वैशालीः कार्तिक पूर्णिमा में होने वाले स्नान की तमाम तैयारियां सोनपुर में पूरी कर ली गई हैं. लेकिन सोनपुर मेला नहीं लगने से दुकानदार सहित स्थानीय लोग काफी नाराज हैं. सदियों पुराने सोनपुर मेला (Sonepur Fair) का आनंद लोग इस बार भी नहीं उठा पाएंगे. इस बार भी मेले के आयोजन पर प्रतिबंध (Ban on Sonepur Fair) है. आलम यह है कि जब भी कोई नेता यहां से गुजरता है. स्थानीय लोग यह सवाल लेकर मौजूद हो जाते हैं कि जब कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हो रहा है तो मेला क्यों नहीं लग सकता.
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कोविड-19 के कारण सोनपुर मेला को लगाने से बिहार सरकार ने इंकार कर दिया है. सोनपुर वासियों की मांग के बावजूद सोनपुर मेला इस बार नहीं लगाया जाएगा. स्थानीय प्रमोद कुमार बताते हैं कि जब भी कोई नेता सोनपुर से गुजरता है उनसे वो लोग यह सवाल पूछते हैं कि जब पूर्णिमा स्नान लोगों की भीड़ होगी तो मेला क्यों नहीं लगेगा.
वहीं मेला लगने के इंतजार में दुकान सजाकर बैठे विजय शर्मा बताते हैं कि अगर मेला नहीं लगा तो उनको काफी नुकसान होगा. मेला लगने से अच्छी खासी आमदनी होती है. इनकी दुकान पर तमाम तरह के लोहे से बनी वह सामान मौजूद हैं जो घरेलू उपयोग में लाए जाते हैं. साथ इस दुकान पर सोनपुर मेले में बिकने वाली मसहूर तलवार के साथ अन्य पारंपरिक हथियार भी मौजूद है. लेकिन इन सब सामानों की बिक्री सोनपुर मेले पर निर्भर है.
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पूरे एशिया में सोनपुर का पशु मेला बेहद प्रसिद्ध है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि लगातार तीसरे साल सोनपुर का यह मेला नहीं लगेगा. जाहिर है कोविड-19 से बचाव के लिए बिहार सरकार ने एहतियातन यह कदम उठाया है. लेकिन जिस तरह पूर्णिमा स्नान की तैयारी है वैसे में मेला लगने को लेकर भी स्थानीय लोगों की मांग को जायज बताया जा रहा है.