग चांद तारा अब साइकिल पर सवार होकर दूसरे बच्चों की तरह ही स्कूल जा सकेगी.

पढ़ें- चांद तारा ने दिव्यांगता को दी मात, हर रोज 1.5 KM जमीन पर घसीट कर पहुंचती है स्कूल

चांद तारा को दी गयी ट्राई साइकिल: ईटीवी भारत ने मझौलिया के हरपुर गढ़वा पंचायत के वार्ड नम्बर 13 की दिव्यांग छात्रा चांद तार की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. चांद तारा डेढ़ किमी दूर घिसक घिसक कर स्कूल जाती थी. बेतिया डीएम कुंदन कुमार (Bettiah DM Kundan Kumar) ने ईटीवी भारत की खबर पर त्वरित संज्ञान लिया और 24 घण्टे के अंदर दिव्यांग छात्रा को ट्राई साइकिल दे दी गयी है. साथ ही राशन कार्ड में भी परिवार का नाम जोड़ा गया है.

अब जमीन पर घसीटते हुए चांद तारा नहीं जाएगी स्कूल: चांद तारा ( Divyang Student Chand Tara Story From Bettiah) के पिता नहीं हैं. उनका इंतकाल हो चुका है. इसकी परवरिश मां करती है. चांद तारा के पांच बहन और चार भाई हैं लेकिन भाइयों ने भी इससे मुंह फेर लिया है. लगभग 15 साल की चांद तारा के हौसले बुलंद हैं. जैसा नाम है, वैसे ही इसकी सोच है. पढ़ने का लगन है. कुछ बनने का जुनून है. तभी तो सालों से धरती पर घिसक-घिसक कर डेढ़ किलोमीटर दूर स्कूल जाती है. इसे ट्राई साइकिल नहीं मिलने की खबर ईटीवी ने दिखाई थी. यही नहीं इसे राशन कार्ड तक नहीं मिला है. इस बेबस, लाचार, छात्रा की किसी ने आज तक सुध नहीं ली है.

ईटीवी भारत की खबर का हुआ असर: ईटीवी भारत ने आपको इस बच्ची की कहानी बताई थी. दरअसल डेढ़ किमी दूर घिसक घिसक कर छात्रा स्कूल जाती थी. उसे ट्राई साइकिल नही मिली थी. वह ट्राई साइकिल के लिए गुहार लगा रही थी. गरीब बेबस लाचार इस छात्रा को राशन कार्ड भी नहीं मिला था. उसे राशन भी नहीं मिलता था. इस दिव्यांग को पेंशन भी नहीं मिलता था. ईटीवी भारत ने दिव्यांग छात्रा चांद तारा के जज्बे की खबर कल प्रमुखता से चलाई और खबर का बड़ा असर हुआ. बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने त्वरित संज्ञान लिया और 24 घण्टे के अंदर दिव्यांग छात्रा को ट्राई साइकिल दी गयी है. पेंशन के लिए फार्म भरा गया है. अधिकारियों की टीम दिव्यांग छात्रा के घर पहुंची और एमओ ने राशन कार्ड बनवाया है.

परिवार ने ईटीवी भारत को कहा शुक्रिया: अधिकारियों की फौज दिव्यांग छात्रा चांद तारा के घर पहुंची और बेबस छात्रा को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया. छात्रा चांद तारा के हौसलों को नई उड़ान मिल गई है. इसके लिए ग्रामीणों और चांद तारा के परिवार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

"बच्ची के बारे में सूचना मिली थी . हमने वेरिफिकेशन कर लिया है जल्द ही राशन कार्ड निर्गत करा दिया जाएगा. कुछ कागजात को लेकर परेशानी थी. आपके माध्यम से जानकारी मिली और समस्या का समाधान कर दिया गया है. कहीं न कहीं ऑनलाइन होने के प्रोसेस में गड़बड़ी हुई थी."- शैलेंद्र कुमार, एमओ, मझौलिया

पढ़ें- VIDEO: 500 मीटर तक पगडंडियों पर एक पांव से स्कूल जाती है 10 साल की सीमा

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बेतिया: दोनों पैरों से दिव्यांग छात्रा चांद तारा ( Divyang Girl Chand Tara From Bettiah) को अब जमीन पर घसीटते हुए स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद इस बच्ची को ट्राई साइकिल दी गयी है. मझौलिया प्रखंड के हरपुर गढ़वा पंचायत (Divyang Girl From Harpur Garhwa Panchayat) के वार्ड नंबर 13 की दिव्यांग चांद तारा अब साइकिल पर सवार होकर दूसरे बच्चों की तरह ही स्कूल जा सकेगी.

पढ़ें- चांद तारा ने दिव्यांगता को दी मात, हर रोज 1.5 KM जमीन पर घसीट कर पहुंचती है स्कूल

चांद तारा को दी गयी ट्राई साइकिल: ईटीवी भारत ने मझौलिया के हरपुर गढ़वा पंचायत के वार्ड नम्बर 13 की दिव्यांग छात्रा चांद तार की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. चांद तारा डेढ़ किमी दूर घिसक घिसक कर स्कूल जाती थी. बेतिया डीएम कुंदन कुमार (Bettiah DM Kundan Kumar) ने ईटीवी भारत की खबर पर त्वरित संज्ञान लिया और 24 घण्टे के अंदर दिव्यांग छात्रा को ट्राई साइकिल दे दी गयी है. साथ ही राशन कार्ड में भी परिवार का नाम जोड़ा गया है.

अब जमीन पर घसीटते हुए चांद तारा नहीं जाएगी स्कूल: चांद तारा ( Divyang Student Chand Tara Story From Bettiah) के पिता नहीं हैं. उनका इंतकाल हो चुका है. इसकी परवरिश मां करती है. चांद तारा के पांच बहन और चार भाई हैं लेकिन भाइयों ने भी इससे मुंह फेर लिया है. लगभग 15 साल की चांद तारा के हौसले बुलंद हैं. जैसा नाम है, वैसे ही इसकी सोच है. पढ़ने का लगन है. कुछ बनने का जुनून है. तभी तो सालों से धरती पर घिसक-घिसक कर डेढ़ किलोमीटर दूर स्कूल जाती है. इसे ट्राई साइकिल नहीं मिलने की खबर ईटीवी ने दिखाई थी. यही नहीं इसे राशन कार्ड तक नहीं मिला है. इस बेबस, लाचार, छात्रा की किसी ने आज तक सुध नहीं ली है.

ईटीवी भारत की खबर का हुआ असर: ईटीवी भारत ने आपको इस बच्ची की कहानी बताई थी. दरअसल डेढ़ किमी दूर घिसक घिसक कर छात्रा स्कूल जाती थी. उसे ट्राई साइकिल नही मिली थी. वह ट्राई साइकिल के लिए गुहार लगा रही थी. गरीब बेबस लाचार इस छात्रा को राशन कार्ड भी नहीं मिला था. उसे राशन भी नहीं मिलता था. इस दिव्यांग को पेंशन भी नहीं मिलता था. ईटीवी भारत ने दिव्यांग छात्रा चांद तारा के जज्बे की खबर कल प्रमुखता से चलाई और खबर का बड़ा असर हुआ. बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने त्वरित संज्ञान लिया और 24 घण्टे के अंदर दिव्यांग छात्रा को ट्राई साइकिल दी गयी है. पेंशन के लिए फार्म भरा गया है. अधिकारियों की टीम दिव्यांग छात्रा के घर पहुंची और एमओ ने राशन कार्ड बनवाया है.

परिवार ने ईटीवी भारत को कहा शुक्रिया: अधिकारियों की फौज दिव्यांग छात्रा चांद तारा के घर पहुंची और बेबस छात्रा को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया. छात्रा चांद तारा के हौसलों को नई उड़ान मिल गई है. इसके लिए ग्रामीणों और चांद तारा के परिवार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

"बच्ची के बारे में सूचना मिली थी . हमने वेरिफिकेशन कर लिया है जल्द ही राशन कार्ड निर्गत करा दिया जाएगा. कुछ कागजात को लेकर परेशानी थी. आपके माध्यम से जानकारी मिली और समस्या का समाधान कर दिया गया है. कहीं न कहीं ऑनलाइन होने के प्रोसेस में गड़बड़ी हुई थी."- शैलेंद्र कुमार, एमओ, मझौलिया

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