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सीतामढ़ी: रीगा चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ कामगारों का धरना, डराने-धमकाने का आरोप - मिल प्रबंधन

बुधवार को रीगा चीनी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में अपने बकाए वेतन के भुगतान और अन्य मांगों को लेकर वर्कर्स मिल के गेट पर धरने पर बैठ गए हैं. इनका आरोप है कि प्रबंधन कामगारों को डरा-धमका कर भगा रहा है.

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Published : Jun 10, 2020, 3:59 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 10:57 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के एकमात्र चीनी उद्योग मिल में काम करने वाले कामगारों ने बुधवार को एक बार फिर हंगामा किया. रीगा चीनी मिल में अपने बकाए वेतन के भुगतान और अन्य मांगों को लेकर वर्कर्स मिल के गेट पर धरने पर बैठ गए. कामगारों का आरोप है कि मिल प्रबंधन ने उन्हें डरा- धमका कर भगा दिया.

रीगा मिल वर्कर्स यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि श्रमिकों को बकाया राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है. कामगारों का कहना है कि श्रम विभाग के समक्ष हुए समझौते का पालन भी मिल प्रबंधन नहीं कर रहा है. इससे श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है. इस कारण बुधवार को मिल का घेराव और धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया गया.

डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र
कामगारों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, गन्ना मंत्री, उद्योग मंत्री, डीएम, पुलिस अधीक्षक और एसडीएम को पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान की मांग की है. इसके अलावा कामगारों ने मिल प्रबंधन पर डराने धमकाने का आरोप लगाया है. वहीं, मिल प्रबंधन ने मजदूरों पर एक कर्मचारी को पीटने का आरोप लगा है.

प्राथमिकी दर्ज कराएंगे कामगार
सुरक्षा अधिकारी मुकेश धामा ने बताया कि इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है. धामा ने कहा कि किसी भी कामगार को मिल प्रबंधन ने नहीं हटाया है. सभी कामगार एक परिवार की तरह है. कामगारों को भी इस तरह धरना और प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

मजदूरों पर दोहरी मार
बता दें कि इससे पहले 11 मई को रीगा चीनी मिल ने अचानक नोटिस जारी कर सभी तरह की सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी. इस दौरान करीब छह सौ कामगारों को दो महीने के लिए काम से बाहर निकाल दिया गया था. लॉकडाउन होने के कारण मजदूरों के सामने कोरोना और बेरोजगारी की दोहरी मार पड़ी थी. उस वक्त भी मजदूरों ने विरोध जताया था. लेकिन मिल प्रबंधन की ओर से उन्हें काम पर वापस नहीं बुलाया गया.

सीतामढ़ी: जिले के एकमात्र चीनी उद्योग मिल में काम करने वाले कामगारों ने बुधवार को एक बार फिर हंगामा किया. रीगा चीनी मिल में अपने बकाए वेतन के भुगतान और अन्य मांगों को लेकर वर्कर्स मिल के गेट पर धरने पर बैठ गए. कामगारों का आरोप है कि मिल प्रबंधन ने उन्हें डरा- धमका कर भगा दिया.

रीगा मिल वर्कर्स यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि श्रमिकों को बकाया राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है. कामगारों का कहना है कि श्रम विभाग के समक्ष हुए समझौते का पालन भी मिल प्रबंधन नहीं कर रहा है. इससे श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है. इस कारण बुधवार को मिल का घेराव और धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया गया.

डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र
कामगारों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, गन्ना मंत्री, उद्योग मंत्री, डीएम, पुलिस अधीक्षक और एसडीएम को पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान की मांग की है. इसके अलावा कामगारों ने मिल प्रबंधन पर डराने धमकाने का आरोप लगाया है. वहीं, मिल प्रबंधन ने मजदूरों पर एक कर्मचारी को पीटने का आरोप लगा है.

प्राथमिकी दर्ज कराएंगे कामगार
सुरक्षा अधिकारी मुकेश धामा ने बताया कि इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है. धामा ने कहा कि किसी भी कामगार को मिल प्रबंधन ने नहीं हटाया है. सभी कामगार एक परिवार की तरह है. कामगारों को भी इस तरह धरना और प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

मजदूरों पर दोहरी मार
बता दें कि इससे पहले 11 मई को रीगा चीनी मिल ने अचानक नोटिस जारी कर सभी तरह की सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी. इस दौरान करीब छह सौ कामगारों को दो महीने के लिए काम से बाहर निकाल दिया गया था. लॉकडाउन होने के कारण मजदूरों के सामने कोरोना और बेरोजगारी की दोहरी मार पड़ी थी. उस वक्त भी मजदूरों ने विरोध जताया था. लेकिन मिल प्रबंधन की ओर से उन्हें काम पर वापस नहीं बुलाया गया.

Last Updated : Jun 11, 2020, 10:57 PM IST
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