ETV Bharat / state

KK Pathak के फरमान का शिक्षकों ने किया विरोध.. रक्षाबंधन के दिन काली पट्टी बांधकर पहुंचे स्कूल - काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध

केके पाठक के फरमान का वैशाली में शिक्षकों ने विरोध किया. इसके लिए उन्होंंने रक्षाबंधन में कलाई में राखी की जगह बाजूओं पर काली पट्टी बांधकर स्कूल पहुंचे. शिक्षकों ने कहा कि यह तानाशाही रवैया है. स्कूल खुले रहे लेकिन बच्चों की उपस्थिति बेहद कम थी.

Raksha Bandhan Holiday Cancel
रक्षाबंधन पर छुट्टी कैंसिल होने का विरोध करते टीचर
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 31, 2023, 3:07 PM IST

वैशाली : बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पाठक के द्वारा स्कूलों की कई छुट्टियां को रद्द करने के फरमान का विरोध अब दिखने लगा है. वैशाली जिले के भगवानपुर, गौरौल सहित कई प्रखंडों में रक्षाबंधन को स्कूल खोलने का शिक्षकों ने विरोध किया. रक्षाबंधन को स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया गया था. निर्देशानुसार भारी मन से शिक्षक अपने स्कूल जरूर पहुंचे लेकिन बांह पर काली पट्टी बांधकर आए थे.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर CM नीतीश कुमार ने पीपल के पेड़ को बांधी राखी, राजधानी वाटिका में किया वृक्षारोपण

वैशाली में शिक्षकों ने जताया विरोध : शिक्षकों ने कहा कि वह काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे हैं. उनका कहना था कि पर्व त्यौहार को बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं, जबकि स्कूलों को खोला गया है. ऐसे में शिक्षक स्कूल जाकर क्या करेंगे. यही नहीं, शिक्षकों ने छुट्टियों को रद्द करने को तानाशाही रवैया तक करार दिया है. स्कूलों की हालत भी कुछ बेहतर नजर नहीं आई. 6 शिक्षक बच्चों को पढ़ने पहुंचे थे वहां मुश्किल से 6 छात्र ही हाजिर हुए थे. कई जगहों पर तो इससे भी कम छात्रों की उपस्थिति देखी गई.

शिक्षक थे लेकिन बच्चे नदारद : क्लास रूम में मात्र दो छात्रों को बढ़ते शिक्षक नजर आए. लगातार शिक्षकों को रक्षाबंधन के अवसर पर छुट्टी दी जाती थी. अब छुट्टी को रोके जाने से शिक्षकों में भारी आक्रोश है. भगवानपुर प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ज्योति भारती ने बताया कि यह तानाशाही रवैया है एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को रक्षाबंधन की बधाई देते हैं, वहीं छुट्टियों को रद्द कर देते हैं. जबकि महिलाओं को पर्वों में काफी कम रहता है.

ज्योति भारती का कहना है कि ''14 छुट्टियों को रद्द किया गया है, जिसमें तीज, दीपावली वगैरा भी शामिल है. उनका कहना है कि पर्व त्यौहार में बच्चे स्कूल नहीं आएंगे तो शिक्षक स्कूल आकर क्या करेंगे.'' वहीं गौरौल प्रखंड के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ''रक्षाबंधन पर स्कूल खोलने के निर्देश पर हम लोग स्कूल पहुंचे जरूर हैं. लेकिन, बच्चे बेहद कम आए हैं. ऐसे में स्कूल पहुंचकर शिक्षक क्या करेंगे?''


वैशाली : बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पाठक के द्वारा स्कूलों की कई छुट्टियां को रद्द करने के फरमान का विरोध अब दिखने लगा है. वैशाली जिले के भगवानपुर, गौरौल सहित कई प्रखंडों में रक्षाबंधन को स्कूल खोलने का शिक्षकों ने विरोध किया. रक्षाबंधन को स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया गया था. निर्देशानुसार भारी मन से शिक्षक अपने स्कूल जरूर पहुंचे लेकिन बांह पर काली पट्टी बांधकर आए थे.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर CM नीतीश कुमार ने पीपल के पेड़ को बांधी राखी, राजधानी वाटिका में किया वृक्षारोपण

वैशाली में शिक्षकों ने जताया विरोध : शिक्षकों ने कहा कि वह काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे हैं. उनका कहना था कि पर्व त्यौहार को बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं, जबकि स्कूलों को खोला गया है. ऐसे में शिक्षक स्कूल जाकर क्या करेंगे. यही नहीं, शिक्षकों ने छुट्टियों को रद्द करने को तानाशाही रवैया तक करार दिया है. स्कूलों की हालत भी कुछ बेहतर नजर नहीं आई. 6 शिक्षक बच्चों को पढ़ने पहुंचे थे वहां मुश्किल से 6 छात्र ही हाजिर हुए थे. कई जगहों पर तो इससे भी कम छात्रों की उपस्थिति देखी गई.

शिक्षक थे लेकिन बच्चे नदारद : क्लास रूम में मात्र दो छात्रों को बढ़ते शिक्षक नजर आए. लगातार शिक्षकों को रक्षाबंधन के अवसर पर छुट्टी दी जाती थी. अब छुट्टी को रोके जाने से शिक्षकों में भारी आक्रोश है. भगवानपुर प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ज्योति भारती ने बताया कि यह तानाशाही रवैया है एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को रक्षाबंधन की बधाई देते हैं, वहीं छुट्टियों को रद्द कर देते हैं. जबकि महिलाओं को पर्वों में काफी कम रहता है.

ज्योति भारती का कहना है कि ''14 छुट्टियों को रद्द किया गया है, जिसमें तीज, दीपावली वगैरा भी शामिल है. उनका कहना है कि पर्व त्यौहार में बच्चे स्कूल नहीं आएंगे तो शिक्षक स्कूल आकर क्या करेंगे.'' वहीं गौरौल प्रखंड के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ''रक्षाबंधन पर स्कूल खोलने के निर्देश पर हम लोग स्कूल पहुंचे जरूर हैं. लेकिन, बच्चे बेहद कम आए हैं. ऐसे में स्कूल पहुंचकर शिक्षक क्या करेंगे?''


ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.