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रात में ना जाएं सिवान सदर अस्पताल, मोबाइल टार्च के सहारे कराना होगा इलाज! - सिवान सदर अस्पताल की बदतर हालत

सिवान सदर अस्पताल (Siwan Sadar Hospital) की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है. यहां मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल में कई कई घंटों तक बिजली गुल रहती है. यहां रात में आए मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में करना पड़ता है.

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Published : Oct 1, 2022, 8:09 AM IST

सिवानः बिहार का सिवान सदर अस्पताल (Bad Condition Of Siwan Sadar Hospital) हमेशा सवालों के घेरे में रहता है. यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शाम होते होते अंधेरा छा जाता है. यहां मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल में कई कई घंटों तक बिजली नहीं रहती है और स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी कोई चिंता भी नहीं है. पिछले दिनों ही घायल मरीजों का इलाज टॉर्च (Viral Video Of Treatment In Torch Light) की रोशनी में किया गया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और अस्पताल प्रशासन पर सवाल भी उठ रहे हैं.

ये भी पढे़ंः सिवान सदर अस्पताल पर लगा बच्चे की अदला-बदली का आरोप, बोले परिजन- 'हमारे बेटे को किसी और को दे दिया'

इमरजेंसी वार्ड में रहती है बत्ती गुलः दरअसल बीते मंगलवार की दोपहर सराय ओपी थाना क्षेत्र के चांप गांव में एक ससुर ने अपने दामाद समेत परिवार के तीन लोगों को पीटकर कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. घटना में पीड़ित की पहचान आंशु साईं की पत्नी रोशमा खातून, बेटा महम्मद अली और बेटी संगीता परवीन के रूप में हुई थी. जिन्हें इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां इमरजेंसी वार्ड में पहले से बत्ती गुल थी. दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग से मरीज कराह रहा था. इसके बाद मोबाइल का टॉर्च जला कर मरीजों का इलाज किया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता इलाज
मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता इलाज

अस्पताल पर 32 लाख की आबादी है निर्भरः आपको बता दें कि सिवान सदर अस्पताल की लापरवाही की कोई इंतेहा नहीं है. यहां हादसे के बाद शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए मरीजों को कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है. यहां इलाज के लिए कई बार तो चिकित्सक भी मौजूद नहीं रहते हैं. इसे लेकर अक्सर मरीजों और सदर अस्पताल के कर्मचारियों के बीच बहस भी होती है. अब आप सोच सकते हैं कि जिस अस्पताल में 32 लाख की बड़ी आबादी का इलाज होता है, उसकी यह हालत है. इस पूरे मामले पर प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, इसकी जांच कराई जायेगी.
ये भी पढ़ेंः सिवान सदर अस्पताल बनेगा मॉडल हॉस्पिटल, 36 करोड़ की मिली स्वीकृति


सिवानः बिहार का सिवान सदर अस्पताल (Bad Condition Of Siwan Sadar Hospital) हमेशा सवालों के घेरे में रहता है. यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शाम होते होते अंधेरा छा जाता है. यहां मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल में कई कई घंटों तक बिजली नहीं रहती है और स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी कोई चिंता भी नहीं है. पिछले दिनों ही घायल मरीजों का इलाज टॉर्च (Viral Video Of Treatment In Torch Light) की रोशनी में किया गया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और अस्पताल प्रशासन पर सवाल भी उठ रहे हैं.

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इमरजेंसी वार्ड में रहती है बत्ती गुलः दरअसल बीते मंगलवार की दोपहर सराय ओपी थाना क्षेत्र के चांप गांव में एक ससुर ने अपने दामाद समेत परिवार के तीन लोगों को पीटकर कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. घटना में पीड़ित की पहचान आंशु साईं की पत्नी रोशमा खातून, बेटा महम्मद अली और बेटी संगीता परवीन के रूप में हुई थी. जिन्हें इलाज के लिए सिवान सदर अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां इमरजेंसी वार्ड में पहले से बत्ती गुल थी. दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग से मरीज कराह रहा था. इसके बाद मोबाइल का टॉर्च जला कर मरीजों का इलाज किया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता इलाज
मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता इलाज

अस्पताल पर 32 लाख की आबादी है निर्भरः आपको बता दें कि सिवान सदर अस्पताल की लापरवाही की कोई इंतेहा नहीं है. यहां हादसे के बाद शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए मरीजों को कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है. यहां इलाज के लिए कई बार तो चिकित्सक भी मौजूद नहीं रहते हैं. इसे लेकर अक्सर मरीजों और सदर अस्पताल के कर्मचारियों के बीच बहस भी होती है. अब आप सोच सकते हैं कि जिस अस्पताल में 32 लाख की बड़ी आबादी का इलाज होता है, उसकी यह हालत है. इस पूरे मामले पर प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, इसकी जांच कराई जायेगी.
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