सिवान: बिहार के सिवान जिले में एक दस वर्षीय बच्चे की बिजली के करंट लगने से मौत (Death By Electrocution In Siwan) हो गई. घटना के बाद मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया. पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया. घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणो की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई, जिसको भी इस घटना की जानकारी मिली, मृतक के परिजनों से मिलने पहुंच गया. बिहार विधानसभा अध्यक्ष सह राजद के वरिष्ट नेता अवध बिहारी चौधरी (Bihar Legislative Assembly Speaker Awadh Bihari Chowdhary) भी बच्चे की मौत की खबर सुनकर परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे. पीड़ित परिवार से मिलकर परिजनों को हर संभव मदद दिलाने का उन्होंने भरोसा दिलाया और बिजली विभाग के इंजीनियर से बात कर मृतक के परिजनों को चार लाख रुपए की सहायता राशि दिलाने की बात कही.
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करंट लगने से बच्चे की मौत : गौरतलब है कि सिवान में बिजली के तार की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि खेलने के दौरान बच्चा 11000 वोल्ट हाईटेंशन करंट तार की चपेट (Child dies after being hit by high tension wire ) में आ गया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा. ग्रामीण बच्चे की मौत का कारण बिजली विभाग की लापरवाही (Negligence of electricity department in Siwan) को मान रहे हैं. घटना सिवान जिले के मुफस्सिल थाना इलाके के पिठौरी पंचायत का है.
घटना के बाद ग्रामीणों ने काटा बवाल : मिली जानकारी के अनुसार 10 वर्ष के बच्चे की बिजली के तार के चपेट में आने से मौत की खबर से गांव के लोगों में दुख के साथ-साथ आक्रोश भी है. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है. बच्चे की मौत की जानकारी मिलते ही विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी मौके पर पहुंचे और कहा कि बिजली विभाग के कारण बच्चे की मौत हो गई. यह बिजली का तार नीचे या कवर वायर रहता तो इतनी बड़ी घटना नही होती. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के बड़े पदाधिकारी से बात की है. बताया गया है कि मृतक के परिवार को पोस्टमार्टम के अगले दिन ही 4 लाख रुपए का चेक मुआवजा के रूप में मिल जाएगा.
'बहुत दुखत घटना है. एक कम उम्र के बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई है. बहुत आवेदन दिया इन्होंने, दो-दो आवेदन बिजली विभाग को दिए लेकिन उनलोगों ने तुरंत एक्शन नहीं लिया. अगर एक्शन ले लिया गया होता तो जितने मकान हैं, जो 6 फीट के उपर हैं. अगर ये लोग देखें होते तो ये घटना नहीं होती. क्योंकि जो बिजली की लाइन यहां से गई है, वो बीच सड़क से नहीं गई है. जिससे इस तरह की घटना हुई है. गरीब परिवार का गरीब बच्चा था. बिजली तार के नीचे कवर वायर रहता तो इसकी मौत नहीं होती. इसलिए मैं आया हूं. बिजली विभाग के इंजीनियर से बात की है. ये बिजली विभाग की लापरवाही है. पीड़ित परिवार को मृतक के पोस्टमार्टम के दूसरे दिन चार लाख रुपया का चेक दे दिया जाएगा.' - अवध बिहारी चौधरी, अध्यक्ष, बिहार विधानसभा