सिवान: बिहार का सिवान लोकसभा क्षेत्र हमेश चर्चा में रहा है. इस बार भी अभी लोकसभा चुनाव को लेकर घोषणा भी नहीं हुई है कि सीटों पर दावेदारी को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं. दरअसल सिवान लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीतने वाले पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव ने अभी से इस सीट पर अपने दावेदारी ठोक दी है. यहां बता दें कि ओम प्रकाश यादव वर्तमान में पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं.
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"अगर इस बार पार्टी मुझे टिकट नहीं देती है तो मैं पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा, भले ही पार्टी मुझे निकाल दे. आखिर क्यों बाहरी लोगों को सिवान लाकर थोप दिया जाता है. पार्टी मुझे कारण बताएगी कि मुझे क्यों टिकट नहीं मिलना चाहिए. क्या मेरी पकड़ कमजोर हो गई है. अबकी बार अगर टिकट कटा तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा."- ओम प्रकाश यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
कौन है ओम प्रकाश यादवः आपको बता दें कि ओम प्रकाश यादव लोकसभा सीट से 2009 में और 2014 दो बार भाजपा के टिकट पर चुनवा जीते थे. 2019 में जदयू से गठबंधन की वजह से यह सीट जदयू के खाते में चली गई थी. जदयू से कविता सिंह ने जीत दर्ज की है. ओम प्रकाश यादव ने इस चुनाव में अपनी अच्छी भूमिका निभाने की बात कही है. चूंकि इस बार जदयू एनडीए से अलग है, इसलिए भाजपा उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की चर्चा है.
इन नामों पर हो रही चर्चाः सिवान लोकसभा सीट से भाजपा नेता मंगल पांडे के टिकट मिलने की चर्चा है. वहीं एक महिला नेत्री अनीता सिंह की भी सिवान लोकसभा सीट से टिकट मिलने की चर्चा जोरों पर है. पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश यादव के नाम पर दूर-दूर तक कोई चर्चा नहीं है. जैसे ही ओम प्रकाश यादव से यह सवाल किया गया कि आपको नहीं मिला तो आप क्या करेंगे तो उन्होंने साफ लफ्जों में पार्टी से बगावत का ऐलान कर दिया.
भाजपा खेमे में बैचेनीः ओम प्रकाश यादव ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा कि 2019 में जदयू के साथ गठबंधन की वजह से मुझे टिकट नहीं मिला थी,तब भी मैंने ईमानदारी पूर्वक गठबंधन का साथ दिया था. इस बयान के बाद से अब भाजपा खेमे में बेचैनी बढ़ गयी है. बता दें कि ओम प्रकाश यादव पहले पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के करीबी थे.