वैशाली: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) जब लागू हुई थी, तब तो सभी में डर बैठ गया था. तमाम लोगों ने शराब से तौबा कर ली लेकिन समय के साथ चीजें बदलने लगीं. लोग शराब पाने के लिए नए-नए विकल्प तलाशने लगे. जिससे शराब बेचने वालों ने भी नए तरीके खोज निकाले. बिहार के विभिन्न जिलों से आए दिन शराब का मामला सामने आते रहता है. ताजा मामला बिहार के वैशाली जिले का है. जहां मुखिया के पति ने एक पार्टी का आयोजन कराया. इसमें कुछ लोग शराब की बोतल (Liquor Party Video Viral) हाथ में लेकर जीत का जश्न मनाते दिख रहे हैं.
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मामला जिले के महनार के गोरीगामा पंचायत (Gorigama Panchayat In Vaishali) का है. जहां महनार थाना क्षेत्र के गोरीगमा से मुखिया चुनी गईं संगीता सिंह के पति राजेश कुमार सिंह और खन्ना सिंह ने जीत की खुशी में पार्टी का आयोजन किया. पार्टी में जमकर शराब का दौर चला. इसका वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
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वीडियो वायरल होने का बाद मामला जब थाने पहुंचा तो पुलिस ने वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली. इस मामले को लेकर जब मुखिया के पति से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनके सुर ही बदल गए. हाजीपुर पहुंचे एक निजी कार्यक्रम में राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इस वीडियो में केवल कुछ लड़के गाना बजाकर डांस रहे हैं. जश्न का कोई माहौल नहीं है. एक फ्रूट बियर किसी लड़के के हाथ में है. अगर वह जश्न का माहौल रहता, तो जितने भी लोग हैं सभी के हाथ में ग्लास या बियर होता. यह विरोधियों के द्वारा फंसाने का एक षड्यंत्र है.
'जश्न का माहौल था लेकिन शराब का जश्न नहीं था. जीत के जश्न का माहौल का था. जो हाथ में दिख रहा है वह फ्रूट बियर है. लाल रंग का डब्बा था. उस तरह के बाजार में सैकड़ों तरह के पदार्थ मिलते हैं. जिस तरह के पदार्थ को कोई बियर कह दे या दारू कह दे, यह अपने-अपने कहने और सोचने की बात है. उस विभिन्न तरह का पेय पदार्थ अलग डब्बे में न हो तो माना जाए. लेकिन मैं यह साबित कर दूंगा कि उस तरह के लाल डब्बे में फ्रूट बियर था. ' -राजेश कुमार सिंह, मुखिया पति
हालांकि प्रशासन मुस्तैदी से इस पूरे मामले की जांच करने में जुट गया है. जिसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. वहीं, वायरल वीडियो के सवाल पर राजेश कुमार सिंह ने कहा कि वायरल विरोधी कर रहे हैं. यह विरोधियों का काम है. 20 से 25 लोगों में एक के हाथ में फ्रूट बियर है. राजेश कुमार सिंह यही नहीं रुके. उन्होंने खुद को पाक-साफ बताते हुए कहा कि हम लोग शराबबंदी के प्रचार में लगे हुए हैं. शराबबंदी का प्रचार हम लोगों द्वारा किया जाता है. जो दूसरे लोग शराब बेचने या बनाने का काम करते हैं उन पर कार्रवाई करते हैं.
बिहार में शराबबंदी कानून का किस तरह मजाक उड़ाया जा रहा है, यह उसका जीता जागता उदाहरण है. मुखिया पति के द्वारा पहले शराब की पार्टी देना और फिर वीडियो सामने आने के बाद अजीबो-गरीब तरीके से सफाई देना. खुद को शराबबंदी का समर्थक बताना. कहीं न कहीं यह इस बात को साबित करता है कि जब तक जनता जागरूक होकर खुद से शराब को नहीं छोड़ेगी, तब तक सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले, 100 प्रतिशत सफलता नहीं मिल सकती है.
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