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विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला पर 3 साल से आयोजन पर 'ग्रहण'! लोगों ने जतायी नाराजगी - Hariharnath Mela

कोरोना के कारण सोनपुर में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेले का आयोजन इस साल भी नहीं होगा. जिसे लेकर श्रद्धालुओं और व्यापारियों में मायूसी है. स्थानीय लोगों ने आयोजन के लिए देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

सोनपुर मेला
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Published : Nov 1, 2021, 11:02 AM IST

हाजीपुरः गंगा और गंडक नदी के संगम पर हर साल लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेला, सोनपुर पर इस बार भी ग्रहण लग गया है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से इस सदियों पुराने सोनपुर मेला (Sonepur Fair) का आनंद लोग नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं, इस बार भी मेले के आयोजन पर प्रतिबंध (Ban on Sonepur Fair) है. जिसे लेकर स्थानीय लोग काफी नराज हैं. साथ ही पूरे बिहार के लोगों में भी मेले के नहीं लगने से काफी मायूसी है.

ये भी पढ़ेंः सोनपुर मेला लगाने को लेकर धरना, लोगों ने कहा- पंचायत चुनाव हो सकते हैं, तो मेले की भी मिले इजाजत

इस साल मेले के लगने की लोगों को उम्मीद थी और दो साल से लोग इसका इंतजार भी कर रहे थे. अब जब की लगभग सभी चिजें खोल दी गईं हैं. पर्व त्योहार का भी आयोजन हो रहा है. ऐसे मेले पर लगाया गया प्रतिबंध लोगों को मायूस कर रहा है. लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा भी है. विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया. इसका नेतृत्व हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी अजीत सिंह ने किया.

लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के नाम पर विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला पर प्रतिबंध लगाया गया है जो उचित नहीं है. इसको लेकर बिहार सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया गया. लोगों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार जानबूझकर मेले पर बेवजह प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप कर सोनपुर मेले को शुरू करने की मांग की गई है.


बता दें कि इन तीन सालों में सोनपुर मेले में आने वाले बड़ी संख्या में व्यापारी और छोटे दुकानदारों की दुकानदारी काफी प्रभावित हुई है. उनके सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो गई है क्योंकि कई छोटे दुकानदार ऐसे थे, जो इसी मेले की एक महीने की कमाई से पूरे साल अपनी आजीविका चलाते थे. लेकिन इस बार भी कोविड-19 को लेकर इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया. जिससे इन छोटे दुकानदारों में काफी मायूसी है.

गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ बाबा मेला सोनपुर में गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से शुरू होता है और लगभग एक महीने तक चलता है. इसमें बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक भी पहुंचते थे. श्रद्धालु बड़ी संख्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान कर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक करती थी. उसके बाद पूरे मेले का परिभ्रमण किया जाता था. लेकिन इस बार कोविड-19 के संक्रमण के कारण इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया.

इसे भी पढ़ें: पितृपक्ष 2021 का हुआ आगाज, जानें पहले दिन का महत्व

ये मेला पशु मेले के नाम से भी विख्यात है. जिसमें हाथी, घोड़ा, ऊंट, गाय, भैंस, चिड़िया और बकरी जैसे सभी जानवरों की खरीद बिक्री यहां बड़े पैमाने पर होती थी. लेकिन पिछले एक दो साल से हाथी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे इस मेले की रौनक काफी कम हो गई है. वैसे यहां पर बड़ी संख्या में जानवरों की खरीद बिक्री की जाती थी.

इस मेले में बड़ी संख्या में पूरे देश से व्यापारी आते थे और अपने स्टॉल लगाते थे. शाल, स्वेटर, कंबल, गर्म कपड़ों की इस मेले में बड़ी मात्रा में खरीद बिक्री होती थी. वहीं, इस मेले में लखनऊ और बनारस के साथ आगरा और अन्य जगहों की मिठाइयों के दुकानदार अपनी दुकानें लगाते थे. जबकि कई थियेटर भी इस मेले की रौनक को चार चांद लगाते थे.

हाजीपुरः गंगा और गंडक नदी के संगम पर हर साल लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेला, सोनपुर पर इस बार भी ग्रहण लग गया है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से इस सदियों पुराने सोनपुर मेला (Sonepur Fair) का आनंद लोग नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं, इस बार भी मेले के आयोजन पर प्रतिबंध (Ban on Sonepur Fair) है. जिसे लेकर स्थानीय लोग काफी नराज हैं. साथ ही पूरे बिहार के लोगों में भी मेले के नहीं लगने से काफी मायूसी है.

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इस साल मेले के लगने की लोगों को उम्मीद थी और दो साल से लोग इसका इंतजार भी कर रहे थे. अब जब की लगभग सभी चिजें खोल दी गईं हैं. पर्व त्योहार का भी आयोजन हो रहा है. ऐसे मेले पर लगाया गया प्रतिबंध लोगों को मायूस कर रहा है. लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा भी है. विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया. इसका नेतृत्व हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी अजीत सिंह ने किया.

लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के नाम पर विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला पर प्रतिबंध लगाया गया है जो उचित नहीं है. इसको लेकर बिहार सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया गया. लोगों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार जानबूझकर मेले पर बेवजह प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप कर सोनपुर मेले को शुरू करने की मांग की गई है.


बता दें कि इन तीन सालों में सोनपुर मेले में आने वाले बड़ी संख्या में व्यापारी और छोटे दुकानदारों की दुकानदारी काफी प्रभावित हुई है. उनके सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो गई है क्योंकि कई छोटे दुकानदार ऐसे थे, जो इसी मेले की एक महीने की कमाई से पूरे साल अपनी आजीविका चलाते थे. लेकिन इस बार भी कोविड-19 को लेकर इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया. जिससे इन छोटे दुकानदारों में काफी मायूसी है.

गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ बाबा मेला सोनपुर में गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से शुरू होता है और लगभग एक महीने तक चलता है. इसमें बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक भी पहुंचते थे. श्रद्धालु बड़ी संख्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान कर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक करती थी. उसके बाद पूरे मेले का परिभ्रमण किया जाता था. लेकिन इस बार कोविड-19 के संक्रमण के कारण इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया.

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ये मेला पशु मेले के नाम से भी विख्यात है. जिसमें हाथी, घोड़ा, ऊंट, गाय, भैंस, चिड़िया और बकरी जैसे सभी जानवरों की खरीद बिक्री यहां बड़े पैमाने पर होती थी. लेकिन पिछले एक दो साल से हाथी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे इस मेले की रौनक काफी कम हो गई है. वैसे यहां पर बड़ी संख्या में जानवरों की खरीद बिक्री की जाती थी.

इस मेले में बड़ी संख्या में पूरे देश से व्यापारी आते थे और अपने स्टॉल लगाते थे. शाल, स्वेटर, कंबल, गर्म कपड़ों की इस मेले में बड़ी मात्रा में खरीद बिक्री होती थी. वहीं, इस मेले में लखनऊ और बनारस के साथ आगरा और अन्य जगहों की मिठाइयों के दुकानदार अपनी दुकानें लगाते थे. जबकि कई थियेटर भी इस मेले की रौनक को चार चांद लगाते थे.

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