बेतिया: बगहा अनुमंडल का सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को आइना दिखाने का काम कर रहा है. यहां कर्मियों की कमी होने के बावजूद बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. बिहार-यूपी की सीमा पर स्थित ठकराहा प्रखण्ड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व्यवस्थाओं के मामले में किसी भी प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं है. यहां उपलब्ध तमाम सुविधाएं इसको अन्य सरकारी अस्पतालों की तुलना में सबसे अलग बनाती हैं.
चमकता रहता है अस्पताल
बता दें कि प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग की हालत किसी से छिपी नहीं है. बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. इसके बावजूद जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठकराहा के इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में निजी अस्पतालों को टक्कर दे रहा है. इस अस्पताल में वो तमाम सुविधाएं मौजूद हैं. जो शायद ही जिले के किसी अस्पताल में देखने को ना मिलें. इस अस्पताल में साफ-सुथरा वेटिंग रूम, दवा की बेहतर उपलब्धता है. खास बात तो यह है कि यह सरकारी अस्पताल अन्य अस्पतालों की तुलना में ज्यादा साफ रहता है.
सीसीटीव कैमरों से लैस है अस्पताल
बता दें कि यह अस्पताल पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस है. साथ ही जन्मजात बच्चों के लिए ऑक्सीजन के साथ ही अन्य उपकरण भी लगे हुए हैं. यही वजह है कि यहां आने वाले मरीज पूरी तरह से संतुष्ट होकर जाते हैं. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं.
अस्पताल में कर्मियों की भारी कमी
बता दें कि तमाम सुविधाओं से लैस होने के बावजूद भी इस अस्पताल में कर्मियों की भारी कमी है. चिकित्सकों का कहना है कि अस्पताल में ना तो कंपाउंडर हैं और ना ही ड्रेसर और नर्स हैं. चिकित्सकों का कहना है कि सर्जिकल कार्य एएनएम और एम्बुलेंस पर रहने वाले कर्मियों से कराते हैं, जिनके पास कोई सर्टिफिकेट नहीं है.
अवधि समाप्त होने के बाद भी इलाज कर रहे डॉक्टर
इस अस्पताल के दो चिकित्सकों में एक चिकित्सक संविदा पर बहाल है, जिनकी संविदा अवधि भी समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद भी जनभावना और सेवा विस्तार की आस लगाकर अपनी सेवा लगातार जारी रखे हैं. संविदा पर बहाल चिकित्सक कृष्णा नंद वर्मा का कहना है कि एक साल पहले ही उनकी सेवा समाप्त हो गई है. इसके बाद विभागीय अधिकारियों को सेवा विस्तार संबंधित पत्र अनेकों बार लिखा गया है, लेकिन विभाग ने अब तक कोई सुनवाई नहीं की है.