पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी परिणाम के बाद होने वाली संभावित रंजिश से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अपनी कमर कस ली है. मतगणना के बाद किसी प्रकार की हिंसा नहीं हो इसके लिए सभी जिले के एसपी एसएससी और थानेदारों को अलर्ट किया गया है. वे अपने थाना क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे. साथ ही किसी प्रकार के विवाद, धमकी की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
पुलिस मुख्यालय में डीएसपी लेवल के अधिकारी को इसकी मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि विगत चुनाव के बाद भी चुनाव में गोलबंदी की वजह से काफी हिंसा होती रही है. चुनाव के 6 महीने तक इसका असर देखने को मिलता है. कई बार चुनाव परिणाम के बाद हत्या भी हो जाती है. विगत सालों में ऐसा देखने को मिला है जिस वजह से पुलिस मुख्यालय पूरी तरह से अपने अधिकारियों को अलर्ट कर रखा है.
मतगणना को लेकर तैयारियां पूरी
मतगणना केंद्र की सुरक्षा को लेकर सभी पुलिसकर्मी और अधिकारी सुबह 5 बजे से ही मतगणना स्थल पर पहुंचेंगे. केंद्र में प्रवेश को लेकर अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं. सभी प्रवेश द्वार पर भारी सुरक्षा बल का तैनात किया गया है. मतगणना केंद्र के अंदर बिहार पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल के भारी संख्या में जवानों की तैनाती रहेगी. वहीं राजधानी पटना के 42 संवेदनशील जगह पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है. आतिशबाजी और जुलूस निकालने पर मनाही है. ऐसे लोगों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी.
बिहार में राजनीतिक हिंसा
बता दें कि एनसीआरबी के आंकड़े मुताबिक चुनावी हिंसा में बिहार देश भर में पांचवें स्थान पर है. पुलिस मुख्यालय ने बिहार के सभी थानेदारों को अलर्ट किया है कि 10 नवंबर को मतगणना के बाद किसी प्रकार के विवाद को रोकने के लिए तैयार रहें. राज्य में अमन, चैन और शांति कायम रखने के लिए पुलिस चौकस है. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय के बड़े अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि थानों के पुलिसकर्मी समय पर कार्रवाई करें. जिससे छोटा विवाद बड़ा रूप ना ले सके.