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प्रशासन कृपया ध्यान दें! सीवान कचहरी स्टेशन पर यात्रियों को हो रही घोर असुविधा - no basic facility

सीवान कचहरी स्टेशन पर सप्ताह के 3 दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. यात्री गोरखपुर, गोपालगंज के विभिन्न गांवों से यहां मजार सहित देवी के दर्शन के लिए आते हैं. बावजूद इसके रेलवे के अधिकारियों का ध्यान इस स्टेशन की ओर नहीं है.

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Published : Jul 8, 2019, 6:30 PM IST

सीवान: जिले से सटे सीवान कचहरी स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इस स्टेशन पर रोजाना हजारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. इसके बावजूद रेल प्रशासन और स्थानीय प्रभारियों को कोई सुध नहीं है. यहां से आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सीवान कटहरी स्टेशन पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. ना ही यात्रियों के पीने के लिए पानी है, ना बैठने के लिए कुर्सियां, ना ही शौचालय का प्रबंध है और ना ही गर्मी से बचने के लिए पंखे लगे हैं. इन असुविधाओं के कारण यात्रियों का सफर बहुत कष्टदायक हो जाता है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

अंधेरे में रहता है सीवान कचहरी स्टेशन
सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को होती है क्योंकि उनके लिए स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है. सीवान कचहरी स्टेशन से थावे, हथुआ, सासामुसा, गोरखपुर तक की ट्रेनें रोजाना जाती हैं. स्टेशन पर अधिकारियों की अनदेखी इस कदर है कि यहां शाम होते ही घुप्प अंधेरा छा जाता है. एक बल्ब तक नहीं लगाया गया है. महिलाएं और बच्चे मोबाइल लाइट के भरोसे आर-पार होते हैं. कुव्यवस्था इतनी है कि आए दिन स्टेशन परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.

siwan
स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में लटका ताला

स्टेशन अधीक्षक के कमरे में लटका ताला
बता दें कि सीवान कचहरी स्टेशन पर सप्ताह के 3 दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को यहां सबसे ज्यादा यात्री पहुंचते हैं. यह यात्री गोरखपुर, गोपालगंज के विभिन्न गांवों से मजार सहित देवी के दर्शन के लिए आते हैं. बावजूद इसके रेलवे के अधिकारियों का ध्यान इस स्टेशन की ओर नहीं है. इस संबंध में जब सीवान स्टेशन अधीक्षक से सवाल-जवाब करने पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला लटका दिखा. वहीं, फोन पर संपर्क साधने पर उन्होंने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते दिखे.

सीवान: जिले से सटे सीवान कचहरी स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इस स्टेशन पर रोजाना हजारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. इसके बावजूद रेल प्रशासन और स्थानीय प्रभारियों को कोई सुध नहीं है. यहां से आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सीवान कटहरी स्टेशन पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. ना ही यात्रियों के पीने के लिए पानी है, ना बैठने के लिए कुर्सियां, ना ही शौचालय का प्रबंध है और ना ही गर्मी से बचने के लिए पंखे लगे हैं. इन असुविधाओं के कारण यात्रियों का सफर बहुत कष्टदायक हो जाता है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

अंधेरे में रहता है सीवान कचहरी स्टेशन
सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को होती है क्योंकि उनके लिए स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है. सीवान कचहरी स्टेशन से थावे, हथुआ, सासामुसा, गोरखपुर तक की ट्रेनें रोजाना जाती हैं. स्टेशन पर अधिकारियों की अनदेखी इस कदर है कि यहां शाम होते ही घुप्प अंधेरा छा जाता है. एक बल्ब तक नहीं लगाया गया है. महिलाएं और बच्चे मोबाइल लाइट के भरोसे आर-पार होते हैं. कुव्यवस्था इतनी है कि आए दिन स्टेशन परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.

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स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में लटका ताला

स्टेशन अधीक्षक के कमरे में लटका ताला
बता दें कि सीवान कचहरी स्टेशन पर सप्ताह के 3 दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को यहां सबसे ज्यादा यात्री पहुंचते हैं. यह यात्री गोरखपुर, गोपालगंज के विभिन्न गांवों से मजार सहित देवी के दर्शन के लिए आते हैं. बावजूद इसके रेलवे के अधिकारियों का ध्यान इस स्टेशन की ओर नहीं है. इस संबंध में जब सीवान स्टेशन अधीक्षक से सवाल-जवाब करने पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला लटका दिखा. वहीं, फोन पर संपर्क साधने पर उन्होंने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते दिखे.

Intro:स्टेशन पर सुविधाओं का अभा

सिवान।

सिवान कचहरी स्टेशन पर सुविधाओं का घोर अभाव है.सिवान कचहरी रेलवे स्टेशन से रोजाना हजारों लोग यात्रा करते हैं पर इन यात्रियों को स्टेशन पर सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है.यात्रियों के पीने के लिए न पानी है, न शौचालय है, ना ही स्टेशन पर भीषण गर्मी से बचने के लिए पंखे ही है जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


Body:वही सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्री को होती है क्योंकि उनके लिए स्टेशन कोई शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है ट्रेन के जरिए यहां से रोजाना हजारों यात्री यात्रा करते हैं. थावे, हथुआ, सासामुसा, गोरखपुर तक की सफर रोजाना हजारों यात्री करते हैं. वही बता दें कि कचहरी स्टेशन को आज तक अधिकारियों द्वारा अनदेखी की गई है इस अनदेखी का नतीजा है कि इस स्टेशन पर शाम होते ही अंधेरा कायम हो जाता है और यात्री अंधेरे में ही आना-जाना करते हैं जबकि शाम होते ही यहां शरारती तत्वों का जमावड़ा होने लगता है जिससे यात्री अपने आप को असहज महसूस करते हैं.बता दें कि सीवान कचहरी स्टेशन पर सप्ताह के 3 दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है इनमें सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को यहां सबसे ज्यादा यात्री गोरखपुर,गोपालगंज के विभिन्न गांव से पहुंचते हैं और मजार सहित देवी के दर्शन को जाते हैं. बावजूद इसके रेलवे के अधिकारियों का ध्यान इस स्टेशन की ओर नहीं है.


Conclusion:वहीं जब इस संबंध में सिवान के स्टेशन अधीक्षक से जानना चाहा तो लगातार दो दिनों से उनसे मुलाकात नहीं हो पाई दूरभाष पर बात की गई तो प्रोटोकॉल की बात कह अपने जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लिए.

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