सिवान: बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) आज सिवान पहुंचें. जहां उनका सिवान-छपरा बॉर्डर पर मलमलिया के समीप कार्यकर्ताओं ने जमकर स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने उद्योग केंद्र का उद्घाटन (Industry Center Inaugurated), उद्योग विभाग के योजनाओं की समीक्षा और बुनकरों का सम्मेलन किया . हालांकि उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) के सवालों से बचते नजर आये.
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सिवान के मलमलिया में मंत्री शाहनवाज हुसैन से जब मीडिया ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के बेटे पर घोटाला का आरोप और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर सवाल किया तो वे सवालों से बचते नज़र आये. इस दौरान वह मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना ही वे अपनी गाड़ी में बैठ करके निकल गए.
बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद पर सरकारी योजना का ठेका अपने परिजनों को देने का आरोप लगा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता के गृह जिला कटिहार में नल जल योजना के तहत उनके परिजनों को जो 53 करोड़ का टेंडर दिया गया है. उसमें बड़ा घोटाला हुआ है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को बयान दिया था कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता. लेकिन रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है. वह सीखने वाली है.
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दरअसल एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'हर घर नल का जल' योजना से जरूरतमंदों के साथ-साथ नेताओं के रिश्तेदारों को भी फायदा हुआ है. इसके जरिए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर के परिवार और उनके सहयोगियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है. अखबार ने पड़ताल में पाया कि पीएचईडी (PHED) ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वार्ड में 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी. कटिहार जिले से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं. 'हर घर नल का जल' प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया, उनमें से एक उनकी बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हुई हैं. इतना ही नहीं ठेका लेनेवाली कंपनियों में कुछ उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई है.