सुपौल: बिहार के सुपौल में 102 एंबुलेंस के कर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह से जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवा ठप हो गई है. हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालकों ने सुपौल सदर अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जबकि सभी एंबुलेंस भी सदर अस्पताल के परिसर में ही खड़े कर दिए गए हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे एंबुलेंस चालकों ने इस दौरान राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के विरुद्ध नारेबाजी भी की.
ये भी पढ़ें: हड़ताल पर '102 एम्बुलेंसकर्मी', बकाया वेतन और ठेका प्रथा बंद करने की मांग
सुपौल में एंबुलेंस के कर्मी का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू: सरकार पर एंबुलेंस की संचालक कंपनी के साथ मिलीभगत पर एंबुलेंस कर्मियों की अनदेखी का आरोप लगाया है. एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि मुख्य रूप से 3 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल किया गया है. अब तक सरकार और कंपनी की ओर से केवल आश्वासन देकर उन्हें ठगा गया है. लेकिन इस बार वह किसी झांसे में नहीं आएंगे. मांगों की पूर्ति होने तक उनका हड़ताल जारी रहेगा. इधर, सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवा ठप होने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है.
एंबुलेंस कर्मी राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं. इनकी समस्या का समाधान भी सरकार के स्तर से ही होना है. फिलहाल सरकार से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. निर्देश मिलने पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. - डॉ मिहिर कुमार वर्मा, सिविल सर्जन, सुपौल
3 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल किया गया है. तीन माह से वेतन नहीं दिया गया है. वेतन से पीएफ की राशि की कटौती की गई है. इसके बावजूद पीएफ खाते में पैसा नहीं भेजा रहा है. एंबुलेंस कर्मियों ने 5 दिन पूर्व ही सुपौल डीएम और सिविल सर्जन सहित जिले के सभी शीर्ष अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को भी पत्र लिखकर हड़ताल की चेतावनी दी थी.- किशोर देव, जिलाध्यक्ष, एंबुलेंस कर्मचारी संघ