सिवान: जिले की दलित बेटी और बहन रिम्पा के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तारी करने के लिए वामपंथी संगठन आइसा, इनौस और ऐपवा के संयुक्त बैनर तले शुक्रवार को प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद मार्च भाकपा माले पार्टी कार्यालय से बस स्टैंड, गोपालगंज मोड़, बबुनिया मोड़, होते हुए जेपी चौक तक निकाला गया.
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मार्च के बाद में सभा को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रहे हैं. दूसरी तरफ बेटियों के साथ कॉलेज प्रशासन के द्वारा जातीय उत्पीड़न किया जा रहा है. रिम्पा भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय की होनहार छात्रा थी. लेकिन कॉलेज प्रशासन के द्वारा लगातर उसको जातीय सूचक प्रताड़ना किया जाता रहा है. उनको जबरन 5वें सेमेस्टर में फेल कर दिया गया. इस उत्पीड़न के कारण सिवान की बेटी को अपनी जान देनी पड़ी.
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ऐपवा जिला सचिव सोहिला गुप्ता ने कहा कि नीतीश मोदी की सरकार में लगतार महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. बेटियों को प्रताड़ित करने वाले को इस सरकार में खुली छूट है. रिम्पा को भी दलित होने पर प्रताड़ित किया गया. जब परिवार के लोग कॉलेज प्रशासन पर आत्महत्या करने का केस दर्ज करवाया तो नीतीश सरकार के प्रशासन ने ना ही इस मामले पर जांच की और ना ही हत्या के लिए उकसाने वालों की गिरफ्तारी की. सीवान की दलित बेटी को उत्पीड़न कर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले हत्यारों की जांच कर अविलंब गिरफ्तारी की जाए.