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सुपौल में शिक्षकों की ट्रेनिंग के नाम पर घोटाला, ईटीवी भारत की पड़ताल में खुलासा - supaul

28 मार्च 2019 से ट्रेनिंग शुरू हुई. आज उसका अंतिम दिन था. पड़ताल में पाया गया कि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारी की वजह से यह ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ति बन कर रह गयी.

मामले की जानकारी देता युवक
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Published : Apr 1, 2019, 11:04 PM IST

सुपौल:शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, प्रैक्टिकल घोटाला के बाद अब शिक्षक ट्रेनिंग घोटाला सामने आया है. दरअसल 400 शिक्षकों कोविज्ञान, गणित सहित कई विषयों की ट्रेनिंग दी जानी है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की तो मौके पर3 शिक्षक ही ट्रेनिंग करते पाए गए.

28 मार्च से शुरू हुईट्रेनिंग
28 मार्च 2019 से ट्रेनिंग शुरू हुई. आज उसका अंतिम दिन था. पड़ताल में पाया गया कि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारी की वजह से यह ट्रेनिंग मात्रखानापूर्ति बन कर रह गयी.हमनें इसकी पड़ताल माध्यमिक शिक्षा संघ भवन से की. जिसमें मात्र 03 शिक्षक ही वहां मौजूद थे. इतना ही नहीं ट्रेनिंग में शामिल शिक्षकों को भोजन और रात्रि विश्रामभी दिया जाना है. लेकिन यहां इन तीन शिक्षकों को खाना तक नहीं मिला.

प्रखंड संसाधन केंद्र सुपौल

क्या है व्यवस्था
दरसअल, सरकार ने शिक्षकों के आवास, भोजन आदि से लेकर टीए डीए तक कि व्यवस्था की है. लेकिन लापरवाह गुरु जी और असंवेदनशील शिक्षा विभाग के अधिकारियों की वजहसे सरकार की मंशा पर पानी फिर गया. जबकिसरकार ने ट्रेनिंग के लिए प्रति शिक्षक एक हजार रुपये की व्यवस्था की है. ताकि प्रशिक्षु शिक्षकों के रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जा सके.

जिला शिक्षा पदाधिकारी का बयान
प्रशिक्षु शिक्षकों ने बताया कि सुपौल के बीआरसी भवन में अन्य शिक्षकों के रहने औरखाने कीव्यवस्था हुईहै. तब हम रात के 08 बजे बीआरसी भवन पहुंचे. जहां गेट पर ताला लटका था. सूत्रों की मानें तोट्रेनिंग घोटाला कई वर्षों से चल रहा है. वहीं जब हमनें जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंनेसभी आरोप को खारिज कर दिया.


सुपौल:शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, प्रैक्टिकल घोटाला के बाद अब शिक्षक ट्रेनिंग घोटाला सामने आया है. दरअसल 400 शिक्षकों कोविज्ञान, गणित सहित कई विषयों की ट्रेनिंग दी जानी है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की तो मौके पर3 शिक्षक ही ट्रेनिंग करते पाए गए.

28 मार्च से शुरू हुईट्रेनिंग
28 मार्च 2019 से ट्रेनिंग शुरू हुई. आज उसका अंतिम दिन था. पड़ताल में पाया गया कि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारी की वजह से यह ट्रेनिंग मात्रखानापूर्ति बन कर रह गयी.हमनें इसकी पड़ताल माध्यमिक शिक्षा संघ भवन से की. जिसमें मात्र 03 शिक्षक ही वहां मौजूद थे. इतना ही नहीं ट्रेनिंग में शामिल शिक्षकों को भोजन और रात्रि विश्रामभी दिया जाना है. लेकिन यहां इन तीन शिक्षकों को खाना तक नहीं मिला.

प्रखंड संसाधन केंद्र सुपौल

क्या है व्यवस्था
दरसअल, सरकार ने शिक्षकों के आवास, भोजन आदि से लेकर टीए डीए तक कि व्यवस्था की है. लेकिन लापरवाह गुरु जी और असंवेदनशील शिक्षा विभाग के अधिकारियों की वजहसे सरकार की मंशा पर पानी फिर गया. जबकिसरकार ने ट्रेनिंग के लिए प्रति शिक्षक एक हजार रुपये की व्यवस्था की है. ताकि प्रशिक्षु शिक्षकों के रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जा सके.

जिला शिक्षा पदाधिकारी का बयान
प्रशिक्षु शिक्षकों ने बताया कि सुपौल के बीआरसी भवन में अन्य शिक्षकों के रहने औरखाने कीव्यवस्था हुईहै. तब हम रात के 08 बजे बीआरसी भवन पहुंचे. जहां गेट पर ताला लटका था. सूत्रों की मानें तोट्रेनिंग घोटाला कई वर्षों से चल रहा है. वहीं जब हमनें जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंनेसभी आरोप को खारिज कर दिया.


Intro:सुपौल: सुपौल शिक्षा विभाग में यूं तो घोटाले का एक अपना इतिहास रहा है. उच्च विद्यालय के शिक्षकों को समग्र शिक्षा के तहत दी जाने वाली ट्रेनिंग में बड़ा घोटाला सामने आया है. ई टीवी भारत की पड़ताल में 400 शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में महज 03 प्रशिक्षु शिक्षक उपस्थित पाए गए.


Body:सुपौल शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, प्रैक्टिकल घोटाला सहित दर्जनों घोटाले सामने आ चुके हैं. जिसमें संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी चल रही है. लेकिन इस बार शिक्षा विभाग में शिक्षक ट्रेनिंग घोटाला सामने आया है. जिसमें सम्रग शिक्षा के तहत 400 शिक्षक को विज्ञान, गणित सहित कई विषयों की ट्रेनिंग दी जानी है. ताकि शिक्षक प्रशिक्षित होकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सके.
28 मार्च से शुरू हुआ है ट्रेनिंग
28 मार्च 2019 से ट्रेनिंग का शुभारंभ किया गया है. जो 01 अप्रैल 2019 को समाप्त होगा. पड़ताल में पाया गया कि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारी की वजह से यह ट्रेनिंग मात्रा खानापूर्ति बन कर रह गया है. हमनें इसकी पड़ताल माध्यमिक संघ भवन से किया. जिसमें मात्र 03 शिक्षक ही वहां मौजूद थे. ये शिक्षक भूखे थे. जबकि ट्रेनिंग में शामिल हुए शिक्षकों को भोजन भी दिया जाना है. वहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग स्थल पर दिन रात रहना विभाग के अनुसार आवश्यक है.
दरसअल, सरकार ने शिक्षकों के आवास, भोजन आदि से लेकर टीए डीए तक कि व्यवस्था की है. लेकिन लापरवाह गुरु जी और असंवेदनशील शिक्षा विभाग के अधिकारियों की वहज से सरकार की मनसा पर पानी फिरता नजर आ रहा है. उपस्थित 03 शिक्षकों ने बताया की ट्रेनिंग के पहले दिन 04 शिक्षक उपस्थित थे. सरकार ने ट्रेनिंग के लिए प्रति शिक्षक एक हजार रुपये व्यवस्था की है. ताकि प्रशिक्षु शिक्षकों के रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जा सके.


Conclusion:प्रशिक्षु शिक्षकों ने बताया कि सुपौल के बीआरसी भवन में अन्य शिक्षकों के रहने व खाने का व्यवस्था किया गया है. तब हम रात के 08 बजे बीआरसी भवन पहुंचे. जहां गेट पर ताला लटका था. 15 मिनट तक मेरे द्वारा आवाज लगाया गया. लेकिन कोई भी बाहर नहीं आये.
जानकर बताते हैं कि यह घोटाले की ट्रेनिंग कई वर्षों से चली आ रही है. जिसके तहत ग्रामीण इलाके में यह ट्रेनिंग रखी जाती रही है. इससे पूर्व यह ट्रेनिंग प्रखंड मुख्यालय किशनपुर और बसंतपुर जैसे सुदूर इलाके में हो रही थी. ताकि सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा सके.
इस बाबत जब हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो वे सभी आरोप को खारिज कर दिया.

बाइट- अजय कुमार सिंह, डीईओ सुपौल
बाइट- प्रशिक्षु शिक्षक
बाइट- प्रशिक्षु शिक्षक
बाइट- प्रशिक्षु शिक्षक
सर डीईओ का बाइट एफ़टीपी से भेजे हैं
फ़ाइल नाम traning ghotala
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