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टिश्यू कल्चर लैब से बांस के पौधे का उत्पादन और आपूर्ति शुरू, वन विभाग को सौंपे गये 5 हजार पौधे

बांस के पौधे को ग्रहण करते हुए वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कहा कि इसे कोसी तटबंध पर लगाये जायेंगे ताकि भूमि क्षरण को रोका जा सके और बांध मजबूत रहे.

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Published : May 28, 2020, 11:32 PM IST

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सुपौल: बीएसएस कॉलेज में पादप ऊतक संवर्धन, अनुसंधान एवं उत्पादन केंद्र से चिर परीक्षित ऊतक संवर्धित बांस के पौधे के उत्पादन और आपूर्ति की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. अवध किशोर राय ने बैंब्यूसा बालकुआ (बरौत) प्रजाति के ऊतक संवर्धित बांस के पौधे का लोकार्पण किया.

अगस्त 2019 हुआ था केंद्र का उद्घाटन
लॉकडाउन के कारण बिना किसी समारोह के सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कुलपति ने जिले के वन प्रमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार शरण को बांस का पौधा समर्पित किया. कुलपति डॉ. राय ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके शिष्य व प्रधान अन्वेषक सह प्रधानाचार्य प्रो डॉ. संजीव कुमार के कुशल निर्देशन में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार की तरफ से वित्त पोषित बीएसएस कॉलेज सुपौल के पादप उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो रहा है.

कुलपति डॉ. राय ने बताया कि इस केंद्र का उद्घाटन 01 अगस्त 2019 को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा उर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के समक्ष किया गया था. उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इस केंद्र के माध्यम से उत्पादित बांस के पौधे से इस क्षेत्र के किसानों में आर्थिक खुशहाली आएगी और पर्यावरण संरक्षण होगा.

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बांस के पौधे

हरियाली मिशन में होगी महत्वपूर्ण भूमिका
मौके पर मौजूद बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. डॉ. फारूक अली ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का पहला और बिहार का दूसरा पादप ऊतक संवर्धन सह उत्पादन केंद्र से उत्पादित बांस की उच्च पादप किस्मों का लोकार्पण कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण सौगात है. उन्हेंने आशा व्यक्त किया कि यह केंद्र बांस के उन्न्त किस्मों का उत्पादन और आपूर्ति जारी रखेगा. बिहार सरकार के हरियाली मिशन को पूरा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

द्वितीय खेप में दिए जाएंगे 5 हजार पौधे
उत्पादन केंद्र के प्रधान अन्वेषक सह प्रधानाचार्य ने कहा कि सरकार से हुए समझौते के अनुसार गुरुवार को प्रथम खेप में बांस के 5 हजार पौधे वन प्रमंडल विभाग सुपौल को समर्पित किया गया. ऐसा कर उन्होंने काबीना मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के चिर परीक्षित सपने और विश्वास को पूरा करने का प्रयास किया है.

इस कार्य में सफलता के लिये उन्होंने केंद्र के समस्त रिसर्च स्कॉलर, प्रयोगशाला प्रबंधक एवं कर्मियों को बधाई दी. साथ ही बताया कि शीघ्र ही 5 हजार बांस के पौधे की आपूर्ति द्वितीय खेप के रूप में वन विभाग को की जाएगी. यह केंद्र और अधिक बांस उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण पौधे पर भी अनुसंधान करेगा.

इस मौके पर विश्वविद्यालय के मानविकी संकायध्यक्ष सह महाविद्यालय के दर्शन शास्त्र के अध्यक्ष प्रो डॉ ज्ञानंजय द्विवेदी, डॉ अरूण कुमार झा, डॉ अरूण कुमार सिंह परमार, श्याम कुमार सहित उत्पादन केंद्र के शशि कुमारी, अनिल कुमार साहु, मुन्नी कुमारी एवं अन्य कर्मी मौजूद रहे.

सुपौल: बीएसएस कॉलेज में पादप ऊतक संवर्धन, अनुसंधान एवं उत्पादन केंद्र से चिर परीक्षित ऊतक संवर्धित बांस के पौधे के उत्पादन और आपूर्ति की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. अवध किशोर राय ने बैंब्यूसा बालकुआ (बरौत) प्रजाति के ऊतक संवर्धित बांस के पौधे का लोकार्पण किया.

अगस्त 2019 हुआ था केंद्र का उद्घाटन
लॉकडाउन के कारण बिना किसी समारोह के सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कुलपति ने जिले के वन प्रमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार शरण को बांस का पौधा समर्पित किया. कुलपति डॉ. राय ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके शिष्य व प्रधान अन्वेषक सह प्रधानाचार्य प्रो डॉ. संजीव कुमार के कुशल निर्देशन में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार की तरफ से वित्त पोषित बीएसएस कॉलेज सुपौल के पादप उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो रहा है.

कुलपति डॉ. राय ने बताया कि इस केंद्र का उद्घाटन 01 अगस्त 2019 को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा उर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के समक्ष किया गया था. उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इस केंद्र के माध्यम से उत्पादित बांस के पौधे से इस क्षेत्र के किसानों में आर्थिक खुशहाली आएगी और पर्यावरण संरक्षण होगा.

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बांस के पौधे

हरियाली मिशन में होगी महत्वपूर्ण भूमिका
मौके पर मौजूद बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. डॉ. फारूक अली ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का पहला और बिहार का दूसरा पादप ऊतक संवर्धन सह उत्पादन केंद्र से उत्पादित बांस की उच्च पादप किस्मों का लोकार्पण कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण सौगात है. उन्हेंने आशा व्यक्त किया कि यह केंद्र बांस के उन्न्त किस्मों का उत्पादन और आपूर्ति जारी रखेगा. बिहार सरकार के हरियाली मिशन को पूरा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

द्वितीय खेप में दिए जाएंगे 5 हजार पौधे
उत्पादन केंद्र के प्रधान अन्वेषक सह प्रधानाचार्य ने कहा कि सरकार से हुए समझौते के अनुसार गुरुवार को प्रथम खेप में बांस के 5 हजार पौधे वन प्रमंडल विभाग सुपौल को समर्पित किया गया. ऐसा कर उन्होंने काबीना मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के चिर परीक्षित सपने और विश्वास को पूरा करने का प्रयास किया है.

इस कार्य में सफलता के लिये उन्होंने केंद्र के समस्त रिसर्च स्कॉलर, प्रयोगशाला प्रबंधक एवं कर्मियों को बधाई दी. साथ ही बताया कि शीघ्र ही 5 हजार बांस के पौधे की आपूर्ति द्वितीय खेप के रूप में वन विभाग को की जाएगी. यह केंद्र और अधिक बांस उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण पौधे पर भी अनुसंधान करेगा.

इस मौके पर विश्वविद्यालय के मानविकी संकायध्यक्ष सह महाविद्यालय के दर्शन शास्त्र के अध्यक्ष प्रो डॉ ज्ञानंजय द्विवेदी, डॉ अरूण कुमार झा, डॉ अरूण कुमार सिंह परमार, श्याम कुमार सहित उत्पादन केंद्र के शशि कुमारी, अनिल कुमार साहु, मुन्नी कुमारी एवं अन्य कर्मी मौजूद रहे.

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