पटना: मनेर नगर पंचायत में 'कुर्सी' को लेकर पिछले 22 दिनों से चल रहे उठा पटक 'पार्ट वन' का पटाक्षेप हो गया. शुक्रवार को नगर पंचायत के मुख्य पार्षद मीरा देवी एवं उप मुख्य पार्षद फरीद हुसैन खान उर्फ गुड्डू खान के विरोध में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. दोनों की कुर्सी चली गई. इसके साथ ही नए मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद के चुनाव को लेकर आज से 'पार्ट टू' का खेल शुरू हो गया.
6 पार्षद अनुपस्थित
इस दौरान मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद समेत 6 पार्षद अनुपस्थित रहे. दोनों की अनुपस्थिति में पार्षदों के बीच से बैठक का संचालन के लिए पीठासीन पदाधिकारी सह अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से वार्ड 9 के पार्षद अमोल बजाज का चयन किया गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद गुप्त मतदान कराया गया, जिसमें मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 13 वोट पड़े।वहीं उप मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 2 मत पड़े. प्रस्ताव पारित होने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 पार्षदों का होना जरूरी है. इस तरह से दोनों की कुर्सी चली गई. वहीं, इस बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में दानापुर के डीसीएलआर, कार्यपालक पदाधिकारी पूजा माला, नगर प्रबंधक एवं मुकेश कुमार भी मौजूद रहे.
अविश्वास प्रस्ताव के बाद चली गई कुर्सी
आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद मनेर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद मीरा देवी की कुर्सी चली गई. इसी के साथ मीरा देवी को तिहरा झटका लगा जहां कुछ माह पहले ही मीरा देवी के पति दिलीप प्रसाद की अचानक मृत्यु हो गई और इसके अलावा उनके पति की मां यानी सास की भी मृत्यु 13 दिन पूर्व हुई और आज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद की कुर्सी भी चली गई. जिससे उनको तीसरा झटका लगा है. वहीं, इस कुर्सी छीन जाने के बाद मनेर वासियों में गहरा आक्रोश है. नगर वासियों का कहना है कि यह राजनीति का गंदा खेल खेला गया है जिस परिवार को सांत्वना एव साथ देना चाहिए की जरूरत है लेकिन नगर पंचायत के वार्ड पार्षद उन्हें जख्म दे रहे हैं.
लोगों में नाराजगी
वहीं, दूसरी ओर पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता श्रीकांत निराला ने मनेर की राजनीति में एक बार फिर अपनी धमक दिखाई. निराला गुट के पार्षदों ने नगर पंचायत के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद की कुर्सी छीन ली. निराला ने पर्दे के पीछे रहकर इस खेल को शुरू किया एवं अंजाम तक पहुंचाया. विरोधी खेमे के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद को पद से हटाकर मनेर की राजनीति में अपना वर्चस्व बरकरार रखा. वहीं, आज मनेर में इन सभी चर्चाओं पर बाजार गर्म देखने को मिला खासकर वैश्य समाज के लोगों में गहरी नाराजगी है.