सुपौल:शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, प्रैक्टिकल घोटाला के बाद अब शिक्षक ट्रेनिंग घोटाला सामने आया है. दरअसल 400 शिक्षकों कोविज्ञान, गणित सहित कई विषयों की ट्रेनिंग दी जानी है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की तो मौके पर3 शिक्षक ही ट्रेनिंग करते पाए गए.
28 मार्च से शुरू हुईट्रेनिंग
28 मार्च 2019 से ट्रेनिंग शुरू हुई. आज उसका अंतिम दिन था. पड़ताल में पाया गया कि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारी की वजह से यह ट्रेनिंग मात्रखानापूर्ति बन कर रह गयी.हमनें इसकी पड़ताल माध्यमिक शिक्षा संघ भवन से की. जिसमें मात्र 03 शिक्षक ही वहां मौजूद थे. इतना ही नहीं ट्रेनिंग में शामिल शिक्षकों को भोजन और रात्रि विश्रामभी दिया जाना है. लेकिन यहां इन तीन शिक्षकों को खाना तक नहीं मिला.
क्या है व्यवस्था
दरसअल, सरकार ने शिक्षकों के आवास, भोजन आदि से लेकर टीए डीए तक कि व्यवस्था की है. लेकिन लापरवाह गुरु जी और असंवेदनशील शिक्षा विभाग के अधिकारियों की वजहसे सरकार की मंशा पर पानी फिर गया. जबकिसरकार ने ट्रेनिंग के लिए प्रति शिक्षक एक हजार रुपये की व्यवस्था की है. ताकि प्रशिक्षु शिक्षकों के रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जा सके.
जिला शिक्षा पदाधिकारी का बयान
प्रशिक्षु शिक्षकों ने बताया कि सुपौल के बीआरसी भवन में अन्य शिक्षकों के रहने औरखाने कीव्यवस्था हुईहै. तब हम रात के 08 बजे बीआरसी भवन पहुंचे. जहां गेट पर ताला लटका था. सूत्रों की मानें तोट्रेनिंग घोटाला कई वर्षों से चल रहा है. वहीं जब हमनें जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंनेसभी आरोप को खारिज कर दिया.