सिवान: शुक्रवार को बिहार पंचायत चुनाव के आठवें चरण की मतगणना हुई. आठवें चरण के रिजल्ट ने कई राजनीतिक मठाधीशों के किले को ध्वस्त कर दिया है. कुछ ऐसा ही सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड का कुशहरा पंचायत में हुआ है. इस पंचायत पर पिछले 42 वर्षों से आरजेडी विधायक हरिशंकर यादव ( RJD Hari Shankar Yadav ) के परिवार का कब्जा था.
लेकिन इस बार विधायक अपने बेटे सुरेन्द्र यादव को मुखिया ( Hari Shankar Yadav Son Lost Mukhiya Chunav ) नहीं बनवा सके. यहां से सूर्यबालिया निवासी चंदन कुमार पाठक ने सुरेन्द्र यादव के 494 मतों से हराकर विधायक परिवार से मुखिया पद झटक लिया.
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बता दें कि विधायक हरिशंकर यादव पहली बार 1979 में मुखिया बने थे. इसके बाद से ही इस पंचायत पर उनके ही परिवार से कोई न कोई मुखिया का चुनाव जीतते आया था. खुद हरिशंकर यादव 27 साल मुखिया रहे. यही कारण आज भी उस इलाके के लोग उन्हें 'मुखिया जी' कह कर ही बुलाते हैं.
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2006 में हरिशंकर यादव ने कुशहरा पंचायत से अपनी पत्नी इंदू देवी को मुखिया बनवाया था. साल 2011 से उनके बेटे सुरेन्द्र यादव यहां से मुखिया रहे लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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गौरतलब है कि रघुनाथपुर से आरजेडी विधायक हरिशंकर यादव दिवंगत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेहद करीबी रहे हैं. माना जाता है कि शहाबुद्दीन के कहने पर ही उन्हें साल 2015 में आरजेडी से विधानसभा का टीकट मिला था. वहीं 2020 में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने उन्हें टिकट दिलवाया था.
बता दें कि रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रतापपुर पड़ता है. प्रतापपुर शहाबुद्दीन का पैतृक गांव है. यही कारण है कि शहाबुद्दीन के भरोसेमंद को ही आरजेडी ने यहां से टिकट दिया.
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