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बगहा: महाशिवरात्रि पर्व पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला स्थगित, इश्तेहार चस्पा - इंडो नेपाल सीमा

महलबारी स्थित मदरिया पहाड़ की चोटी पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि इसके लिए नेपाल के सीमाई क्षेत्रों में इश्तेहार चस्पा कर सूचना दी गई है.

baba madar urs mela
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Published : Mar 8, 2021, 2:03 PM IST

पश्चिम चंपारण (बगहा): इंडो नेपाल सीमा से सटे नेपाल क्षेत्र के महलबारी स्थित मदरिया पहाड़ की चोटी पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन इस बार स्थगित कर दिया गया है. इसके लिए नेपाल के महलबारी समेत त्रिवेणी समेत अन्य सीमाई क्षेत्रों में इश्तेहार चस्पा कर ग्रामीणों को सूचना दी गई है. महाशिवरात्रि पर्व पर लगने वाला यह मेला तकरीबन 15 दिनों तक लगता है जिसमें नेपाल सहित यूपी-बिहार के लोग भारी संख्या में मन्नतें मांगने पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ें - राष्ट्रीय प्रयास नाट्य मेला में नाटक लत का नेपाल के कलाकारों ने किया मंचन

बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन स्थगित
बता दें कि वाल्मीकिनगर स्थित इंडो-नेपाल सीमा से सटे मदरिया पहाड़ की चोटी पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं होगा. उर्स मेला कमिटी ने यह फैसला कोविड महामारी की वजह से लिया है. बताया जाता है कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सीमा से 4 किमी दूर महलबारी स्थित मदरिया पहाड़ पर लगने वाले इस मेला का आयोजन नहीं हो रहा है. इसके लिए नेपाल के सीमाई क्षेत्रों में इश्तेहार चिपका कर सूचना दी गई है.

baba madar urs mela
महाशिवरात्रि पर बाबा मदार उर्स मेला स्थगित

मन्नतें मांगने आते हैं लोग
वसंत पंचमी के बाद 15 दिनों तक लगने वाले इस मेले का समापन महाशिवरात्रि के एक दिन बाद सम्पन्न होता है. बताया जाता है कि नेपाल सहित बिहार और यूपी से लाखों की संख्या में लोग 4 से 5 घंटे की चढ़ाई कर 7 पहाड़ों को पार कर मदरिया पहाड़ की चोटी पर मन्नतें मांगने पहुंचते हैं, जहां मेला लगा रहता है. इस सफर के दौरान नकधरवा पहाड़ की चढ़ाई सबसे खतरनाक व रोमांचित करने वाला होता है.

baba madar urs mela
बाबा मदार उर्स मेला स्थगित

यह भी पढ़ें - कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल: मां बनने के महज 7 दिन बाद कोविड वार्ड में ड्यूटी करने लगीं डॉ दीपाली

मेला स्थगित होने से व्यवसायी हैं निराश
कोरोना संक्रमण की वजह से वाल्मीकिनगर स्थित इंडो नेपाल सीमा अब तक बंद है. लिहाजा दोनों देशों से आवागमन ठप होने से सीमाई क्षेत्र के व्यवसायियों की कमर पहले से टूटी हुई है. स्थानीय व्यवसायियों को उम्मीद थी कि महाशिवरात्रि के माह में लगने वाले उर्स मेला तक सीमा खोल दिया जाएगा. जिससे वे मेला में अपनी दुकानें लगाने जाएंगे. लेकिन सीमा नहीं खुलने और बाबा मदार उर्स मेला स्थगित होने से इन्हें निराशा हाथ लगी है. क्योंकि लाखों में आने वाले लोगों की वजह से इनका मंद पड़ा व्यवसाय चंगा हो जाता.

पश्चिम चंपारण (बगहा): इंडो नेपाल सीमा से सटे नेपाल क्षेत्र के महलबारी स्थित मदरिया पहाड़ की चोटी पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन इस बार स्थगित कर दिया गया है. इसके लिए नेपाल के महलबारी समेत त्रिवेणी समेत अन्य सीमाई क्षेत्रों में इश्तेहार चस्पा कर ग्रामीणों को सूचना दी गई है. महाशिवरात्रि पर्व पर लगने वाला यह मेला तकरीबन 15 दिनों तक लगता है जिसमें नेपाल सहित यूपी-बिहार के लोग भारी संख्या में मन्नतें मांगने पहुंचते हैं.

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बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन स्थगित
बता दें कि वाल्मीकिनगर स्थित इंडो-नेपाल सीमा से सटे मदरिया पहाड़ की चोटी पर लगने वाला बाबा मदार उर्स मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं होगा. उर्स मेला कमिटी ने यह फैसला कोविड महामारी की वजह से लिया है. बताया जाता है कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सीमा से 4 किमी दूर महलबारी स्थित मदरिया पहाड़ पर लगने वाले इस मेला का आयोजन नहीं हो रहा है. इसके लिए नेपाल के सीमाई क्षेत्रों में इश्तेहार चिपका कर सूचना दी गई है.

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महाशिवरात्रि पर बाबा मदार उर्स मेला स्थगित

मन्नतें मांगने आते हैं लोग
वसंत पंचमी के बाद 15 दिनों तक लगने वाले इस मेले का समापन महाशिवरात्रि के एक दिन बाद सम्पन्न होता है. बताया जाता है कि नेपाल सहित बिहार और यूपी से लाखों की संख्या में लोग 4 से 5 घंटे की चढ़ाई कर 7 पहाड़ों को पार कर मदरिया पहाड़ की चोटी पर मन्नतें मांगने पहुंचते हैं, जहां मेला लगा रहता है. इस सफर के दौरान नकधरवा पहाड़ की चढ़ाई सबसे खतरनाक व रोमांचित करने वाला होता है.

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बाबा मदार उर्स मेला स्थगित

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मेला स्थगित होने से व्यवसायी हैं निराश
कोरोना संक्रमण की वजह से वाल्मीकिनगर स्थित इंडो नेपाल सीमा अब तक बंद है. लिहाजा दोनों देशों से आवागमन ठप होने से सीमाई क्षेत्र के व्यवसायियों की कमर पहले से टूटी हुई है. स्थानीय व्यवसायियों को उम्मीद थी कि महाशिवरात्रि के माह में लगने वाले उर्स मेला तक सीमा खोल दिया जाएगा. जिससे वे मेला में अपनी दुकानें लगाने जाएंगे. लेकिन सीमा नहीं खुलने और बाबा मदार उर्स मेला स्थगित होने से इन्हें निराशा हाथ लगी है. क्योंकि लाखों में आने वाले लोगों की वजह से इनका मंद पड़ा व्यवसाय चंगा हो जाता.

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