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वैशाली: राशन कार्ड के लिए महिलाओं ने किया हंगामा, पंचायत सचिव के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जीविका समूह को नये राशन कार्ड बनाने के आदेश दिए, तो सभी समूह सदस्य ने पंचायत सचिव से मिलकर राशन कार्ड की जानकारी मांगी. तो पंचायत सचिव ने सभी से पैसे की मांग की. लेकिन पैसा देने के बाद भी अब तक राशन कार्ड नहीं मिल सका है.

महिलाओं ने किया हंगामा
महिलाओं ने किया हंगामा
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Published : May 30, 2020, 11:03 AM IST

वैशाली: जिले के सुल्तानपुर पंचायत की दर्जनों महिलाएं सदर प्रखंड परिसर स्थित सचिव श्याम सुंदर राय के सरकारी आवास सह कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गई. इस दौरान महिलाओं को देखकर पंचायत सचिव ने अपने कार्यालय के गेट में अंदर से ताला बंद कर दिया. जिससे गुस्साई महिलाओं ने गेट को धक्का देकर तोड़ दिया और पंचायत सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए.

हंगामा कर रही महिलाएं वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग कर रही थी. महिलाओं का आरोप है कि राशन कार्ड बनाने के नाम पर 500 रुपये लेने के 2 साल बाद भी राशन कार्ड नहीं मिला. अब लॉकडाउन के कारण हम गरीबों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
महिलाओं ने वरिय अधिकारी को फोन पर सूचना देकर पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. माहिलाओं ने सचिव को धमकाते हुए कहा कि ईमानदारी से अगर काम नहीं करेंगे, तो अगली बार सजा भुगतने को तैयार रहें. हंगामा कर रही महिलाओं ने बताया कि हम सभी गरीब हैं, इसके बाद भी हमारा राशन कार्ड नहीं बन पाया है और बीपीएल में भी नाम दर्ज नहीं है.

सरकार की ओर से 2018 में नये राशन कार्ड बनाने का आदेश मिला था. जिसके बाद हम लोगों ने आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचकर फॉर्म जमा किया था. बीपीएल में नाम नहीं रहने के कारण हम सभी बीपीएल में नाम दर्ज कराने को लेकर पंचायत सचिव से मिले. पंचायत सचिव श्याम सुंदर राय ने नाम दर्ज करने के लिए सभी से 500 रुपये की मांग की थी. साथ ही राशन कार्ड का आवेदन और पैसा एक साथ जमा करने को कहा था.

राशन कार्ड बनाने में लापरवाही का लगा आरोप
महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जिविका समूह को नये राशन कार्ड बनाने के आदेश दिए. तो सभी समूह सदस्य ने पंचायत सचिव से मिलकर राशन कार्ड की जानकारी मांगी. जिसके बाद पंचायत सचिव ने सभी से एक हजार रुपये जमा करने को कहा. जहां कुछ महिलाओं ने रुपये दे दिये, तो उनका राशन कार्ड मिल गया. लेकिन बाकी लोगों को राशन कार्ड नहीं मिला. इसलिए सभी महिलाएं समूह बनाकर पंचायत सचिव से पूछताछ करने आयी तो उन्होंने गेट बंद कर लिया. सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और कागजात फाड़ने के आरोप में फंसा देने की धमकी देने लगे.

वहीं, पंचायत सचिव श्याम सुंदर राय ने बताया कि पैसा लेने की बाद गलत है. राशन कार्ड की रिसीविंग सभी को दे चुके हैं और कार्ड बनाने का अधिकार एसडीओ को होता है. उन्होंने कहा कि हमारे साथ महिलाओं ने बदसलूकी की और कई फाइलें फेंक दी, जिसकी सूचना वरीय अधिकारी को दी गई है.

वैशाली: जिले के सुल्तानपुर पंचायत की दर्जनों महिलाएं सदर प्रखंड परिसर स्थित सचिव श्याम सुंदर राय के सरकारी आवास सह कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गई. इस दौरान महिलाओं को देखकर पंचायत सचिव ने अपने कार्यालय के गेट में अंदर से ताला बंद कर दिया. जिससे गुस्साई महिलाओं ने गेट को धक्का देकर तोड़ दिया और पंचायत सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए.

हंगामा कर रही महिलाएं वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग कर रही थी. महिलाओं का आरोप है कि राशन कार्ड बनाने के नाम पर 500 रुपये लेने के 2 साल बाद भी राशन कार्ड नहीं मिला. अब लॉकडाउन के कारण हम गरीबों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
महिलाओं ने वरिय अधिकारी को फोन पर सूचना देकर पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. माहिलाओं ने सचिव को धमकाते हुए कहा कि ईमानदारी से अगर काम नहीं करेंगे, तो अगली बार सजा भुगतने को तैयार रहें. हंगामा कर रही महिलाओं ने बताया कि हम सभी गरीब हैं, इसके बाद भी हमारा राशन कार्ड नहीं बन पाया है और बीपीएल में भी नाम दर्ज नहीं है.

सरकार की ओर से 2018 में नये राशन कार्ड बनाने का आदेश मिला था. जिसके बाद हम लोगों ने आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचकर फॉर्म जमा किया था. बीपीएल में नाम नहीं रहने के कारण हम सभी बीपीएल में नाम दर्ज कराने को लेकर पंचायत सचिव से मिले. पंचायत सचिव श्याम सुंदर राय ने नाम दर्ज करने के लिए सभी से 500 रुपये की मांग की थी. साथ ही राशन कार्ड का आवेदन और पैसा एक साथ जमा करने को कहा था.

राशन कार्ड बनाने में लापरवाही का लगा आरोप
महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जिविका समूह को नये राशन कार्ड बनाने के आदेश दिए. तो सभी समूह सदस्य ने पंचायत सचिव से मिलकर राशन कार्ड की जानकारी मांगी. जिसके बाद पंचायत सचिव ने सभी से एक हजार रुपये जमा करने को कहा. जहां कुछ महिलाओं ने रुपये दे दिये, तो उनका राशन कार्ड मिल गया. लेकिन बाकी लोगों को राशन कार्ड नहीं मिला. इसलिए सभी महिलाएं समूह बनाकर पंचायत सचिव से पूछताछ करने आयी तो उन्होंने गेट बंद कर लिया. सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और कागजात फाड़ने के आरोप में फंसा देने की धमकी देने लगे.

वहीं, पंचायत सचिव श्याम सुंदर राय ने बताया कि पैसा लेने की बाद गलत है. राशन कार्ड की रिसीविंग सभी को दे चुके हैं और कार्ड बनाने का अधिकार एसडीओ को होता है. उन्होंने कहा कि हमारे साथ महिलाओं ने बदसलूकी की और कई फाइलें फेंक दी, जिसकी सूचना वरीय अधिकारी को दी गई है.

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