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सुपौल में तिहरे सामूहिक दुष्कर्म-हत्याकांड में 4 को फांसी की सजा, 2019 का मामला - ईटीवी बिहार

सुपौल विशेष कोर्ट की ओर से तिहरे सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में 4 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गयी. सभी अभियुक्तों को अर्थ दंड भी दिया गया है. विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने बताया कि जिला बनने के पहली बार किसी अभियुक्त को फांसी की सजा मिली है. पढ़ें पूरी खबर..

Special POCSO Court
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Published : May 11, 2022, 10:01 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में 8 अक्टूबर 2019 को प्रतापगंज थाना क्षेत्र में तिहरे सामूहिक दुष्कर्म (दो महिला और एक नाबालिग) और एक पीड़िता की हत्या के मामले में बुधवार को फैसला आ गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक की अदालत में फैसला सुनाया गया. इसके तहत 4 आरोपियों को फांसी की सजा के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनाई (Supaul Special Court Awarded Death Sentence Four Peoples) है. सजा पाने वालों में छातापुर थाना क्षेत्र निवासी मो. अलीशेर, मो. अयूब, मो. जमाल और अनमोल यादव शामिल है. विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने बताया कि सुपौल जिला बनने के पहली बार किसी अभियुक्त को फांसी की सजा मिली है.


पढ़ें- समस्तीपुर में प्रेमी-प्रेमिका की हत्या मामले में एक को फांसी की सजा, दो को आजीवन कारावास

भारी अर्थ दंडः पॉक्सो एक्ट के तहत अनमोल यादव और मो अलीशेर एवं मो अयूब को फांसी की सजा सुनाई गई. धारा 376डी के तहत सभी दोषी को आजीवन कारावास एवं 50- 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया. अर्थदंड जमा नहीं करने पर दोषियों 06-06 माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अदालत ने कहा कि दोषी को अंतिम सांस तक कारावास में रहना होगा. अदालत ने दोनों पीड़िता को 8.5 -8.5 लाख हजार रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश जारी किया. वहीं दुष्कर्म पीड़िता जिसकी हत्या कर दी गई. उनको 18 लाख 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि यह राशि मृतका के पति और पिता को बराबर-बराबर हिस्से में बांट दी जाएगी.

2 अभियुक्त अब भी फरारः मामले में दो नामजद अभियुक्त मो. नवीर और समोल यादव फरार चल रहा है. पुलिस दोनों की तलाश कर रही है. बुधवार को न्यायालय में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार झा, बच्चन नागेंद्र नारायण ठाकुर और संजय कुमार सिंह ने हिस्सा लिया. वहीं अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजिका नीलम कुमारी ने बहस में हिस्सा लिया. न्यायालय में 4 चिकित्सक सहित 12 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. 30 नवंबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया. 6 जनवरी 2020 को न्यायालय ने मामले में संज्ञान लिया. 13 जनवरी 2020 को आरोप पत्र गठन किया गया. 1 फरवरी 2020 को पीड़िता का बयान दर्ज किया गया. जबकि 2 फरवरी को सभी अभियुक्त का बयान दर्ज किया गया.

क्या है मामलाः 8 अक्टूबर 2019 को प्रतापगंज थाना क्षेत्र में 2 महिला और एक नाबालिग अपने परिवार के साथ मेला देखने जा रही थी. इसी क्रम में घात लगाए अपराधियों ने हथियार के बल पर उन लोगों के साथ लूटपाट की. साथ ही 2 महिला और एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इस दौरान एक नवविवाहिता के विरोध करने पर अपराधियों ने उसे गोली मार दी, जिसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई थी.

पढ़ें-12 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या करने वाले दरिंदे को फांसी की सजा
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सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में 8 अक्टूबर 2019 को प्रतापगंज थाना क्षेत्र में तिहरे सामूहिक दुष्कर्म (दो महिला और एक नाबालिग) और एक पीड़िता की हत्या के मामले में बुधवार को फैसला आ गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक की अदालत में फैसला सुनाया गया. इसके तहत 4 आरोपियों को फांसी की सजा के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनाई (Supaul Special Court Awarded Death Sentence Four Peoples) है. सजा पाने वालों में छातापुर थाना क्षेत्र निवासी मो. अलीशेर, मो. अयूब, मो. जमाल और अनमोल यादव शामिल है. विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने बताया कि सुपौल जिला बनने के पहली बार किसी अभियुक्त को फांसी की सजा मिली है.


पढ़ें- समस्तीपुर में प्रेमी-प्रेमिका की हत्या मामले में एक को फांसी की सजा, दो को आजीवन कारावास

भारी अर्थ दंडः पॉक्सो एक्ट के तहत अनमोल यादव और मो अलीशेर एवं मो अयूब को फांसी की सजा सुनाई गई. धारा 376डी के तहत सभी दोषी को आजीवन कारावास एवं 50- 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया. अर्थदंड जमा नहीं करने पर दोषियों 06-06 माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अदालत ने कहा कि दोषी को अंतिम सांस तक कारावास में रहना होगा. अदालत ने दोनों पीड़िता को 8.5 -8.5 लाख हजार रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश जारी किया. वहीं दुष्कर्म पीड़िता जिसकी हत्या कर दी गई. उनको 18 लाख 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि यह राशि मृतका के पति और पिता को बराबर-बराबर हिस्से में बांट दी जाएगी.

2 अभियुक्त अब भी फरारः मामले में दो नामजद अभियुक्त मो. नवीर और समोल यादव फरार चल रहा है. पुलिस दोनों की तलाश कर रही है. बुधवार को न्यायालय में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार झा, बच्चन नागेंद्र नारायण ठाकुर और संजय कुमार सिंह ने हिस्सा लिया. वहीं अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजिका नीलम कुमारी ने बहस में हिस्सा लिया. न्यायालय में 4 चिकित्सक सहित 12 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. 30 नवंबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया. 6 जनवरी 2020 को न्यायालय ने मामले में संज्ञान लिया. 13 जनवरी 2020 को आरोप पत्र गठन किया गया. 1 फरवरी 2020 को पीड़िता का बयान दर्ज किया गया. जबकि 2 फरवरी को सभी अभियुक्त का बयान दर्ज किया गया.

क्या है मामलाः 8 अक्टूबर 2019 को प्रतापगंज थाना क्षेत्र में 2 महिला और एक नाबालिग अपने परिवार के साथ मेला देखने जा रही थी. इसी क्रम में घात लगाए अपराधियों ने हथियार के बल पर उन लोगों के साथ लूटपाट की. साथ ही 2 महिला और एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इस दौरान एक नवविवाहिता के विरोध करने पर अपराधियों ने उसे गोली मार दी, जिसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई थी.

पढ़ें-12 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या करने वाले दरिंदे को फांसी की सजा
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