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शहाबुद्दीन के सिवान में खान ब्रदर्स का 'आतंक', अयूब खान ने 3 दोस्तों को लगवाया ठिकाने

7 नवंबर को सिवान नगर थाना इलाके से लापात हुए तीन दोस्तों के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मिल रही जानकारी के अनुसार, पुलिस की गिरफ्तार आया एक शख्स ने बताया है कि सिवान में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर अयूब खान ( Khan Brothers of siwan Ayub Khan ) के कहने पर तीनों को ठिकाने लगा दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Khan Brothers Ayub Khan
Khan Brothers Ayub Khan
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Published : Nov 25, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 7:37 PM IST

सिवान: बिहार के सिवान में अब मोहम्मद शहाबुद्दीन ( Mohammad Shahabuddin ) के बाद अब एक और नाम का चर्चा है. जिस नाम का चर्चा है. वह है खान ब्रदर्स (Khan Brothers). सात नवंबर से लापता तीन युवकों के मामले में पुलिस ने बुधवार को को एक शख्स को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार शख्स ने पूछताछ में जो बताया है, उसके बाद पुलिस के होश उड़ गए.

दरअसल, गिरफ्तार शख्स ने इस मामले में अयूब खान ( Ayub Khan ) का नाम लिया है. हालांकि उस शख्स की गिरफ्तारी के बाद भी लापता तीनों युवक के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है.

देखें वीडियो

ये भी पढे़े- लापता 3 युवकों का अब तक नहीं मिला कोई सुराग, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

जानकारी के अनुसार, पुलिस की गिरफ्त में आया शख्स का नाम नाम संदीप है. वह सिवान के नगर थाना क्षेत्र के शुक्ल टोली का रहने वाला है. पुलिसिया पूछताछ में उसने बताया कि लापता विशाल सिंह, अंशु सिंह, परमेंद्र यादव के साथ वह खुद भी अयूब खान के लिए काम करते थे.

संदीप के अनुसार, अयूब खान ने विशाल को काले रंग की स्कॉर्पियो भी दी थी. विशाल सिंह अयूब खान के बताए गए ठिकानों से पैसे वसूलने का काम करता था. उसने बताया कि विशाल हाल के दिनों में अयूब खान के नाम पर रंगदारी मांगने लगा था और पैसों के लेकर बेईमानी भी करता था. इस कारण अयूब खान उससे खफा हो गया और विशाल को खत्म करने की साजिश रची.

ये भी पढ़ें- सिवान के 3 युवक एक साथ लापता, लावारिस हालत में मिली स्कॉर्पियो

संदीप ने पुलिस को बताया है कि सात नवंबर को वह विशाल, अंशु और उसके ड्राइवर परमेंद्र के साथ बड़हरिया थाना क्षेत्र के बीबी के बंगरा गांव पहुंचा. वहां पर वह सिगरेट पीने के लिए रुक गया. उसने बताया कि जब वह करीब दो घंटे बाद गया तो देखा कि चाय पीते-पीते तीनों गिर गए. इसके बाद अयूब खान आया और अपने साथियों से कहा कि इन तीनों को ठिकाने लगा दो. उसने पुलिस को बताया कि कि अयूब खान ने मुझे धमकी देकर छोड़ दिया.

इधर, लापता तीनों युवकों के परिजनों ने गुरुवार को सिवान समाहरणालय में धरना दिया. परिजनों का कहना है कि 18 दिन से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक उन तीनों का कोई पता नहीं चल पाया है. परिजनों के अनुसार, वे लोग एसपी से मुलाकात करने के लिए तीन बार आए लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. परिजनों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं किया जा रहा है..

बता दें कि अयूब खान सिवान में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर है. उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज है. अयूब के पिता कमरुल हक और भाई चांद खान रघुनाथपुर विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके हैं. 9 फरवरी 2005 में को सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी कमरूल हक का अपहरण नगर थाना के लक्ष्मीपुर ढाले से कर लिया गया था. कमरुल हक अयूब खान के पिता हैं.

ये भी पढ़ें- शहाबुद्दीन की बेटी हेरा से निकाह के लिए बारात लेकर निकले शादमान, पिता ने बांधा सेहरा

उस वक्त कमरूल हक रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. जबकि इस सीट से आरजेडी के उम्मीदवार और शहाबुद्दीन समर्थक विक्रम कुंवर उम्मीदवार थे. कमरूल के अपहरण मामले में शहाबुद्दीन गैंग के ध्रुव प्रसाद, मनोज दास, मनोज सिंह, सोबराती मियां, विक्रम कुंवर आरोपित बनाए गए थे. इस मामले में शहाबुद्दीन पर साजिश का आरोप लगा था.

गौरतलब है कि 7 नवंबर को सिवान नगर थाना क्षेत्र के रामनगर आंदर ढाला निवासी विशाल सिंह, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के पैगम्बरपुर निवासी अंशु सिंह और चालक जीरादेई थाना क्षेत्र के भलुआ निवासी परमेंद्र यादव के साथ घर से निकला लेकिन देर रात तक वापस नहीं आया. अगले दिन 8 नवंबर को इनकी स्कॉर्पियो लावारिस हालत में गोपालगंज जिला के मीरगंज थाना क्षेत्र के सबेया एयरपोर्ट के पास बरामद की गई थी.

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सिवान: बिहार के सिवान में अब मोहम्मद शहाबुद्दीन ( Mohammad Shahabuddin ) के बाद अब एक और नाम का चर्चा है. जिस नाम का चर्चा है. वह है खान ब्रदर्स (Khan Brothers). सात नवंबर से लापता तीन युवकों के मामले में पुलिस ने बुधवार को को एक शख्स को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार शख्स ने पूछताछ में जो बताया है, उसके बाद पुलिस के होश उड़ गए.

दरअसल, गिरफ्तार शख्स ने इस मामले में अयूब खान ( Ayub Khan ) का नाम लिया है. हालांकि उस शख्स की गिरफ्तारी के बाद भी लापता तीनों युवक के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है.

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जानकारी के अनुसार, पुलिस की गिरफ्त में आया शख्स का नाम नाम संदीप है. वह सिवान के नगर थाना क्षेत्र के शुक्ल टोली का रहने वाला है. पुलिसिया पूछताछ में उसने बताया कि लापता विशाल सिंह, अंशु सिंह, परमेंद्र यादव के साथ वह खुद भी अयूब खान के लिए काम करते थे.

संदीप के अनुसार, अयूब खान ने विशाल को काले रंग की स्कॉर्पियो भी दी थी. विशाल सिंह अयूब खान के बताए गए ठिकानों से पैसे वसूलने का काम करता था. उसने बताया कि विशाल हाल के दिनों में अयूब खान के नाम पर रंगदारी मांगने लगा था और पैसों के लेकर बेईमानी भी करता था. इस कारण अयूब खान उससे खफा हो गया और विशाल को खत्म करने की साजिश रची.

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संदीप ने पुलिस को बताया है कि सात नवंबर को वह विशाल, अंशु और उसके ड्राइवर परमेंद्र के साथ बड़हरिया थाना क्षेत्र के बीबी के बंगरा गांव पहुंचा. वहां पर वह सिगरेट पीने के लिए रुक गया. उसने बताया कि जब वह करीब दो घंटे बाद गया तो देखा कि चाय पीते-पीते तीनों गिर गए. इसके बाद अयूब खान आया और अपने साथियों से कहा कि इन तीनों को ठिकाने लगा दो. उसने पुलिस को बताया कि कि अयूब खान ने मुझे धमकी देकर छोड़ दिया.

इधर, लापता तीनों युवकों के परिजनों ने गुरुवार को सिवान समाहरणालय में धरना दिया. परिजनों का कहना है कि 18 दिन से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक उन तीनों का कोई पता नहीं चल पाया है. परिजनों के अनुसार, वे लोग एसपी से मुलाकात करने के लिए तीन बार आए लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. परिजनों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं किया जा रहा है..

बता दें कि अयूब खान सिवान में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर है. उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज है. अयूब के पिता कमरुल हक और भाई चांद खान रघुनाथपुर विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके हैं. 9 फरवरी 2005 में को सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी कमरूल हक का अपहरण नगर थाना के लक्ष्मीपुर ढाले से कर लिया गया था. कमरुल हक अयूब खान के पिता हैं.

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उस वक्त कमरूल हक रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. जबकि इस सीट से आरजेडी के उम्मीदवार और शहाबुद्दीन समर्थक विक्रम कुंवर उम्मीदवार थे. कमरूल के अपहरण मामले में शहाबुद्दीन गैंग के ध्रुव प्रसाद, मनोज दास, मनोज सिंह, सोबराती मियां, विक्रम कुंवर आरोपित बनाए गए थे. इस मामले में शहाबुद्दीन पर साजिश का आरोप लगा था.

गौरतलब है कि 7 नवंबर को सिवान नगर थाना क्षेत्र के रामनगर आंदर ढाला निवासी विशाल सिंह, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के पैगम्बरपुर निवासी अंशु सिंह और चालक जीरादेई थाना क्षेत्र के भलुआ निवासी परमेंद्र यादव के साथ घर से निकला लेकिन देर रात तक वापस नहीं आया. अगले दिन 8 नवंबर को इनकी स्कॉर्पियो लावारिस हालत में गोपालगंज जिला के मीरगंज थाना क्षेत्र के सबेया एयरपोर्ट के पास बरामद की गई थी.

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Last Updated : Nov 25, 2021, 7:37 PM IST
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