वैशाली: आम आदमी डुप्लीकेट सामान से परेशान था ही कि अब डुप्लीकेट कीटनाशक बेचकर लाखों की उगाही का मामला सामने आया है. मामला वैशाली प्रखंड का है, जहां राजस्थान की एक कंपनी के नाम पर नकली कीटनाशक दवा बनाने वाली फैक्ट्री (Fake Pesticide Factory Exposed In Vaishali) का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने 20 लाख के नकली कीटनाशक के साथ दो आरोपी को गिरफ्तार (Two Arrested In Vaishali) किया है.
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राजस्थान की कंपनी के नाम पर फैक्ट्री: जानकारी के अनुसार वैशाली थाना क्षेत्र के मंसूरपुर में एक घर और दुकान में छापेमारी कर पुलिस ने बीस लाख की कीमत का नकली कीटनाशक और लगभग तीस हजार स्टिकर के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस फैक्ट्री में अवैध रूप से राजस्थान की पी आई इंडस्ट्रीज प्राइवेट कंपनी का नॉमिनी गोल्ड लेबल लगाकर बड़े पैमाने पर नकली कीटनाशक बनाया जाता था. इसके बाद नकली कीटनाशक को सप्लाई किया जाता था.
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बिहार के कई जिलों में होता था सप्लाई: नकली कीटनाशक ना सर्फ वैशाली बल्कि मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया सहित आधा दर्जन से अधिक जिलों में सप्लाई भी किया जाता था. साथ ही नेपाल भी भेजा जाता था. जिसकी शिकायत कंपनी की इन्वेस्टिगेशन टीम ने वैशाली थाना को दी. जिसके बाद कंपनी के कर्मियों के साथ वैशाली थाना की टीम ने मंसूरपुर बाजार में छापेमारी की. यहां स्थित एक घर और दुकान में यह काला कारोबार चल रहा था.
"यह एक कंपनी का रैपर है, जिसको खाली डब्बे पर चिपकाया जाता है. मामले में पूछताछ की जा रहे हैं. यहां से डुप्लीकेट सामान बनकर मोतिहारी बेतिया और नेपाल जाता था. 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है जिन से पूछताछ की जा रही है" - -पंकज झा, जांचकर्ता, कीटनाशक कंपनी राजस्थान
मामले में दो आरोपी गिरफ्तार: पुलिस ने मौके से दो लोगो को गिरफ्तार किया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. इस विषय में मुख्य जांचकर्ता पंकज झा ने बताया कि कंपनी का रैपर खाली डब्बे पर चिपका कर नकली कीटनाशक बेचा जा रहा था. उन्होंने बताया कि जितना डुप्लीकेट रैपर मिला है, इसके हिसाब से करीब 20 लाख रुपए का माल तैयार किया जा रहा था. लगभग 6 महीने से कंपनी से शिकायत आ रही थी. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.