वैशाली: बिहार के वैशाली से जन सुराज (Prashant Kishor Jan Suraj Yatra) की शुरुआत करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अंतिम दिन जमकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Prashant Kishor Attack On CM Nitish Kumar) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं बिहार में समंदर नहीं है इसलिए बिहार का विकास नहीं हो रहा है तो बिहार के लोग क्या करें जाकर गंगा जी में डूब जाएं? छोड़ दीजिए बिहार क्यों नहीं समंदर वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाते हैं.
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प्रशांत किशोर का सीएम पर हमला: बता दें कि प्रशांत किशोर अपने कार्यक्रम जनसंवाद में लोगों से बातचीत करने हाजीपुर के हॉस्पिटल रोड स्थित स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला संस्थान पहुंचे थे. जहां संस्थान के सचिव सुधीर शुक्ला ने प्रशांत किशोर का जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर वहां मौजूद लोगों से प्रशांत किशोर ने कहा कि वह भी उसी लाइन से चले जा रहे हैं, इसीलिए यहां औद्योगिकीकरण नहीं हो रहा है. हालत इतनी खराब है क्योंकि 60 और 70 के दशक में यह विषय प्रायोरिटी पर नहीं था और होगा भी तो करने के तरीके अलग होंगे.
"कितने साल बीत गए दुनिया बदल गयी और हम लोग उसी ढर्रे पर चले जा रहे हैं. नीतीश जी बता रहे हैं कि हम लैंडलॉक्ड हैं. हमारे पास समंदर नहीं है. तो आप बताइए पंजाब के पास कौन सा समंदर है? हरियाणा के पास कौन सा समंदर है? मध्य प्रदेश और तेलंगाना के पास कौन सा समंदर है? हमको बता दीजिए और अगर समंदर नहीं है आपकी बात मान भी लें तो बिहार के लोग क्या करें जाकर गंगा जी में डूब जाए. समंदर तो यहां आने वाला है नहीं."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'जो है उसी पर विकास का मॉडल होना चाहिए': प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि लोगों को बताया जाता की खनिज संपदा झारखंड में चला गया इसलिए हम गरीब हो गए तो झारखंड कौन सा अमीर हो गया है. खनिज संपदा को लेकर वह भी भुखमरी से परेशान है. खनिज संपदा से कोई आगे नहीं बढ़ सकता है. दुनिया के कई देश है जो खनिज संपदा होने के बावजूद गरीब है और यूरोप में जा कर देखिए जिनके पास कोई खनिज संपदा नहीं है उसमें कई देश दुनिया के सबसे अमीर देश है. आपके पास जो है उसी पर विकास का मॉडल बनाना चाहिए. केवल रोते रहने से बात नहीं बनेगी.
'2005 से 2022 तक नहीं बदला बिहार': 2005 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने तो बिहार तब भी देश का सबसे गरीब राज्य था और आज 2022 में भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है. किसी एक राज्य से भी आप आगे नहीं बढ़ सके. प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से आप 28वें नंबर पर हैं. 2004 में भी यही और आज भी यही नंबर है. यहां आज भी लोग पलायन कर रहे हैं.
सीएम ने कहा था- 'बिहार समुद्र किनारे नहीं..इसलिए नहीं आते उद्योग': दरअसल सीएम नीतीश कुमार बिहार के पिछड़ेपन और औद्योगिक विकास न हो पाने के पीछे का कारण समंदर न हो पाना को बताते रहे हैं. सीएम ने कहा था कि ज्यादा बड़ा उद्योग समुद्र किनारे जो राज्य पड़ते हैं वहां लगता है. उन्हीं जगहों पर ज्यादा लगता है. हम लोगों ने तो बहुत कोशिश की. हालांकि सीएम ने ये भी कहा था कि राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों के कारण अब बिहार में बड़ें-बड़े इंडस्ट्री खुल रहे हैं.
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