वैशाली: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान सोनपुर स्थित बाबा हरिहर नाथ मंदिर (Fagu Chauhan At Baba Harihar Nath Temple) पहुंचे और यहां पूजा-अर्चना की. बाबा हरिहर नाथ मंदिर न्यास समिति ने महामहिम राज्यपाल फागू चौहान का स्वागत किया. एक दर्जन से भी ज्यादा आचार्यों ने राज्यपाल को पूजा-पाठ कराया.
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राज्यपाल के पहुंचते ही सबसे पहले मंदिर के मुख्य दरवाजे पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान भोलेनाथ के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. पुरोहितों ने वैदिक रीति रिवाज से मंत्रोच्चारण कराया गया, फिर महामहिम को हाथ धुलाने के बाद बाबा हरिहर नाथ मंदिर के गर्भ में प्रवेश कराया गया, गर्भ गृह में प्रवेश से पहले तमाम विधि विधान का पालन करना अति आवश्यक माना जाता है.
इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी सुशील चंद्र शास्त्री ने इस मंदिर की खासियत बताई. उन्होंने कहा कि, 'जब एक ही जगह हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव मौजूद हों तो पूजा करने का विशेष महत्व होता है. मंदिर में आज पूजा अर्चना करने का और भी खास महत्व होता है. खरमास के पूर्व की यह आखिरी एकादशी है.'
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"आज की एकादशी बहुत ही खास है. खरमास के पूर्व की यही एक एकादशी है. अब 14 जनवरी के बाद लग्न प्रारंभ होता है. इसलिए आज पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है."- सुशील चंद्र शास्त्री, मुख्य पुजारी, हरिहर नाथ मंदिर
बता दें कि बाबा हरिहर नाथ मंदिर की महत्ता के कारण पटना, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, सारण के साथ आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ पर बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं. राज्यपाल के आगमन को लेकर मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले. महामहिम ने पूरे विधि विधान से बाबा हरिहर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की.
दरअसल खरमास आज (मंगलवार) से शुरू हो गया है. अब एक माह तक किसी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाएगा. इसलिए आज की एकादशी का विशेष महत्व है. विधि विधान से पूजा करने से माना जाता है कि मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पंडितों के अनुसार 14 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहा है. सूर्य के इस राशि में प्रवेश के साथ शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. ये स्थिति लगभग एक माह तक बनी रहती है और सूर्य के पुनः मकर राशि में जाने के बाद ही शुभ कार्य शुरू हो पाते हैं.
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