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वैशाली: गंगा का कटाव रुकने से ग्रामीणों को राहत, रिंग बांध को लेकर देंगे धरना

ग्रामीणों की रिंग बांध की लंबित मांग के लिए सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अपनी मांग को लेकर महीने की 25 अक्टूबर को हजारों किसान प्रखंड का घेराव करेंगे.

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Published : Oct 19, 2019, 10:19 PM IST

गंगा का कटाव रुका

वैशाली: गंगा कटाव कम होने पर सोनपुर प्रखंड के आधा दर्जन दियरा पंचायतों में रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. हालांकि गंगा के कटाव में इस बार सब्बलपुर के चार पंचायतों के लगभग डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन समाहित हो चुका है. साथ ही गंगा कटाव ने दर्जनों घर, फसल और हरी-सब्जियों को बर्बाद कर दिया है.

लाखों की फसल होती है बर्बाद
बता दें प्रखंड के 23 पंचायतों में 7 दियरा प्रभावित पंचायत हैं. यहां प्रत्येक वर्ष बारिश के समय गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पूरे प्रखंड में बाढ़ का पानी घुस जाता है. महीनों तक जलजमाव होने से ग्रामीणों की लाखों की फसल बर्बाद होती है.

Vaishali
रिंग बांध को लेकर ग्रामीण करेंगे धरना

रिंग बांध बनता है चुनावी मुद्दा
पिछले कई सालों से इस समस्या से क्षेत्र के हजारों किसान प्रभावित हैं. ग्रामीणों को 25 हजार से ज्यादा की आबादी वाला क्षेत्र होने के बावजूद गंगा नदी पर रिंग बांध नहीं होने से बाढ़ के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हर विधानसभा-लोकसभा चुनाव के समय रिंग बांध चुनावी मुद्दा बनता रहता है. वहीं, चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि क्षेत्र समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं.

गंगा का कटाव रुका

'सीएम हाउस का करेंगे घेराव'
ग्रामीणों की रिंग बांध की लंबित मांग के लिए सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अपनी मांग को लेकर महीने की 25 अक्टूबर को हजारों किसान प्रखंड का घेराव करेंगे. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीण पटना जाकर सीएम हाउस का घेराव भी करेंगे.

वैशाली: गंगा कटाव कम होने पर सोनपुर प्रखंड के आधा दर्जन दियरा पंचायतों में रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. हालांकि गंगा के कटाव में इस बार सब्बलपुर के चार पंचायतों के लगभग डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन समाहित हो चुका है. साथ ही गंगा कटाव ने दर्जनों घर, फसल और हरी-सब्जियों को बर्बाद कर दिया है.

लाखों की फसल होती है बर्बाद
बता दें प्रखंड के 23 पंचायतों में 7 दियरा प्रभावित पंचायत हैं. यहां प्रत्येक वर्ष बारिश के समय गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पूरे प्रखंड में बाढ़ का पानी घुस जाता है. महीनों तक जलजमाव होने से ग्रामीणों की लाखों की फसल बर्बाद होती है.

Vaishali
रिंग बांध को लेकर ग्रामीण करेंगे धरना

रिंग बांध बनता है चुनावी मुद्दा
पिछले कई सालों से इस समस्या से क्षेत्र के हजारों किसान प्रभावित हैं. ग्रामीणों को 25 हजार से ज्यादा की आबादी वाला क्षेत्र होने के बावजूद गंगा नदी पर रिंग बांध नहीं होने से बाढ़ के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हर विधानसभा-लोकसभा चुनाव के समय रिंग बांध चुनावी मुद्दा बनता रहता है. वहीं, चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि क्षेत्र समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं.

गंगा का कटाव रुका

'सीएम हाउस का करेंगे घेराव'
ग्रामीणों की रिंग बांध की लंबित मांग के लिए सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अपनी मांग को लेकर महीने की 25 अक्टूबर को हजारों किसान प्रखंड का घेराव करेंगे. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीण पटना जाकर सीएम हाउस का घेराव भी करेंगे.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: सोंनपुर के दियरा क्षेत्र में गंगा की कटाव रुक गया हैं। इससे दियरा के हजारों किसानों को राहत मिली हैं। अभी तक सैकड़ों किसानों का डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन गंगा में समाहित हो चुका हैं। हरेक वर्ष बाढ़ की तबाही से इनकी लाखों की फसल, हरी- साग-सब्जियां के साथ- दर्जनों घरे का भारी नुकसान होता हैं। अब यह टकटकी लगाए हुए हैं कि इनका नुकशान की भरपाई सरकार करेंगी ??


Body:सोंनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के आधे दर्जन दियरा प्रभावित पंचायतों में रहने वाले ग्रामीण जनता की जिंदगी अब धीरे- धीरे सामान्य हो -रहा हैं। हालांकि सब्बलपुर के चार पंचायत में इस बार गंगा की कटाव से डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन सामहित हो चुका हैं। साथ ही दर्जनों घर और फसल हरी-साग-सब्जियां भी ।

मालूम हो कि प्रखण्ड के 23 पंचायतो में 7 पंचायत दियरा प्रभावित पंचायत हैं। यहा हरेक वर्ष वारिस के समय गंगा नदी के जल- स्तर में वृद्धि होने से यह सभी दियरा में बाढ़ की पानी घुस जाता हैं। महीनें तक जल- जमाव होने से इनकी लाखों की फसल और सब्जियां की नुकशान होता हैं। वही रहीं सही नुकशान गंगा के जल स्तर घटने के बाद क्षेत्र में नदी की जबरदस्त कटाव होने से एक बार फिर इनकी सैकड़ो एकड़ जमीन भी गंगा के कटाव से सामहित होती हैं।


पिछले कई वर्षों से इस समस्या से क्षेत्र के हजारो किसान प्रभावित होते हैं । मालूम हो कि 25 हजार से ज्यादा की आबादी इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की हो गई हैं। एक अर्से से रहते आये ये किसान अब इस जमीन (जगह) से भावनात्मक लगाव हो गया हैं ।इन जमीनों पर वे जीविकोपार्जन के लिये खेती कर किसी तरह अपना एवं परिवार का गुजारा करते हैं।

गंगा नदी पर रिंग बांध नहीं होने से यह बाढ़ के समय बुरी तरह से महीनों तक प्रभावित होते हैं।
रिंग बांध को लेकर हरेक पांच वर्ष विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय मुद्दा बनता हैं। पर चुनाव जीतने के बाद जन- प्रतिनिधि फिर वापस यहा नहीं आते हैं।

इस बार आर- पार की लड़ाई के मूड में हैं । इनके लंबित मांग रिंग बांध के लिये सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही हैं। जनप्रतिनिधि से भी बार बार अपने को छलावा किये जानें पर इन्हें इनलोगो पर से भरोषा उठ गया हैं। हार- थक कर ये जागरूक हो गए हैं। अब ये गंगा नदी में रिंग बांध बनवाने के लिये काफी आतुर हो गए हैं।

यहा के हजारों ग्रामीण जनता । इस बार यहा के हजारो जनता इसी महीने के 25 तारीख को प्रखण्ड का घेराव करने की रणनीति बना रहे हैं ।इसके बाद ये पटना सीएम आवास का भी घेराव का मन बना चुके हैं।

मालूम हो कि इनकी पिछले वर्ष वर्ष रबी की फसल में बिहार स्टेट बोरिंग के खास्ता हाल होने के चलते इन्हें खेत मे पानी नही पहुँचने से इनकी गेंहू की खेती और हरी साग सब्जियां का नुकशान हुआ था ।इस बार वारिस के समय गंगा के जल- स्तर में इतना पानी बढ़ गया कि इनका खरीफ फसल और हरी साग सब्जियां भी बाढ़ में बह गया ।

Etv भारत द्वारा लगातार इस क्षेत्र में कवरेज किया था ।तो पड़ताल करने पर इन हजारो किसानों की बात सही निकली ।
बतादें पहलेजा घाट , गंगाजल, जहाँगीरपुर, नजर मीरा, कालीघाट सब्बलपुर के चारो पंचायत के क्षेत्र में गंगा नदी के ऊपर रिंग बांध होने पर हरेक वर्ष वारिस के समय बाढ़ आने से रुक जाएगा ।और इनकी लाखों की नुकशान भी बच जाएगा ।

उतरी सब्बलपुर के जागरूक किसान लालबाबू पटेल की मानें तो यहा रिंग बांध हो जाने पर हरेक वर्ष बाढ़ की त्राहिमाम से जनता बच जाएंगे ।

एक बुजुर्ग जनता की मानें तो अब रिंग बांध बनवाने के लिये आंदोलन भी करना पड़ेगा तो करेंगे ।

एक अन्य ग्रामीण की मानें तो इसी महीने के 25 ओक्टुबर को हजारो किसान प्रखण्ड में जाकर घेराव से लेकर उग्र- प्रदर्शन करेंगे ।वही आगे न्याय नहीं मिला तो वे लोग राजधानी पटना के सीएम हाउस जाकर धरना की तैयारी में जुटेंगे ।

अब ये जनप्रतिनिधि के प्रलोभन पर भी अपना आंदोलन को नही छोड़ेंगे । यहा ग्रामीण जनता में इनके प्रति खासी नाराजगी हैं। अब इनकी बड़ी आबादी को लेकर क्षेत्र से बाहर जानें के लिये सोच भी नहीं सकते हैं। इनकी माने तो यहा की जमीन बहुत ही उपजाऊ हैं। क्षेत्र में करोड़ो की हरी-साग-सब्जियां की खेती होती हैं।

क्षेत्र की हजारो ग्रमीण जनता की मानें तो अब पानी घट गया हैं । सरकार एवं उनके सरकारी तंत्र द्वारा किये गए वायदे जिसमे यह कहा गया था ।" कि पानी घटने के बाद जिला प्रशासन क्षेत्र में किसानों की फसल की नुकशान का आकलन कर मुवावजा देंगी" ..?


Conclusion:मालूम हो कि पिछले दिनों जिला के डीएम से लेकर अनुमंडल के अधिकारी ने उपरोक्त विषय पर सवाल पुछने पर नुकशान का मुआवजा देने की बात कही थी।

VO:
ओपन: PTC, संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
बाइट : स्थानीय किसान ।
क्लोज PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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