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लापरवाही की हद है.. बिहार में मुर्दे को भी लगा दी हथकड़ी!

सात दिन के अंदर हाजीपुर मंडल कारा प्रशासन की घोर लापरवाही और शर्मनाक करतूत सामने आयी है. रविवार को एक कैदी की मौत (Prisoner Death in Hajipur Jail) हो गयी. जेल प्रशासन ने मृत कैदी को हथकड़ी में बांधकर अस्पताल पहुंचा दिया. उसे 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लगभग एक सप्ताह पहले जेल भेजा गया था. पढ़ें पूरी खबर

Hajipur Mandal Jail
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Published : Feb 21, 2022, 9:31 AM IST

Updated : Feb 21, 2022, 11:50 AM IST

वैशाली: बिहार के हाजीपुर मंडल कारा (Hajipur Mandal Jail) प्रशासन की अमानवीय और शर्मनाक करतूत सामने आई है. जेल में एक विचाराधीन कैदी की मौत (undertrial prisoner Death in Hajipur) हो गयी. इसके बाद हाजीपुर जेल प्रशासन ने मृतक कैदी को हथकड़ी लगाकर (Dead prisoner handcuffed by hazipur jail administration) अस्पताल पहुंचा दिया. आरोप है कि अब खुद की नाकामी छिपाने के लिए जेल प्रशासन लीपापोती में जुटा है.

ये भी पढ़ें: पटना से मुजफ्फरपुर ड्यूटी के लिए निकला लापता स्वास्थ्यकर्मी हाजीपुर से बरामद, चोर समझकर लोगों ने जमकर पीटा

दरअसल, यह मामला हाजीपुर जेल में एक कैदी की मौत का है. बताया जाता है कि दोपहर में हाजीपुर जेल प्रशासन एक कैदी को लेकर अस्पताल पहुंचा था. पुलिस के मुताबिक, लालगंज थाने के एक आपराधिक मामले में राजकिशोर साह जेल में बंद था. जेल में ही वह बीमार था और इसी वजह से उसकी मौत हो गई थी. राजकिशोर को चार दिन पहले जेल लाया गया था. अचानक उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

देखें वीडियो

आरोप है कि जेल में ही कैदी की मौत हो चुकी थी, लेकिन जेल प्रशासन के लोग अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुर्दा कैदी को बीमार बताकर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. जेल के अधिकारियों को भी खबर दी कि कैदी बीमार है. आरोप है कि परिजनों को भी कैदी की मौत की खबर देने की बजाय जेल प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए चिट्ठी लिख कर जानकारी दी. दूसरी ओर, सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि कैदी को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था. यहां उसका किसी तरह का इलाज नहीं हुआ. वहीं, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं.

ये भी पढ़ें: हाजीपुर जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत, शराब मामले में हुआ था अंदर

बता दें कि राजकिशोर साह लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था. उसे एक लगभग सप्ताह पहले पुलिस ने 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बताया जा रहा है कि 2015 में लालगंज बाजार में दंगा हुआ था. इस मामले में लालगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 16 फरवरी को उसे जेल भेजा गया था. कैदी की मौत हो जाने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई. इसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे.

बताया जा रहा है मृतक लालगंज में एक छोटी सी दुकान चलाता था. उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सात साल पहले हुए दंगा मामले में मृत कैदी के पुत्र की भी गिरफ्तारी हुई है. पुत्र अभी जेल में ही है. वहीं, कैदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. पोस्टमार्टम कराने के पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

ये भी पढ़ें: VIDEO में देखें मौत का खौफनाक मंजर, ट्रक ने बाइक सवार परिवार को रौंद डाला

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वैशाली: बिहार के हाजीपुर मंडल कारा (Hajipur Mandal Jail) प्रशासन की अमानवीय और शर्मनाक करतूत सामने आई है. जेल में एक विचाराधीन कैदी की मौत (undertrial prisoner Death in Hajipur) हो गयी. इसके बाद हाजीपुर जेल प्रशासन ने मृतक कैदी को हथकड़ी लगाकर (Dead prisoner handcuffed by hazipur jail administration) अस्पताल पहुंचा दिया. आरोप है कि अब खुद की नाकामी छिपाने के लिए जेल प्रशासन लीपापोती में जुटा है.

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दरअसल, यह मामला हाजीपुर जेल में एक कैदी की मौत का है. बताया जाता है कि दोपहर में हाजीपुर जेल प्रशासन एक कैदी को लेकर अस्पताल पहुंचा था. पुलिस के मुताबिक, लालगंज थाने के एक आपराधिक मामले में राजकिशोर साह जेल में बंद था. जेल में ही वह बीमार था और इसी वजह से उसकी मौत हो गई थी. राजकिशोर को चार दिन पहले जेल लाया गया था. अचानक उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

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आरोप है कि जेल में ही कैदी की मौत हो चुकी थी, लेकिन जेल प्रशासन के लोग अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुर्दा कैदी को बीमार बताकर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. जेल के अधिकारियों को भी खबर दी कि कैदी बीमार है. आरोप है कि परिजनों को भी कैदी की मौत की खबर देने की बजाय जेल प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए चिट्ठी लिख कर जानकारी दी. दूसरी ओर, सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि कैदी को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था. यहां उसका किसी तरह का इलाज नहीं हुआ. वहीं, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं.

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बता दें कि राजकिशोर साह लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था. उसे एक लगभग सप्ताह पहले पुलिस ने 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बताया जा रहा है कि 2015 में लालगंज बाजार में दंगा हुआ था. इस मामले में लालगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 16 फरवरी को उसे जेल भेजा गया था. कैदी की मौत हो जाने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई. इसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे.

बताया जा रहा है मृतक लालगंज में एक छोटी सी दुकान चलाता था. उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सात साल पहले हुए दंगा मामले में मृत कैदी के पुत्र की भी गिरफ्तारी हुई है. पुत्र अभी जेल में ही है. वहीं, कैदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. पोस्टमार्टम कराने के पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

ये भी पढ़ें: VIDEO में देखें मौत का खौफनाक मंजर, ट्रक ने बाइक सवार परिवार को रौंद डाला

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Last Updated : Feb 21, 2022, 11:50 AM IST
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