वैशाली: बिहार के वैशाली के तीसीऔता थाना क्षेत्र में तीन लोगों की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. रविवार को पातेपुर से बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान (BJP MLA Lakhendra Paswan) ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ित परिजनों के धमका रही है. लिहाजा थानेदार को फौरन हटाया जाये, नहीं तो वे धरना देने के लिए मजबूर होंगे. वहीं, आरजेडी विधायक मुकेश रोशन (RJD MLA Mukesh Roshan) ने पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाये जाने का आरोप लगाया और कहा कि थानेदार, डीएसपी और एसपी की जहरीली शराब वालों से सांठ-गांठ है. अगर जहरीली शराब से मौत नहीं हुई तो बिना पोस्टमार्टम के बॉडी को क्यों डिस्पोज किया.
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वैशाली में कथित रूप से जहरीली शराब से मौत के मामले में पक्ष और विपक्ष एक खेमे में नजर आ रहा है. तीसीऔता थाना क्षेत्र के में 3 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत की बात सामने आ रही है. जिसके बाद जिले में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गयी है. पातेपुर से बीजेपी के विधायक लखेंद्र पासवान और महुआ से आरजेडी के विधायक मुकेश रोशन ने पीड़ित परिजनों मुलाकात की और स्थानीय लोगों से मामले की जानकारी ली. इस दौरान दोनों विधायकों ने पुलिस के खिलाफ बयान दिया और पुलिस पर पीड़ित परिजनों के ऊपर दबाव बनाये जाने की बात कही.
इस मामले में पातेपुर से बीजेपी के विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि पीड़ित महिला ने उनसे बताया कि थाना प्रभारी के द्वारा उनको धमकाया गया है. हमने एसपी साहब को कहा है कि थाना प्रशासन इस प्रकार से धमकी क्यों दे रहा है. प्रशासन के डर से इस तरह से आम जनता को डराया नहीं जा सकता. इस मामले का संज्ञान लेना जरूरी है और थाना प्रभारी को हटाने की जरूरत है. हमने थाना प्रभारी पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि सरकार ने शराब बंद किया है. अगर इस पर कार्रवाई होती तो यह कारगर होती, लेकिन स्थानीय प्रशासन की नाकामयाबी के कारण शराब का मामला सामने आता है. स्थानीय प्रशासन सजग होता तो शराबबंदी बिल्कुल सफल होती और जहरीली शराब नहीं बिकती. उन्होंने तीसीऔता थाना अध्यक्ष को हटाने की मांग की और कहा कि अगर थानाध्यक्ष को नहीं हटाया गया तो वे धरने पर भी बैठ सकते हैं.
वहीं, महुआ से राजद विधायक मुकेश रोशन ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यहां के शासन-प्रशासन के द्वारा दबाव बनाकर लोगों को धमकाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि किसके दबाव में बॉडी का डिस्पोजल किया गया और बिना पोस्टमार्टम के कैसे जलाया गया. 2 दिनों से खेल चल रहा है. उसके बाद न तो कोई सुनने वाला है और न ही कोई देखने वाला है कि किस तरह की शराबबंदी है. मुकेश रोशन ने नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा कि वह खुद यहां आएं और मुआयना करें, अपनी आंखों से देखें कि शराबबंदी के बाद क्या हाल है.
राजद विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन बार-बार यह दलील दे रहा है की मौत जहरीली शराब से नहीं बीमारी से हुई है. मामले की गहराई से जांच की आवश्यकता है. इस दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाये जाने का आरोप लगाया और कहा कि थानेदार, डीएसपी और एसपी की जहरीली शराब वालों से सांठ-गांठ है.
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