वैशालीः जिले के पातेपुर प्रखंड के लगभग हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जलमग्न हुए घरों के लोग अपना घर छोड़कर कहीं ऊंचे स्थान पर किसी तरह अपना जीवन काट रहे हैं. गांव में नून नदी का पानी फैला गया है. डीएम के आदेश के बाद भी बाढ़ पीड़ितों को 24 घंटे में एक ही टाइम का खाना मिलता है. बड़ों के साथ-साथ यहां बच्चे भी भूखे सोने को मजबूर हैं.
नहीं मिली लोगों को प्लास्टिक शीट
वैशाली पातेपुर प्रखंड के लोग पिछले 15 दिनों से बाढ़ की विभिषिका झेल रहे हैं. तकरीबन एक दर्जन पंचायत में नून नदी का पानी घुस जाने के कारण हजारों घर जलमग्न हो गए हैं. जलमग्न हुए घरों के लोग अपना घर छोड़कर कहीं ऊंचे स्थानों पर जाकर किसी तरह अपना जीवन काट रहे हैं. लोगों की माने तो बाढ़ पीड़ितों को देखने के लिए कोई जनप्रतिनिधि या आलाअफसर अभी तक नहीं आए हैं. अभी तक लोगों को प्लास्टिक शीट या तिरपाल भी सरकार की तरफ से नहीं मिला है.
पानी पीकर रात में सोते हैं बच्चे
वहीं, लोगों ने बताया कि सरकार की तरफ से कमेटी किचन का आयोजन जरूर किया गया. लेकिन सिर्फ एक ही टाइम खाना मिलता है. एक टाइम का खाना खाते हैं और रात में भूखे पेट सोते हैं. बच्चे खाने के लिए जिद करते हैं तो कुछ रहा तो दे दिया वरना उन्हें भी रात में पानी पिलाकर सुला देते हैं. यह स्थिति वैशाली जिले में आए बार पातेपुर प्रखंड के कई गांव की है.
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आवागमन के लिए नाव भी कम
पातेपुर प्रखंड का तकरीबन सभी गांव जलमग्न हो चुका है. इसको लेकर गांव में नाव की व्यवस्था की गई है. लेकिन नाव की संख्या कम है. जिसके कारण लोगों को नाव का इंतजार करना पड़ता है. वहीं, गाय भैंस और बकरी के लिए भी चारा की व्यवस्था नहीं है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर कोई बीमार हो जाता है तो डॉक्टर को भी यहां आने में समय लगता है.
कई पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी
बहरहाल पातेपुर प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी अपना पैर पसार चुका है. हाजीपुर, प्यारेपुर, पहाड़पुर, ऊपर पट्टी, अहमदपुर, बलिदानी, चंदपुरा समेत कई गांव जलमग्न हो चुका हैं. लोगों की माने तो सरकारी सुविधा के नाम पर मात्र एक कमिटी किचन चल रहा है. जिसमें एक टाइम का भोजन मिलता है और दूसरे टाइम लोगों को भूखे सोना पड़ता है. बारिश आती है तो लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. यहां लोग काफी भयभीत हैं.