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कचरे में मिला था नवजात बच्चे का शव, डीएम के आदेश पर कई नर्सिंग होम पर मेडिकल टीम का छापा

वैशाली में नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला था. इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. घटना संज्ञान में आने के बाद डीएम यशपाल मीना ने जांच का आदेश दिए हैं. जिसके बाद सिविल सर्जन ने जांच के लिए पांच सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया है. मंगलवार को टीम ने इलाके के कई नर्सिंग होम पर छापा मारा.

वैशाली में निजी नर्सिंग होम पर छापा
वैशाली में निजी नर्सिंग होम पर छापा
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Published : Aug 30, 2022, 4:48 PM IST

वैशाली: करीब तीन दिन पहले हाजीपुर के एसडीओ रोड पर नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला (Dead Body Of Newborn Child Found In Vaishali) था. इसी मामले को लेकर मेडिकल टीम ने नगर थाना क्षेत्र के जोहरी बाजार स्थित कई निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और जांच घरों पर छापेमारी (Medical Team Raid On Nursing Homes) की. छापेमारी के बारे में मेडिकल टीम ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. माना जा रहा है कि छापेमारी के दौरान पाए गए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: भागलपुरः कूड़े के ढेर पर फेंका मिला नवजात का शव, पुलिस ने किया बरामद

डीएम ने दिए जांच के आदेश: गौरतलब है कि बीते 27 की सुबह हाजीपुर के वीआईपी रोड में से एक एसडीओ रोड पर नवजात बच्चे का शव मिला था. इस मामले को लेकर डीएम यशपाल मीना (DM Yashpal Meena) ने जांच के आदेश दिए थे. जिसके आलोक में वैशाली सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र नारायण शाही ने मेडिकल विभाग के 5 सदस्यीय टीम को निजी नर्सिंग होम्स सहित अल्ट्रासाउंड और जांच घरों में छापेमारी के लिए भेजा. इस टीम का नेतृत्व एसीएमओ अमिताभ कुमार सिन्हा कर रहे हैं. वे डीएम और सिविल सर्जन को रिपोर्ट करेंगे.

तीन टीमें कर रही जांच: मिल रही सूचना के अनुसार जिला स्वास्थ्य विभाग ने तीन अलग-अलग टीमों के साथ आगे की छापेमारी करने की योजना बनायी है. यह टीमें शहर के विभिन्न नर्सिंग होम, जांच केन्द्र और अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जांच करेगी. एक टीम का नेतृत्व चिकित्सा पदाधिकारी अमिताभ कुमार सिन्हा कर रहे हैं. दूसरी टीम ड्रग इंस्पेक्टर और तीसरी टीम जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गयी है. तीनों ही टीमें अलग-अलग तरीके से जांच करेंगी. इन टीमों के रिपोर्ट के आधार पर आगे की कारवाई की जाएगी.

मामले पर हुई थी किरकिरी: जिस रोड पर नवजात का शव मिला था, उस रोड से वैशाली डीएम यशपाल मीना, वैशाली एसपी मनीष, वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण शाही, हाजीपुर एसडीओ अरुण कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों का आना जाना होता है. यही कारण है कि एसडीओ रोड में कचरे के ढेर में नवजात शिशु के शव के मिलने से काफी किरकिरी हुई थी. माना जा रहा है कि निजी नर्सिंग होम या किसी अन्य व्यक्ति ने मृत नवजात को सही तरीके से डिस्पोजल करने की जगह कचरे में फेंक दिया गया था.

"खबर में आई थी कि बच्चे का शव कचरे में मिला था. इसके बाद डीएम ने गंभीरता पूर्वक इस मामले को लिया. इसी को लेकर जांच चल रही हैं. कई जगहों पर जांच की गई है. फिलहाल इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता है" -अमिताभ कुमार सिन्हा, चिकित्सा पदाधिकारी

"एसडीओ रोड में नवजात का शव मिलने के मामले को लेकर तीन अलग-अलग टीम बनाकर निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और जांच केंद्रों की जांच की योजना बनाई गई है. जिसके एक टीम का नेतृत्व एसीएमओ अमिताभ कुमार सिन्हा दूसरी टीम ड्रग इंस्पेक्टर और तीसरी टीम जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई है. तीनों ही टीमें अलग-अलग तरीके से जांच करेंगी जिनके रिपोर्ट के आधार पर कारवाई किया जाएगा" - डॉ अमरेंद्र नारायण साही, सिविल सर्जन, वैशाली.

वैशाली: करीब तीन दिन पहले हाजीपुर के एसडीओ रोड पर नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला (Dead Body Of Newborn Child Found In Vaishali) था. इसी मामले को लेकर मेडिकल टीम ने नगर थाना क्षेत्र के जोहरी बाजार स्थित कई निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और जांच घरों पर छापेमारी (Medical Team Raid On Nursing Homes) की. छापेमारी के बारे में मेडिकल टीम ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. माना जा रहा है कि छापेमारी के दौरान पाए गए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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डीएम ने दिए जांच के आदेश: गौरतलब है कि बीते 27 की सुबह हाजीपुर के वीआईपी रोड में से एक एसडीओ रोड पर नवजात बच्चे का शव मिला था. इस मामले को लेकर डीएम यशपाल मीना (DM Yashpal Meena) ने जांच के आदेश दिए थे. जिसके आलोक में वैशाली सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र नारायण शाही ने मेडिकल विभाग के 5 सदस्यीय टीम को निजी नर्सिंग होम्स सहित अल्ट्रासाउंड और जांच घरों में छापेमारी के लिए भेजा. इस टीम का नेतृत्व एसीएमओ अमिताभ कुमार सिन्हा कर रहे हैं. वे डीएम और सिविल सर्जन को रिपोर्ट करेंगे.

तीन टीमें कर रही जांच: मिल रही सूचना के अनुसार जिला स्वास्थ्य विभाग ने तीन अलग-अलग टीमों के साथ आगे की छापेमारी करने की योजना बनायी है. यह टीमें शहर के विभिन्न नर्सिंग होम, जांच केन्द्र और अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जांच करेगी. एक टीम का नेतृत्व चिकित्सा पदाधिकारी अमिताभ कुमार सिन्हा कर रहे हैं. दूसरी टीम ड्रग इंस्पेक्टर और तीसरी टीम जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गयी है. तीनों ही टीमें अलग-अलग तरीके से जांच करेंगी. इन टीमों के रिपोर्ट के आधार पर आगे की कारवाई की जाएगी.

मामले पर हुई थी किरकिरी: जिस रोड पर नवजात का शव मिला था, उस रोड से वैशाली डीएम यशपाल मीना, वैशाली एसपी मनीष, वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण शाही, हाजीपुर एसडीओ अरुण कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों का आना जाना होता है. यही कारण है कि एसडीओ रोड में कचरे के ढेर में नवजात शिशु के शव के मिलने से काफी किरकिरी हुई थी. माना जा रहा है कि निजी नर्सिंग होम या किसी अन्य व्यक्ति ने मृत नवजात को सही तरीके से डिस्पोजल करने की जगह कचरे में फेंक दिया गया था.

"खबर में आई थी कि बच्चे का शव कचरे में मिला था. इसके बाद डीएम ने गंभीरता पूर्वक इस मामले को लिया. इसी को लेकर जांच चल रही हैं. कई जगहों पर जांच की गई है. फिलहाल इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता है" -अमिताभ कुमार सिन्हा, चिकित्सा पदाधिकारी

"एसडीओ रोड में नवजात का शव मिलने के मामले को लेकर तीन अलग-अलग टीम बनाकर निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और जांच केंद्रों की जांच की योजना बनाई गई है. जिसके एक टीम का नेतृत्व एसीएमओ अमिताभ कुमार सिन्हा दूसरी टीम ड्रग इंस्पेक्टर और तीसरी टीम जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई है. तीनों ही टीमें अलग-अलग तरीके से जांच करेंगी जिनके रिपोर्ट के आधार पर कारवाई किया जाएगा" - डॉ अमरेंद्र नारायण साही, सिविल सर्जन, वैशाली.

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