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Viral Girl Kareena: करीना के पेट में दो-दो सांप? गांव वालों का दावा, परिवार परेशान

वैशाली की करीना के पेट में सांप पल रहे हैं. गांव वालो का ये दावा है. यही वजह है कि इसे विलक्षण मानकर पूजा पाठ शुरू है. कई दिनों से बच्ची का वीडियो भी वायरल हो रहा है. चारों ओर चर्चा यही है कि 8 साल की बच्ची की पेट में एक सांप है जो अंदर ही अंदर उसे निगलता जा रहा है. बच्ची के माता-पिता परेशान हैं. इसके पीछे क्या है सच्चाई जानने के लिए पढ़िए ये Special Health Report -

पेट में सांप
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Published : Feb 16, 2023, 7:21 PM IST

करीना के पेट में पल रहा है सांप या कुछ विलक्षण है..? डॉक्टर से जानिए

पटना : बिहार के वैशाली में 8 साल की बच्ची इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि 8 साल की करीना के पेट में दो सांप पल रहे हैं. बच्ची के माता-पिता का कहना है कि पिछले वर्ष रक्षाबंधन के समय से ही बच्ची के पेट में काफी दर्द रह रहा है और अब बच्ची का पेट बहुत अधिक फूल चुका है. बच्ची को उठने बैठने और सोने में तकलीफ हो रही है. चेहरा बहुत अधिक मुरझा गया है. सूजा हुआ लग रहा है. बाल के रंग बदल गए हैं. छोटी सी बच्ची की ये दशा देखकर उसके माता-पिता परेशान हैं. गांव वाले इस तरह के लक्षण को विलक्षण मान रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पेट में शीशे का गिलास.. देखते ही डॉक्टर का चकरा गया माथा, जानें क्या है पूर मामला

बच्ची के पेट में सांप: बच्ची के माता-पिता का कहना है कि गांव में एक डॉक्टर से दिखाए थे. डॉक्टर ने बताया दो सांप हैं. ग्रामीण इसे महिमामंडित करने में जुट गए हैं की बच्ची में कुछ विलक्षण क्षमता आ गई है. लेकिन चिकित्सा जगत इससे साफ इनकार कर रहा है. चिकित्सकों की मानें तो यह राउंड वर्म (जोंक) है. जिसका समय रहते इलाज ना हो तो यह बहुत पीड़ादायक हो सकता है. ठीक से उपचार न हुआ तो जान भी जा सकती है.

अंदर-अंदर निगल रहा बच्ची का जीवन: पीएमसीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन कुमार ने बताया कि बच्ची के पेट में सांप तो वह आज तक अपने चिकित्सीय जीवन में नहीं सुने हैं. जिस तरह से बच्ची की फोटो दिख रही है, उसमें बच्ची का पेट बहुत अधिक सूजा हुआ है. आंखें भी बहुत अधिक फूली हुई हैं और बाल का रंग भी कमजोर हुआ है. जिसे मेडिकल टर्म में फ्लैग साइन कहते हैं. यह विटामिन ए की डिफिशिएंसी की वजह से होता है.

''यह पूरी तरह से वर्म इंफेक्शन है. यानी की बच्ची के पेट में जोंक हो गया है. आमतौर पर यह 'राउंड वर्म' होते हैं और यह काफी लंबे हो सकते हैं. समय पर इसे पेट से बाहर निकालने के लिए कुछ उपाय नहीं किया गया तो यह 25 सेंटीमीटर तक लंबे हो सकते हैं. यह राउंड होकर इंटेस्टाइन को बुरी तरह जकड़ लेते हैं. यह जोंक पेट में गुच्छे की तरह हो जाते हैं और एक दूसरे से लिपट कर रस्सी की तरह हो जाते हैं.''- डॉक्टर सुमन कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ, पीएमसीएच

ये सांप नहीं तो क्या है? : डॉक्टर के मुताबिक राउंड वर्म इंटेस्टाइन (पेट) को डैमेज करते हैं और पैखाना या पेशाब में रुकावट भी पैदा कर सकते हैं. डॉ सुमन कुमार ने कहा कि हमें समझना होगा कि पेट में ऐसे कीड़े क्यों होते हैं. इस प्रकार पेट में कीड़ा की समस्या लो सोशियो इकोनामिक ग्रुप के परिवार में अधिक दिखती है. जहां पर खानपान में हाइजीन अच्छा नहीं होता.

ये है इस बीमारी का लक्षण : जहां साफ-सफाई अधिक नहीं रहती है उस जगह बच्चों के पेट में इस प्रकार कीड़े का होना बहुत कॉमन है. यह कीड़े बच्चे को न्यूट्रीशनली डिप्राइव्ड कर देते हैं. यानी की बच्ची जो कुछ भी खाते हैं सारा भोजन कीड़े के पास चला जाता है. इस बच्ची की तस्वीर को भी देखेंगे तो चेहरा पूरी तरह पीला पड़ा हुआ है. उसके आसपास जो बच्चे हैं दोनों के चेहरे को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार इस बच्ची के शरीर के अंदर कीड़े की वजह से खून की कमी हो गई है.

'ये चमत्कार नहीं, रोग है': बच्ची के अंदर विटामिन की कमी हो गई है. पेट में कीड़ा बच्चे की विकास को रोक देता है और कई बार स्थिति ऐसी आ जाती है कि बच्ची को वोमेटींग (उल्टी) होती है. डॉ सुमन कुमार ने कहा कि बच्ची की अभी की जो स्थिति है इसमें उसकी जान पर खतरा बना हुआ है. इसका कारण यह है कि बच्ची के परिजन जागरूक नहीं थे और आसपास के लोग इसे ग्लोरिफाई कर रहे हैं कि कुछ विचित्र क्षमता आ गई है. यह सब 'मूर्खतापूर्ण' बातें हैं.

ऐसे लक्षण दिखे तो इलाज जरूरी: बच्ची के पेट में सांप कह कर जो बातें कर रहे हैं वह मूर्खतापूर्ण बातें कर रहे हैं. यदि बच्चे के पेट में शुरू में ही कीड़ा पकड़ में आ जाए तो इसका कंजरवेटिव ट्रीटमेंट शुरू हो जाता है. इसके तहत बच्चों को मुंह से कोई खाना नहीं दिया जाता है. उन्हें लिक्विड डाइट दिया जाता है. नस के माध्यम से फूड न्यूट्रिशन इंजेक्ट किया जाता है. 2 से 3 दिनों की प्रक्रिया में कई बार जो जोक होता है वह पैखाना के माध्यम से निकल जाता है या फिर वोमेटींग के दौरान मुंह से निकल जाता है.

ऑपरेशन से भी निकाला जा सकता है राउंड वर्म: अगर इसके बावजूद अगर ना निकले तो फिर कई बार ऑपरेशन करने पड़ जाते हैं. यदि कीड़े का आकार बहुत अधिक बढ़ गया है और बहुत दिनों से पेट में कीड़ा है तो ऑपरेशन भी बहुत अधिक रिस्की होता है और जान का खतरा बन जाता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो करीना नाम की बच्ची है उसके परिजनों को अपने बच्चे को किसी अच्छे अस्पताल में दिखाना चाहिए जहां तमाम सुविधाएं उपलब्ध है.

करीना के केस में क्या होगा? : डॉक्टर ने सलाह देते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को नजदीकी सदर अस्पताल या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों को लेकर जाएं. करीना नाम की बच्ची को उस अस्पताल में ले जाकर अब दिखाने की आवश्यकता है. जहां ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा हो, जहां ऑपरेशन की सुविधा हो, जहां एक पूरा टीम हो जिसमें एनेस्थेटिक हो, ऑपरेशन के बाद केयरटेकिंग और मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था हो.

कृमि नाशक दवा का डोज बच्चों को जरूरी: डॉ सुमन ने बताया कि अभिभावकों को चाहिए कि हर बच्चे को साल में कम से कम 2 बार कीड़ा की दवा एल्बेंडाजोल खिलाया जाए और बच्चे को स्वच्छ और साफ सुथरा भोजन दिया जाए, साथ ही बच्चों को साफ और स्वच्छ माहौल में रखा जाए.

करीना के पेट में पल रहा है सांप या कुछ विलक्षण है..? डॉक्टर से जानिए

पटना : बिहार के वैशाली में 8 साल की बच्ची इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि 8 साल की करीना के पेट में दो सांप पल रहे हैं. बच्ची के माता-पिता का कहना है कि पिछले वर्ष रक्षाबंधन के समय से ही बच्ची के पेट में काफी दर्द रह रहा है और अब बच्ची का पेट बहुत अधिक फूल चुका है. बच्ची को उठने बैठने और सोने में तकलीफ हो रही है. चेहरा बहुत अधिक मुरझा गया है. सूजा हुआ लग रहा है. बाल के रंग बदल गए हैं. छोटी सी बच्ची की ये दशा देखकर उसके माता-पिता परेशान हैं. गांव वाले इस तरह के लक्षण को विलक्षण मान रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पेट में शीशे का गिलास.. देखते ही डॉक्टर का चकरा गया माथा, जानें क्या है पूर मामला

बच्ची के पेट में सांप: बच्ची के माता-पिता का कहना है कि गांव में एक डॉक्टर से दिखाए थे. डॉक्टर ने बताया दो सांप हैं. ग्रामीण इसे महिमामंडित करने में जुट गए हैं की बच्ची में कुछ विलक्षण क्षमता आ गई है. लेकिन चिकित्सा जगत इससे साफ इनकार कर रहा है. चिकित्सकों की मानें तो यह राउंड वर्म (जोंक) है. जिसका समय रहते इलाज ना हो तो यह बहुत पीड़ादायक हो सकता है. ठीक से उपचार न हुआ तो जान भी जा सकती है.

अंदर-अंदर निगल रहा बच्ची का जीवन: पीएमसीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन कुमार ने बताया कि बच्ची के पेट में सांप तो वह आज तक अपने चिकित्सीय जीवन में नहीं सुने हैं. जिस तरह से बच्ची की फोटो दिख रही है, उसमें बच्ची का पेट बहुत अधिक सूजा हुआ है. आंखें भी बहुत अधिक फूली हुई हैं और बाल का रंग भी कमजोर हुआ है. जिसे मेडिकल टर्म में फ्लैग साइन कहते हैं. यह विटामिन ए की डिफिशिएंसी की वजह से होता है.

''यह पूरी तरह से वर्म इंफेक्शन है. यानी की बच्ची के पेट में जोंक हो गया है. आमतौर पर यह 'राउंड वर्म' होते हैं और यह काफी लंबे हो सकते हैं. समय पर इसे पेट से बाहर निकालने के लिए कुछ उपाय नहीं किया गया तो यह 25 सेंटीमीटर तक लंबे हो सकते हैं. यह राउंड होकर इंटेस्टाइन को बुरी तरह जकड़ लेते हैं. यह जोंक पेट में गुच्छे की तरह हो जाते हैं और एक दूसरे से लिपट कर रस्सी की तरह हो जाते हैं.''- डॉक्टर सुमन कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ, पीएमसीएच

ये सांप नहीं तो क्या है? : डॉक्टर के मुताबिक राउंड वर्म इंटेस्टाइन (पेट) को डैमेज करते हैं और पैखाना या पेशाब में रुकावट भी पैदा कर सकते हैं. डॉ सुमन कुमार ने कहा कि हमें समझना होगा कि पेट में ऐसे कीड़े क्यों होते हैं. इस प्रकार पेट में कीड़ा की समस्या लो सोशियो इकोनामिक ग्रुप के परिवार में अधिक दिखती है. जहां पर खानपान में हाइजीन अच्छा नहीं होता.

ये है इस बीमारी का लक्षण : जहां साफ-सफाई अधिक नहीं रहती है उस जगह बच्चों के पेट में इस प्रकार कीड़े का होना बहुत कॉमन है. यह कीड़े बच्चे को न्यूट्रीशनली डिप्राइव्ड कर देते हैं. यानी की बच्ची जो कुछ भी खाते हैं सारा भोजन कीड़े के पास चला जाता है. इस बच्ची की तस्वीर को भी देखेंगे तो चेहरा पूरी तरह पीला पड़ा हुआ है. उसके आसपास जो बच्चे हैं दोनों के चेहरे को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार इस बच्ची के शरीर के अंदर कीड़े की वजह से खून की कमी हो गई है.

'ये चमत्कार नहीं, रोग है': बच्ची के अंदर विटामिन की कमी हो गई है. पेट में कीड़ा बच्चे की विकास को रोक देता है और कई बार स्थिति ऐसी आ जाती है कि बच्ची को वोमेटींग (उल्टी) होती है. डॉ सुमन कुमार ने कहा कि बच्ची की अभी की जो स्थिति है इसमें उसकी जान पर खतरा बना हुआ है. इसका कारण यह है कि बच्ची के परिजन जागरूक नहीं थे और आसपास के लोग इसे ग्लोरिफाई कर रहे हैं कि कुछ विचित्र क्षमता आ गई है. यह सब 'मूर्खतापूर्ण' बातें हैं.

ऐसे लक्षण दिखे तो इलाज जरूरी: बच्ची के पेट में सांप कह कर जो बातें कर रहे हैं वह मूर्खतापूर्ण बातें कर रहे हैं. यदि बच्चे के पेट में शुरू में ही कीड़ा पकड़ में आ जाए तो इसका कंजरवेटिव ट्रीटमेंट शुरू हो जाता है. इसके तहत बच्चों को मुंह से कोई खाना नहीं दिया जाता है. उन्हें लिक्विड डाइट दिया जाता है. नस के माध्यम से फूड न्यूट्रिशन इंजेक्ट किया जाता है. 2 से 3 दिनों की प्रक्रिया में कई बार जो जोक होता है वह पैखाना के माध्यम से निकल जाता है या फिर वोमेटींग के दौरान मुंह से निकल जाता है.

ऑपरेशन से भी निकाला जा सकता है राउंड वर्म: अगर इसके बावजूद अगर ना निकले तो फिर कई बार ऑपरेशन करने पड़ जाते हैं. यदि कीड़े का आकार बहुत अधिक बढ़ गया है और बहुत दिनों से पेट में कीड़ा है तो ऑपरेशन भी बहुत अधिक रिस्की होता है और जान का खतरा बन जाता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो करीना नाम की बच्ची है उसके परिजनों को अपने बच्चे को किसी अच्छे अस्पताल में दिखाना चाहिए जहां तमाम सुविधाएं उपलब्ध है.

करीना के केस में क्या होगा? : डॉक्टर ने सलाह देते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को नजदीकी सदर अस्पताल या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों को लेकर जाएं. करीना नाम की बच्ची को उस अस्पताल में ले जाकर अब दिखाने की आवश्यकता है. जहां ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा हो, जहां ऑपरेशन की सुविधा हो, जहां एक पूरा टीम हो जिसमें एनेस्थेटिक हो, ऑपरेशन के बाद केयरटेकिंग और मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था हो.

कृमि नाशक दवा का डोज बच्चों को जरूरी: डॉ सुमन ने बताया कि अभिभावकों को चाहिए कि हर बच्चे को साल में कम से कम 2 बार कीड़ा की दवा एल्बेंडाजोल खिलाया जाए और बच्चे को स्वच्छ और साफ सुथरा भोजन दिया जाए, साथ ही बच्चों को साफ और स्वच्छ माहौल में रखा जाए.

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