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वैशाली: दियारा के कई गावों में गंगा का कटाव शुरू, महामारी की आशंका

गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कुछ क्षेत्रों में कटाव शुरू हो गया है. इससे प्रखण्ड के आधा दर्जन दियारा क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं. प्रखंड के सैदपुर, चारो सब्बलपुर, गंगाजल, कसमर, जहांगीरपुर पंचायत के सैकड़ों इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

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Published : Sep 29, 2019, 1:28 PM IST

गंगा का कटाव शुरू

वैशाली: प्रदेश में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और कई सहायक नदियां उफान पर हैं. जिसके चलते सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन दियारा की पंचायतों में गंगा का कटाव शुरू हो चुका है. वहीं, प्रखण्ड के सभी 23 पंचायतों में भी बाढ़ का पानी भर गया है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

'फैल सकती है महामारी'
राहर दियारा पंचायत में कुल दस वार्ड हैं. यहां की आबादी 8 हजार से ज्यादा है. इन वार्डों में 6 हजार से ज्यादा वोटर हैं. यहा के सभी इलाके बारिश और बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर, चूना, मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं किए जानें पर जनता में प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है. इलाके के लोगों का कहना है कि यहां कभी भी महामारी जैसी गंभीर बिमारियां, अपने पैर पसार सकती हैं.

दियारा पंचायतों में गंगा का कटाव शुरू

कई इलाके बाढ़ की चपेट में
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कुछ क्षेत्रों में कटाव शुरू हो गया है. इससे प्रखंड के आधा दर्जन दियारा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं. प्रखंड के सैदपुर, चारो सब्बलपुर, गंगाजल, कसमर, जहांगीरपुर पंचायत के सैकड़ों इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

Vaishali
नारेबाजी करते ग्रामीण

सरकार के खिलाफ नारेबाजी
ईटीवी भारत ने प्रखंड के राहर दियारा पंचायत में पड़ताल की. यहां की जनता गंगा के कटाव से काफी परेशान दिखी. इलाके के लोगों ने बताया कि यहां राहत-सामग्री का भी इंतजाम नहीं किया गया है. यहां सैकड़ों ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Vaishali
अनुमंडलीय अस्पताल के इंचार्ज हरिशंकर चौधरी

'जिला प्रशासन ने नहीं की कोई व्यवस्था'
अनुमंडलीय अस्पताल के इंचार्ज हरिशंकर चौधरी ने बताया कि प्रखंड के चारों सब्बलपुर पंचायतो में दो मोबाइल मेडिकल किट की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में पीएससी के तहत डॉक्टरों और दवा का भी इंतजाम किया गया है. जबकि क्षेत्र में पड़ताल करने पर इलाके की जनता ने यह दावा भी खारिज कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से सभी दियारा पंचायतों में कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

'नहीं मिलता मुआवजा'
ग्रामीणों ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत गया लेकिन यहां न तो विधायक पहुंचे हैं न सांसद. बतादें कि बीते तीन दिन पहले गंगा के जल स्तर में गिरावट आयी थी. लेकिन दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि कर दी है. जिसके चलते कई गांवो के लोग कटाव से डरे-सहमे हुए हैं. वहीं, किसानों ने बताया कि बारिश के मौसम में यहां हर साल आधा दर्जन से ज्यादा दियारा पंचायतों में गंगा का पानी घुस जाता है. किसानों का कहना है कि की बाढ़ के पानी से हर साल लाखों की फसल और हरी-साग-सब्जियां खराब हो जाती हैं. लेकिन सरकार के जरिए नष्ट हुई फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया जाता है.

Vaishali
समस्या बताते ग्रामीण

वैशाली: प्रदेश में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और कई सहायक नदियां उफान पर हैं. जिसके चलते सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन दियारा की पंचायतों में गंगा का कटाव शुरू हो चुका है. वहीं, प्रखण्ड के सभी 23 पंचायतों में भी बाढ़ का पानी भर गया है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

'फैल सकती है महामारी'
राहर दियारा पंचायत में कुल दस वार्ड हैं. यहां की आबादी 8 हजार से ज्यादा है. इन वार्डों में 6 हजार से ज्यादा वोटर हैं. यहा के सभी इलाके बारिश और बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर, चूना, मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं किए जानें पर जनता में प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है. इलाके के लोगों का कहना है कि यहां कभी भी महामारी जैसी गंभीर बिमारियां, अपने पैर पसार सकती हैं.

दियारा पंचायतों में गंगा का कटाव शुरू

कई इलाके बाढ़ की चपेट में
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कुछ क्षेत्रों में कटाव शुरू हो गया है. इससे प्रखंड के आधा दर्जन दियारा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं. प्रखंड के सैदपुर, चारो सब्बलपुर, गंगाजल, कसमर, जहांगीरपुर पंचायत के सैकड़ों इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

Vaishali
नारेबाजी करते ग्रामीण

सरकार के खिलाफ नारेबाजी
ईटीवी भारत ने प्रखंड के राहर दियारा पंचायत में पड़ताल की. यहां की जनता गंगा के कटाव से काफी परेशान दिखी. इलाके के लोगों ने बताया कि यहां राहत-सामग्री का भी इंतजाम नहीं किया गया है. यहां सैकड़ों ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Vaishali
अनुमंडलीय अस्पताल के इंचार्ज हरिशंकर चौधरी

'जिला प्रशासन ने नहीं की कोई व्यवस्था'
अनुमंडलीय अस्पताल के इंचार्ज हरिशंकर चौधरी ने बताया कि प्रखंड के चारों सब्बलपुर पंचायतो में दो मोबाइल मेडिकल किट की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में पीएससी के तहत डॉक्टरों और दवा का भी इंतजाम किया गया है. जबकि क्षेत्र में पड़ताल करने पर इलाके की जनता ने यह दावा भी खारिज कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से सभी दियारा पंचायतों में कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

'नहीं मिलता मुआवजा'
ग्रामीणों ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत गया लेकिन यहां न तो विधायक पहुंचे हैं न सांसद. बतादें कि बीते तीन दिन पहले गंगा के जल स्तर में गिरावट आयी थी. लेकिन दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि कर दी है. जिसके चलते कई गांवो के लोग कटाव से डरे-सहमे हुए हैं. वहीं, किसानों ने बताया कि बारिश के मौसम में यहां हर साल आधा दर्जन से ज्यादा दियारा पंचायतों में गंगा का पानी घुस जाता है. किसानों का कहना है कि की बाढ़ के पानी से हर साल लाखों की फसल और हरी-साग-सब्जियां खराब हो जाती हैं. लेकिन सरकार के जरिए नष्ट हुई फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया जाता है.

Vaishali
समस्या बताते ग्रामीण
Intro:लोकेशन: वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

:- प्रदेश में दो दिनों से लगातार मूसलाधार वारिस ने एक बार फिर से गंगा सहित सभी सहायक नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि कर दी हैं। इससे शांत गंगा फिर से रौद्ररूप दिखाना शुरू कर दी हैं । सोंनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित आधे दर्जन दियरा पंचायत में गंगा फिर से कटाव शुरू कर दी हैं। वही प्रखण्ड के सभी 23 पंचायत पानी- पानी हो गया हैं।



Body:गंगा के जल- स्तर में एक बार फिर से भारी इजाफा होने से कुछ क्षेत्र में कटाव शुरू हो गया हैं ।इससे प्रखण्ड के आधे दर्जन दियरा क्षेत्र में रहने वाले गरीब ग्रामीण जनता फिर से किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से त्रस्त हैं।

प्रखण्ड के सैदपुर, चारो सब्बलपुर, गंगाजल, कसमर, जहाँगीरपुर पंचायत के सैकड़ों इलाके बाढ़ के चपेट में आ गए हैं।
Etv भारत द्वारा प्रखण्ड के राहर दियरा पंचायत में पड़ताल करने पर यह पाया गया कि यहा की जनता गंगा के कटाव होने से परेशान हैं ।यहां प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के लिये राहत- सामग्री नहीं इंतजाम करने से नाराज दिखे । क्षेत्र की सैकड़ो जनता सरकार और जिला प्रशासन के विरोधी नारेबाजी भी लगाते नजर आए ।

राहर दियरा पंचायत में कुल दस वार्ड हैं। यहा 6 हजार से ज्यादा वोटर हैं ।आबादी 8 हजार से ज्यादा हैं। यहा के सभी इलाके वारिस और गंगा के बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। क्षेत्र में प्रशासन की ओर से ब्लीचिंग पावडर, चुना , मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं किये जानें पर जनता काफी आक्रोशित हैं। आलम यह हैं कि बाढ़ की पानी से जमाव के चलते लोगों को रोजमर्रा जीवन मे कार्य प्रभावित हो रहीं हैं। स्वच्छता मिशन अभियान के तहत ओडीएफ योजना का पोल भी खोल कर रख दी हैं ।यहा की जनता महामारी की आशंका करते हुए कहा कि यहा क्षेत्र के हजारों जनता खुले में शौच करने से यहा कभी भी बीमारी फैल सकती हैं ।

अनुमंडलीय अस्पताल के इंचार्ज हरिशंकर चौधरी ने बताया कि प्रखण्ड के चारो सब्बलपुर पंचायतो में दो मोबाइल मेडिकल किट की व्यवस्था किया गया हैं। उन्होंने आगें बताया कि इन क्षेत्रों में पीएससी के तहत दवा और डॉक्टर भी मुहैया करा दी गयी हैं। जबकि क्षेत्र में पड़ताल करने पर यह दावा भी यहा किं हजारो जनता ने खारिज कर दिया हैं। ग्रामीणों की मानें तो प्रखण्ड से लेकर जिला प्रशासन की ओर से सभी दियरा पंचायतों में सरकार की ओर से कोई व्यवस्था अभी तक नहीं कराया गया हैं ।

ग्रामीणों की मानें तो पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से हमलोग बाढ़ की परेशानी से गुजर रहे हैं ।पर अभी तक यहा हमलोगों से मिलने के लिये स्थानीय विधायक डॉ रामानुज प्रसाद से लेकर सारण के सांसद राजीव प्रताप रूढ़ि तक नही आये ।

मालूम हो कि तीन रोज पहले गंगा का जल स्तर में गिरावट आयी थी ।पर दो दिन से मूसलाधार वारिस होने से गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि कर दी हैं। वहीं यहा के हजारो ग्रामीण जनता ऊपर से भारी वारिस के साथ- साथ गंगा के उफनती रौद्ररूप से हो रही कटाव से डरे- सहमे हुए हैं।

हरेक वर्ष वारिस के मौसम में यहा के आधे दर्जन से ज्यादा दियरा पंचायत में गंगा के पानी घुस जाता हैं । इन किसानों की मानें तो बाढ़ के पानी से हमलोगों के लाखों की फसल और हरी-साग-सब्जियाँ नष्ट हो जाती हैं। पर सरकार द्वारा इनके नष्ट हुए फसल और हरि- साग-सब्जियां की मुवावजा तक नहीं मिलते हैं।

2016 में प्रखण्ड के सभी दियरा पंचायतो में तबाही हुई थी ।इनके लाखों से कही ज्यादा फसल और सब्जियों की नुकशान हुआ था ।अभी तक ज्यादातर किसानों को सरकार की ओर से मुवावजा नहीं दिया गया । 2018 में भी आयी बाढ़ से इनके लाखों की फसल, सब्जियां नुकशान का मुआवजा बाकी हैं।

चार दिन पूर्व सारण के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने Etv भारत से भेंटवार्ता में आश्वस्त किया था कि प्रशासन नष्ट हुए फसल और सब्जियां का भरपाई बाढ़ के जल स्तर घटने पर आकलन कर देंगी ।




Conclusion:बहरहाल, प्रखण्ड के सभी बाढ़ प्रभावित आधे दर्जन दियरा के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण की परेशानी कम होती नहीं दिखती हैं।

:- एंबिएंस ग्रामीण जनता द्वारा सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए ।

बाइट: हरिशंकर चौधरी : प्रभारी अनुमंडलीय सरकारी अस्पताल सोंनपुर ।

वॉक थ्रू : संवाददाता, राजीव
बाइट : ग्रामीण जनता 4
राहर दियरा पंचायत
क्लोज संवादाता, राजीव, वैशाली ।
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