सिवान: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर काफी सख्त हैं. वहीं जिनके जिम्मे शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law In Bihar) को पालन कराने की जिम्मेदारी है, वही शराब के नशे में धुत हैं. ऐसा ही एक और मामला सिवान के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र से सामने आया है. शराब के नशे में सिपाही (Drunk Constable Arrested By Police In Siwan) ने जमकर हंगामा मचाया. सिपाही का नाम मोहन सिंह (Constable Mohan Singh in Siwan riot control) है जो विक्रमगंज जिला के निवासी हैं और सिवान दंगा नियंत्रण में कांस्टेबल के पद पर तैनात है.
ये भी पढ़ें - बिहार में शराब की लूट, देखते ही देखते खाली कर दी पूरी गाड़ी
शराब के नशे में सिपाही गिरफ्तार: बताया जाता है कि सिपाही मोहन सिंह शराब के नशे में धुत था. इतना ही नहीं नशे की हालत में वो हंगामा और मारपीट भी कर रहा था. तभी स्थानीय लोगों ने उसका वीडियो बना लिया और इसकी जानकारी मुफ्फसिल थाने की पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई करते हुए मोहन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. सिपाही का कोड नम्बर 225 है, जो पुलिस लाइन में दंगा नियंत्रण में सिपाही पद पर तैनात है.
पढ़ें- शराब के नशे में झूमता मिला जिला परिषद सदस्य का पति, पुलिस को देखते ही बोल दिया हमला
क्या कहना है आरोपी सिपाही का: वहीं आरोपी सिपाही मोहन सिंह का कहना है कि मेरा नाम मोहन सिंह है. पुलिस लाइन दंगा नियंत्रण में सिपाही हैं. मुझे जबरदस्ती गिरफ्तार किया गया है. मेरी ड्यूटी थी. वर्दी पहनकर पुलिस लाइन के गेट पर थे. जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया गया. बड़ा बाबू राजपूत हैं हम यादव इसलिए हमको पकड़ लिए हैं. हम पर कोई केस नहीं है. डॉक्टर को भी बोल रहे हैं कि हम शराब पिए हुए हैं. मेरा आंख तो लाल ही है. पुलिस लाइन के गेट पर जाम था वही हटा रहे थे तभी गिरफ्तार कर लिया गया.
पढ़ें- दरभंगाः शराब के नशे में हंगामा कर रहे राजद नेता सहित दो गिरफ्तार
बिहार में शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP