पटना: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के युवा नेता डॉ. कन्हैया कुमार (Congress Leader Kanhaiya Kumar) आज बिहार के सिवान आ रहे हैं. उनके साथ विधायक डॉ. शकील अहमद खान भी मौजूद रहेंगे. सिवान के सिसवन ढाला बस स्टैंड परिसर में एक सेमिनार का आयोजन (Public Meeting With Kanhaiya In Siwan) किया जा रहा है जिसमें कन्हैया कुमार और शकील अहमद खान दोनों संबोधित करेंगे. कांग्रेस ने इस सेमिनार को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी की ओर से तैयारी पूरी की जा चुकी है.
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इस मामले में वरिष्ठ नेता और विधायक शकील अहमद खान का कहना है कि कन्हैया कुमार के साथ सिवान के सिसवन में कांग्रेस का कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे. बता दें कि कन्हैया कुमार कांग्रेस के युवा नेता हैं. 28 सितंबर 2021 को कन्हैया कुमार ने लेफ्ट पार्टी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन किया था.
पार्टी में शामिल होते ही कांग्रेस ने कन्हैया कुमार पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी. बिहार में हुए उपचुनावों में कन्हैया कुमार को स्टार प्रचारक भी बनाया था. दो दिन पहले भी कांग्रेस ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ कन्हैया कुमार का नाम भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में डाला है. खास बात ये है कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट से सिद्दू आउट हैं.
कन्हैया कुमार को लेफ्ट से कांग्रेस में शामिल करवाने के लिए खुद राहुल गांधी सामने आए थे. कन्हैया न कोई विधायक हैं और न ही सांसद. बेगूसराय से वो चुनाव भी हार चुके हैं. यही नहीं बिहार में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भी उनका कोई असर नहीं दिखा, लेकिन फिर भी कांग्रेस ने कन्हैया को एक अहम स्थान दिया हुआ है.
दरअसल, 2019 में चुनाव हारने से पहले तक कन्हैया कुमार प्रखर वक्ता के तौर पर देश में पहचाने जाते रहे. उन्होंने अपने भाषण में मोदी सरकार की नीतियों की जमकर बखिया उधेड़ी थी. मगर चुनाव के बाद वह पार्टी के भीतर ही विवादों के कारण निष्क्रिय हो गए. कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि छात्र नेता के तौर पर कन्हैया को संगठन का अनुभव है. आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ उनका भाषण नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाता है.
बहरहाल, एक बार फिर बिहार में कन्हैया की पब्लिक मीटिंग पर लोगों की नजरें टिकी हुईं हैं. कांंग्रेस मानती है कि देश अब चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है. संविधान के ऊपर खतरा मंडरा रहे हैं. रोजगार का सवाल, किसान का सवाल, सबका प्रश्न सामने है. देश को एकजुट रखने का सवाल है. देश के अंदर नफरती वातावरण फैला दिया गया है. इन सबके खिलाफ एक जुट होने की आवश्यकता है, इसलिए वे सब वहां जा रहे हैं.
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