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Dolphin Death in Vaishali: वैशाली में मिला डॉल्फिन का शव, वन विभाग कर रही जांच - ईटीवी भारत न्यूज

वैशाली में डॉल्फिन का शव मिला (Dolphin dead body found in Vaishali) है. डाॅल्फिन की लंबाई चार फीट है. उसके शरीर पर कहीं कोई निशान नहीं है. आशंका जताई जा रही है कि शॉक की वजह से डॉल्फिन की मौत हुई होगी. वन विभाग की टीम ने शव को जब्त कर लिया है. अब पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सटीक कारणों का पता लग पाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jan 21, 2023, 3:47 PM IST

वैशाली डीएफओ अमिता राज

वैशालीः बिहार के वैशाली में गंगा किनारे एक डाॅल्फिन का शव (Dolphin Death in Vaishali) मिला है. जिले के बिदुपुर के गोपालपुर दियारा में गंगा किनारे एक डॉल्फिन मृत अवस्था में मिला. इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम वहां पहुंची और डॉल्फिन के शव को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग की टीम डॉल्फिन की मौत के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. हाजीपुर के जढुआ में स्थित वन विभाग के रेंज ऑफिस में डॉल्फिन के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.

ये भी पढ़ेंः पटना में बनेगा एशिया का पहला डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र- सुशील मोदी

बिदुपुर में पीपा पुलके नीचे मिला डाॅल्फिनः बताया जा रहा है कि नमामि गंगे परियोजना के जिला परियोजना अधिकारी को बिदुपुर के प्रशिक्षित गंगा दूत ने सूचना दी कि पीपा पुल के नीचे गंगा किनारे एक डॉल्फिन मृत हालत में पड़ा हुआ है. इसकी सूचना अविलंब वैशाली वन प्रमंडल पदाधिकारी को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम में डॉल्फिन के शव को कब्जे मे लिया. बता दें कि लुप्तप्राय हो रहे डॉल्फिन संरक्षण को लेकर बिहार सरकार गंभीर है.

डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र बनाने के अभियान को लग सकता है झटकाः डॉल्फिन संरक्षण को लेकर भारत और एशिया का पहला राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र (NDRC) बिहार राज्य के पटना विश्वविद्यालय परिसर में गंगा नदी के तट पर स्थापित किया जाना है, लेकिन वैशाली में हुई डॉल्फिन की मौत से इस अभियान को झटका लगा है. बता दें कि गंगा की डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जंतु है और यह दुनिया की चार मीठे पानी की डॉल्फिन प्रजातियों में से एक है. गंगा की डॉल्फिन मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप, खासकर गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदियों में पाई जाती है.

पांच से आठ फीट गहरे पानी में रहता है डाॅल्फिनः डॉल्फिन कम से कम 05 फीट से 08 फीट गहरे पानी में रहना पसंद करती हैं और ये आमतौर पर अशांत पानी में पाई जाती हैं. यहां इनके पास खाने के लिए पर्याप्त मछलियां होती है. बिहार में देश की अनुमानित 3,000 डॉल्फ़िन आबादी का लगभग आधा हिस्सा है. डीएफओ अमिता राज राज ने बताया कि बिदुपुर के पास डॉल्फिन मृत पाया गया है वैसे हमारे रेंज ऑफिसर वहां गए और जांच पड़ताल की है और उसके बॉडी को लेकर हम लोग रेंज ऑफिस चले आए हैं. इसके बाद वेटनरी डाॅक्टर से भी हमने कांटेक्ट करके देखा.

शॉक से मृत्यु का अनुमानः डीएफओ वैशाली अमिता राज ने भी बताया कि डॉल्फिन के मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया गया है, लेकिन यह 4 फीट का जुवेनाइल डॉल्फिन है और बिल्कुल स्वस्थ है. इसके शरीर पर कोई निशान नहीं है ऐसे में अनुमान ही लगाया जा रहा है कि शॉक के वजह से इसकी मृत्यु हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि कई बार अन्य मछलियों के संपर्क में आने से और अन्य वजहों से डॉल्फिन को शॉक होता है जिससे उसकी मृत्यु हो सकती है.

"गंगा किनारे मृत डाॅल्फिन मिला है. पशु चिकित्सक के द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया है. यह 4 फीट का जुवेनाइल डॉल्फिन है और बिल्कुल स्वस्थ है. इसके शरीर पर कोई निशान नहीं है. इसलिए प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि शॉक या स्ट्रेस के कारण उसकी मृत्यु हुई है " - अमिता राज, डीएफओ, वैशाली

वैशाली डीएफओ अमिता राज

वैशालीः बिहार के वैशाली में गंगा किनारे एक डाॅल्फिन का शव (Dolphin Death in Vaishali) मिला है. जिले के बिदुपुर के गोपालपुर दियारा में गंगा किनारे एक डॉल्फिन मृत अवस्था में मिला. इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम वहां पहुंची और डॉल्फिन के शव को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग की टीम डॉल्फिन की मौत के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. हाजीपुर के जढुआ में स्थित वन विभाग के रेंज ऑफिस में डॉल्फिन के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.

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बिदुपुर में पीपा पुलके नीचे मिला डाॅल्फिनः बताया जा रहा है कि नमामि गंगे परियोजना के जिला परियोजना अधिकारी को बिदुपुर के प्रशिक्षित गंगा दूत ने सूचना दी कि पीपा पुल के नीचे गंगा किनारे एक डॉल्फिन मृत हालत में पड़ा हुआ है. इसकी सूचना अविलंब वैशाली वन प्रमंडल पदाधिकारी को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम में डॉल्फिन के शव को कब्जे मे लिया. बता दें कि लुप्तप्राय हो रहे डॉल्फिन संरक्षण को लेकर बिहार सरकार गंभीर है.

डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र बनाने के अभियान को लग सकता है झटकाः डॉल्फिन संरक्षण को लेकर भारत और एशिया का पहला राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र (NDRC) बिहार राज्य के पटना विश्वविद्यालय परिसर में गंगा नदी के तट पर स्थापित किया जाना है, लेकिन वैशाली में हुई डॉल्फिन की मौत से इस अभियान को झटका लगा है. बता दें कि गंगा की डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जंतु है और यह दुनिया की चार मीठे पानी की डॉल्फिन प्रजातियों में से एक है. गंगा की डॉल्फिन मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप, खासकर गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदियों में पाई जाती है.

पांच से आठ फीट गहरे पानी में रहता है डाॅल्फिनः डॉल्फिन कम से कम 05 फीट से 08 फीट गहरे पानी में रहना पसंद करती हैं और ये आमतौर पर अशांत पानी में पाई जाती हैं. यहां इनके पास खाने के लिए पर्याप्त मछलियां होती है. बिहार में देश की अनुमानित 3,000 डॉल्फ़िन आबादी का लगभग आधा हिस्सा है. डीएफओ अमिता राज राज ने बताया कि बिदुपुर के पास डॉल्फिन मृत पाया गया है वैसे हमारे रेंज ऑफिसर वहां गए और जांच पड़ताल की है और उसके बॉडी को लेकर हम लोग रेंज ऑफिस चले आए हैं. इसके बाद वेटनरी डाॅक्टर से भी हमने कांटेक्ट करके देखा.

शॉक से मृत्यु का अनुमानः डीएफओ वैशाली अमिता राज ने भी बताया कि डॉल्फिन के मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया गया है, लेकिन यह 4 फीट का जुवेनाइल डॉल्फिन है और बिल्कुल स्वस्थ है. इसके शरीर पर कोई निशान नहीं है ऐसे में अनुमान ही लगाया जा रहा है कि शॉक के वजह से इसकी मृत्यु हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि कई बार अन्य मछलियों के संपर्क में आने से और अन्य वजहों से डॉल्फिन को शॉक होता है जिससे उसकी मृत्यु हो सकती है.

"गंगा किनारे मृत डाॅल्फिन मिला है. पशु चिकित्सक के द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया है. यह 4 फीट का जुवेनाइल डॉल्फिन है और बिल्कुल स्वस्थ है. इसके शरीर पर कोई निशान नहीं है. इसलिए प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि शॉक या स्ट्रेस के कारण उसकी मृत्यु हुई है " - अमिता राज, डीएफओ, वैशाली

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