वैशाली: बिहार के हाजीपुर में आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट धांधली (RRB NTPC Result) के आरोप में छात्रों ने बिहार बंद बुलाया हुआ था. आह्वान के मुताबिक बड़ी संख्या में छात्रों का समर्थन भी मिला था. राजनीतिक दलों ने भी इस बंद को समर्थन देकर इस बंदी को व्यापक बना दिया. लेकिन इस प्रदर्शन में बहुत लोग ऐसे भी थे जिन्हें ये पता ही नहीं था कि आखिर वो क्यों प्रोटेस्ट कर रहे हैं. जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने कुछ प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछा तो बगली झांकने लगे.
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जो रेलवे के अभ्यर्थी छात्र थे उन्हें तो पूरे मामले की जानकारी थी. लेकिन जो सिर्फ अपने पार्टी के कहने पर प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे थे, उन्हें जरा भी इसकी जानकारी नहीं थी कि वो क्यों सड़क जाम कर रहे हैं? एक प्रदर्शनकारी से पूछा गया कि वो यहां क्यों आए हैं? उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें उनकी पार्टी ने बताया था लेकिन उन्हें याद नहीं हैं. वहीं दूसरे प्रदर्शनकारी से जब यही सवाल दोहराया गया तो उन्होंने कहा कि आपको सवाल ही पूछने नहीं आ रहा है, फिर कहा कि वो लोग दो दिन पहले रेलवे छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए आए हैं. वहीं मौके पर जाम कर रहे एक शख्स ने कहा कि जो घोटाला हुआ है उसके लिए जाम किया जा रहा.
इसी तरह प्रदर्शन कर रहे आदित्य कुशवाहा ने बताया कि एक एक लड़के को पांच जोन में नौकरी दे दी गई है. एक लड़के को पांच पोस्ट पर रखकर कहा जाता है कि इतने लाख को नौकरी दे दी गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. यानी ज्यादातर प्रदर्शनकारियों में ऐसे लोग थे जो सियासी सरगर्मी को बढ़ाने आए थे. ऐसे लोग ही छात्रों के प्रदर्शन को कमजोर कर भटका रहे थे. हालांकि कुछ ऐसे भी लोग मौजूद थे जो लोगों और राहगीरों की परेशानी को समझते थे. कुछ प्रदर्शनकारियों ने जाम को हटवाने में प्रशासन की मदद भी की.
बवाल की वजह? दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा-2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है. 35 हजार पद के लिए आरआरबी और एनटीपीसी ने वैकेंसी कंडक्ट किया था. जिसमें मैट्रिक और इंटर पास छात्रों के लिए नौकरी के आवेदन ऑफर किए गए थे. साल 2021 में परीक्षा हुई और जब परीक्षाफल प्रकाशित हुए तो एक ही रोल नंबर के चार या पांच लड़के उत्तीर्ण दिखाए जा रहे थे.
ये विरोध बिहार और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है. मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि छात्रों ने कई बोगियों को फूंक दिया. रेल इंजन में आग लगा दी. नतीजतन, पुलिस ने छात्रों पर लाठीजार्च किया. खान सर और तमाम कोचिंग संस्थानों को शिक्षकों पर छात्रों को भड़काने के आरोप में FIR दर्ज किया गया. इन सबके विरोध में छात्र संगठनों ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान कर दिया.
इधर 27 जनवरी को ही भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा, 'आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट विवाद पर राजनीति हो रही है. जो भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, वे राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग हैं. इस मामले पर राजद, कांग्रेस समेत विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं. छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. जो पढ़ने वाले छात्र हैं, वे इन दलों की बातों में नहीं आएंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मेरी मुलाकात हुई है. छात्रों की प्रमुख मांगों पर सहमति बन गई है. रेलवे अब ग्रुप D की 2 की जगह 1 परीक्षा लेगा. एनटीपीसी के परिणाम एक उम्मीदवार-यूनिक रिजल्ट फॉर्मूला पर लागू होगा. एनटीपीसी की परीक्षा के साढ़े तीन लाख अतिरिक्त परिणाम वन कैंडिडेट-यूनिक रिजल्ट के आधार पर घोषित किए जाएंगे. जो समिति बनी है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद इन मांगों को क्रियान्वित किया जाएगा.'
रेलवे भर्ती परीक्षा के परिणाम के विश्लेषण का उनका एक वीडियो वायरल (Video Viral) हो गया, जिसमें वे परीक्षार्थियों को परीक्षा परिणाम के कथित गड़बड़ी की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही अपने हक के लिए आंदोलन करने की बात कर रहे हैं. रेलवे के खिलाफ छात्रों के बड़े आंदोलन को लेकर प्रशासन ने इस वीडियो को उकसाने वाला माना है. इस आंदोलन के बाद खान सर अपना फोन ऑफ करके लापता हो गए थे. इसी बीच खान सर का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वे कह रहे हैं कि 28 जनवरी को होने वाले किसी भी प्रोटेस्ट में हिस्सा न लें. लेकिन राजनीतिक दल और छात्र संगठनों ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए जगह जगह प्रदर्शन किए.
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