वैशाली : बिहार के वैशाली में हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने एक बड़ा फैसला दिया. अदालत ने 2001 के एक मामले में चार दोषियों को सजा सुनाई है. मामला वैशाली थाना क्षेत्र का था जहां पांच अभियुक्त ने मिलकर एक नाबालिग लड़की के साथ गैंग रेप कर उसकी हत्या कर दी थी.
अंतिम सांस तक आजीवन कारावास : अभियुक्तों ने नाबालिग को उसके घर से पहले पिस्तौल की नोक पर अगवा किया था. अगवा करते समय नाबालिक के साथ उसकी छोटी बहन सोई हुई थी, जिसके साथ भी मारपीट की गई. वहीं अगवा करने के बाद नाबालिग को घर के पास के ही बगीचे में ले जाया गया था. जहां सामूहिक दुष्कर्म के बाद गले में रस्सी लपेट कर उसकी हत्या कर दी गई थी. शव को पास की ही झाड़ी में फेंक दिया था.
घर में नहीं थे नाबालिग लड़की के परिजन : घटना तब घटी थी जब नाबालिग की मां अपने एक बेटे के साथ रिश्तेदार के यहां गई हुई थी. जिस घर में नाबालिग सोई थी उस घर के खिड़की पर ग्रिल नहीं लगा हुआ था, जिस रास्ते से अभियुक्त घर में दाखिल हुए थे. तब नाबालिक अपनी छोटी बहन के साथ सोई हुई थी. पॉस्को के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मामले में कांड संख्या वैशाली 260/21 25 अक्टूबर 2021 को एफआईए दर्ज हुआ था. 2 नवंबर 2021 को चार्ज फ्रेम हुआ.
रुपए 7 लाख का मुआवजा : गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने 7 जुलाई को चार अभियुक्तों को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का दोषी करार दे दिया था. वहीं सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एडीजे 6 सह विशेष न्यायाधीश पॉस्को जीवन लाल की अदालत ने चार अभियुक्तों को सजा सुनाई है. जिनमें रमेश कुमार भगत को अंतिम सांस तक आजीवन करावास और ₹70000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. चंदन कुमार साह, अनिल कुमार व अक्षय कुमार को आजीवन कारावास की सजा और ₹20000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. साथ ही पीड़िता के परिवार को बतौर मुआवजा 7 लाख रुपये दिया जाएगा. बताया गया कि इसमें पांच अभियुक्त हैं जिसमें एक अभियुक्त अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है.
"आज वैशाली 260/21 वैशाली थाना का एक केस का जिसमे में एक नाबालिग बच्ची के साथ पांच अभियुक्त ने मिलकर गैंगरेप किया और उसकी हत्या भी कर दी थी और हत्या करके लाश को छुपाने की नियत से झाड़ी में फेंक दिया था. आज उसमे अभियुक्त रमेश कुमार भगत को अंतिम सांसों तक के लिए आजीवन कारावास और 70 हजार जुर्माना, अभियुक्त चंदन कुमार साह, अनिल कुमार और अक्षय कुमार को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना और पीड़िता के परिवार वालों की 7 लाख रुपए मुआवजा यही न्यायालय का आदेश आया है." - मनोज कुमार शर्मा, विशेष लोक अभियोजक, पॉक्सो