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इसे कहते हैं मलाल..! बिहार का यह खिलाड़ी ब्राजील में नहीं लहरा पाएगा तिरंगा, क्योंकि सिस्टम ने दगा दे दिया

बिहार के हाजीपुर का बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद सेलेक्शन होने के बाद भी इंटरनेशनल खेलने के लिए ब्राजील नहीं जा रहे हैं. सिस्टम की नाकामी के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा है. रितिक ने कई गोल्ड और रजत अपने नाम कर चुके हैं.

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Published : Jul 9, 2023, 6:06 AM IST

बैंडमिंटन में गोल्ड मेडल फिर भी ब्राजील में इंटरनेशनल नहीं खेल पाएंगे रितिक

वैशालीः हाजीपुर के रितिक आनंद (Badminton player hrithik anand) बोल और सुन नहीं सकते हैं लेकिन उनके हुनर की गूंज पूरी दुनिया को तब सुनाई दी जब उन्होंने बीते वर्ष डेफ ओलंपिक में अपनी टीम के साथ गोल्ड मेडल जीता. डेफ वर्ल्ड कप में रजत सहित कई मेडल जीते. कई इंटरनेशनल और नेशनल पदक जीतने वाले रितिक को बीते वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी ने भोज पर आमंत्रित किया था. बिहार के CM नीतीश कुमार ने भी पुरस्कृत किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

यह भी पढ़ेंः Vaishali News: बोल और सुन नहीं सकते लेकिन राम धुन में घंटो झूमते रहे ऋतिक आनंद, गोल्ड विजेता कोच के साथ पहुंचे सीता राम मंदिर

सिस्टम की नाकामीः इतनी कामयाबी मिलने के बाद भी रितिक आनंद डेफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्राजील नहीं जा पाएंगे, क्योंकि इसके पीछे सिस्टम की नाकामी छिपी है. डेफ एक डंप बैडमिंटन के फेडरेशन ने बताया है कि उनके पास रितिक को वर्ल्ड चैंपियनशिप में भेजने के लिए फंड नहीं है. इसका खुलासा तब हुआ जब नेशनल कैंप के जगह रितिक हाजीपुर के बसावन सिंह इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने पहुंच गए.

सीएम नीतीश कुमार के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
सीएम नीतीश कुमार के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

सरकारी व्यवस्था लचरः रितिक के पिता उदय कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि रितिक का सेलेक्शन हुआ था, लेकिन सरकारी व्यवस्था लचर होने के कारण नहीं जा सका. फंड की कमी का कारण बताकर नहीं भेजा जा रहा है. सभी लोग हाईकोर्ट का एक डिसीजन बता कर कह रहे हैं कि हम लोग मजबूर हैं. फेडरेशन ने बताया गया कि 7 करोड़ 50 लाख रूपया सेंट्रल गवर्नमेंट से मिली है, जबकि मुझे 17 करोड़ 50 लाख रुपए चाहिए. पैसा नहीं मिला है इसलिए इन बच्चों का हम लिस्ट से नाम काट रहे हैं.

"सरकारी व्यवस्था लचर होने के कारण ब्राजील नहीं जा सका. फंड के अभाव में खेलने के लिए नहीं जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है. फेडरेशन ने बताया गया कि 7 करोड़ 50 लाख रूपया सेंट्रल गवर्नमेंट से मिली है जबकि मुझे 17 करोड़ 50 लाख रुपए चाहिए. पैसा नहीं मिला है इसलिए इन बच्चों का हम लिस्ट से नाम काट रहे हैं. अगर पैसा मिल जाएगा तो हम सारे बच्चों को लेकर जाएंगे" - उदय कुमार, रितिक के पिता.

भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद
भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद

रितिक के कोच दुखीः रितिक के कोच व नेशनल प्लेयर संतोष कुमार ने गहरा दुख जताया. कहा कि सिस्टम की नाकामी है कि रितिक इंटरनेशनल नहीं खेल पाएगा. भारत सरकार को देखना चाहिए. इसमें कोई भी कमी नहीं है. इस सिस्टम की कमी की वजह से नहीं जा पाया. लड़का बहुत अच्छा खेल रहा है यह जाता तो मेडल लेकर आता. रितिक को संतोष कुमार ने ही बैडमिंटन खेल में गाइड किया है.

"सिस्टम की नाकामी है. यह बहुत अच्छा प्रैक्टिस कर रहा है. भारत सरकार को कुछ करना चाहिए था. इसमें कोई भी कमी नहीं है. इस सिस्टम की कमी की वजह से नहीं जा पाया. लड़का बहुत अच्छा खेल रहा है, यह जाता तो मेडल लेकर आता" - संतोष कुमार, रितिक के कोच व नेशनल बैडमिंटन प्लेयर.

बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

रितिक के साथी क्या बोले: रितिक के साथ लंम्बे समय से बैडमिंटन खेल रहे राजेश कुमार बर्धन ने कहा कि रितिक बहुत ही सफल खिलाड़ी है. वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं गए इस बात का बहुत दुख है. बैडमिंटन प्लेयर निशांत कुमार ने कहा कि रितिक जो है, वह हमारे वैशाली का धरोहर है. रितिक को करीब से जानने वाले और शुरू से रितिक के बैडमिंटन सफर को करीब से देखने वाले पर मेंटल प्लेयर दयाशंकर पाठक ने बताया कि रितिक आनंद को माननीय प्रधानमंत्री जी अपने यहां सारे खिलाड़ियों के सतग बुलाकर पुरस्कृत किए. लेकिन सिस्टम की लापरवाही के कारण आज वह ब्राजील नहीं जा पाया.

अपनी टीम के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद
अपनी टीम के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद

सरकारी नाकामी के कारण पिछे हटना पड़ाः 10 जुलाई से ब्राजील में डेफ वर्ल्ड चैंपियनशिप (Deaf World Championship in Brazil) होना है. जिसके लिए रितिक सहित कई खिलाड़ियों का चयन हुआ था. ऐसे में रितिक के पिता और रितिक के कोच सहित तमाम खिलाड़ियों का दुख स्वभाविक है. एक नहीं सुन सकने और नहीं बोल सकने वाले बच्चे ने लगातार मेहनत करके उस मुकाम तक खुद को पहुंचाया और अब सरकारी नाकामी की वजह से उसे पीछे हटना पड़ रहा है.

बैंडमिंटन में गोल्ड मेडल फिर भी ब्राजील में इंटरनेशनल नहीं खेल पाएंगे रितिक

वैशालीः हाजीपुर के रितिक आनंद (Badminton player hrithik anand) बोल और सुन नहीं सकते हैं लेकिन उनके हुनर की गूंज पूरी दुनिया को तब सुनाई दी जब उन्होंने बीते वर्ष डेफ ओलंपिक में अपनी टीम के साथ गोल्ड मेडल जीता. डेफ वर्ल्ड कप में रजत सहित कई मेडल जीते. कई इंटरनेशनल और नेशनल पदक जीतने वाले रितिक को बीते वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी ने भोज पर आमंत्रित किया था. बिहार के CM नीतीश कुमार ने भी पुरस्कृत किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

यह भी पढ़ेंः Vaishali News: बोल और सुन नहीं सकते लेकिन राम धुन में घंटो झूमते रहे ऋतिक आनंद, गोल्ड विजेता कोच के साथ पहुंचे सीता राम मंदिर

सिस्टम की नाकामीः इतनी कामयाबी मिलने के बाद भी रितिक आनंद डेफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्राजील नहीं जा पाएंगे, क्योंकि इसके पीछे सिस्टम की नाकामी छिपी है. डेफ एक डंप बैडमिंटन के फेडरेशन ने बताया है कि उनके पास रितिक को वर्ल्ड चैंपियनशिप में भेजने के लिए फंड नहीं है. इसका खुलासा तब हुआ जब नेशनल कैंप के जगह रितिक हाजीपुर के बसावन सिंह इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने पहुंच गए.

सीएम नीतीश कुमार के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
सीएम नीतीश कुमार के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

सरकारी व्यवस्था लचरः रितिक के पिता उदय कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि रितिक का सेलेक्शन हुआ था, लेकिन सरकारी व्यवस्था लचर होने के कारण नहीं जा सका. फंड की कमी का कारण बताकर नहीं भेजा जा रहा है. सभी लोग हाईकोर्ट का एक डिसीजन बता कर कह रहे हैं कि हम लोग मजबूर हैं. फेडरेशन ने बताया गया कि 7 करोड़ 50 लाख रूपया सेंट्रल गवर्नमेंट से मिली है, जबकि मुझे 17 करोड़ 50 लाख रुपए चाहिए. पैसा नहीं मिला है इसलिए इन बच्चों का हम लिस्ट से नाम काट रहे हैं.

"सरकारी व्यवस्था लचर होने के कारण ब्राजील नहीं जा सका. फंड के अभाव में खेलने के लिए नहीं जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है. फेडरेशन ने बताया गया कि 7 करोड़ 50 लाख रूपया सेंट्रल गवर्नमेंट से मिली है जबकि मुझे 17 करोड़ 50 लाख रुपए चाहिए. पैसा नहीं मिला है इसलिए इन बच्चों का हम लिस्ट से नाम काट रहे हैं. अगर पैसा मिल जाएगा तो हम सारे बच्चों को लेकर जाएंगे" - उदय कुमार, रितिक के पिता.

भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद
भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद

रितिक के कोच दुखीः रितिक के कोच व नेशनल प्लेयर संतोष कुमार ने गहरा दुख जताया. कहा कि सिस्टम की नाकामी है कि रितिक इंटरनेशनल नहीं खेल पाएगा. भारत सरकार को देखना चाहिए. इसमें कोई भी कमी नहीं है. इस सिस्टम की कमी की वजह से नहीं जा पाया. लड़का बहुत अच्छा खेल रहा है यह जाता तो मेडल लेकर आता. रितिक को संतोष कुमार ने ही बैडमिंटन खेल में गाइड किया है.

"सिस्टम की नाकामी है. यह बहुत अच्छा प्रैक्टिस कर रहा है. भारत सरकार को कुछ करना चाहिए था. इसमें कोई भी कमी नहीं है. इस सिस्टम की कमी की वजह से नहीं जा पाया. लड़का बहुत अच्छा खेल रहा है, यह जाता तो मेडल लेकर आता" - संतोष कुमार, रितिक के कोच व नेशनल बैडमिंटन प्लेयर.

बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.
बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद.

रितिक के साथी क्या बोले: रितिक के साथ लंम्बे समय से बैडमिंटन खेल रहे राजेश कुमार बर्धन ने कहा कि रितिक बहुत ही सफल खिलाड़ी है. वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं गए इस बात का बहुत दुख है. बैडमिंटन प्लेयर निशांत कुमार ने कहा कि रितिक जो है, वह हमारे वैशाली का धरोहर है. रितिक को करीब से जानने वाले और शुरू से रितिक के बैडमिंटन सफर को करीब से देखने वाले पर मेंटल प्लेयर दयाशंकर पाठक ने बताया कि रितिक आनंद को माननीय प्रधानमंत्री जी अपने यहां सारे खिलाड़ियों के सतग बुलाकर पुरस्कृत किए. लेकिन सिस्टम की लापरवाही के कारण आज वह ब्राजील नहीं जा पाया.

अपनी टीम के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद
अपनी टीम के साथ बैंडमिंटन खिलाड़ी रितिक आनंद

सरकारी नाकामी के कारण पिछे हटना पड़ाः 10 जुलाई से ब्राजील में डेफ वर्ल्ड चैंपियनशिप (Deaf World Championship in Brazil) होना है. जिसके लिए रितिक सहित कई खिलाड़ियों का चयन हुआ था. ऐसे में रितिक के पिता और रितिक के कोच सहित तमाम खिलाड़ियों का दुख स्वभाविक है. एक नहीं सुन सकने और नहीं बोल सकने वाले बच्चे ने लगातार मेहनत करके उस मुकाम तक खुद को पहुंचाया और अब सरकारी नाकामी की वजह से उसे पीछे हटना पड़ रहा है.

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