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सीतामढ़ी में दवा छिड़काव वाली फसल को खाकर नीलगायों की मौत - Spraying drugs on crops

अधिकारियों का कहना है कि फसलों पर ऐसी दवाओं का छिड़काव नहीं करना चाहिये. किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए कोई दूसरा उपाय करना चाहिये.

sitamadhi
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Published : May 16, 2020, 7:49 PM IST

Updated : May 16, 2020, 9:06 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के सौली रुपौली पंचायत के वार्ड नंबर-4 में शनिवार की सुबह दो वन्य जीवों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि वे जब सुबह काम करने के लिए निकले तो उन्होंने देखा कि खेतों में दो नीलगाय छटपटा रहे थे और थोड़ी देर बाद ही उनकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई. वहीं, ग्रामीणों के सहयोग से मृत दोनों नीलगायों को गड्ढे में गाड़ दिया गया है.

घटनास्थल के पास मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि वन्य जीवों की मौत का कारण किसानों द्वारा खेत में जहरीली दवा का छिड़काव किया जाना है. कुछ किसान नीलगायों से फसल बचाव के लिए अपने खेतों में लगाए गए सब्जी, मूंग और गन्ने की फसल में जहरीली दवाओं का छिड़काव कर चुके हैं. इसी जहरीली दवा वाली फसल को खाकर वन्य प्राणियों के मौत की आशंका जताई जा रही है. लोगों ने कहा कि किसान जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए जहरीली दवा का छिड़काव करते हैं, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे इंसान भी खायेंगे. ऐसे में इंसानों के शरीर पर भी कुप्रभाव पड़ना तय है.

रिपोर्ट

किसान कर रहे जहरीली दवा का छिड़काव
वहीं कृषि विभाग के पदाधिकारी व चिकित्सा पदाधिकारियों का बताना है कि किसान वन्यजीवों से फसल को बचाने के लिए जिस जहरीली दवा का छिड़काव कर रहे हैं, उससे इंसानों के शरीर पर भी असर पड़ता है. अधिकारियों का कहना है कि फसलों पर ऐसी दवाओं का छिड़काव नहीं करना चाहिये. किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए कोई दूसरा उपाय करना चाहिये.

सीतामढ़ी: जिले के सौली रुपौली पंचायत के वार्ड नंबर-4 में शनिवार की सुबह दो वन्य जीवों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि वे जब सुबह काम करने के लिए निकले तो उन्होंने देखा कि खेतों में दो नीलगाय छटपटा रहे थे और थोड़ी देर बाद ही उनकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई. वहीं, ग्रामीणों के सहयोग से मृत दोनों नीलगायों को गड्ढे में गाड़ दिया गया है.

घटनास्थल के पास मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि वन्य जीवों की मौत का कारण किसानों द्वारा खेत में जहरीली दवा का छिड़काव किया जाना है. कुछ किसान नीलगायों से फसल बचाव के लिए अपने खेतों में लगाए गए सब्जी, मूंग और गन्ने की फसल में जहरीली दवाओं का छिड़काव कर चुके हैं. इसी जहरीली दवा वाली फसल को खाकर वन्य प्राणियों के मौत की आशंका जताई जा रही है. लोगों ने कहा कि किसान जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए जहरीली दवा का छिड़काव करते हैं, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे इंसान भी खायेंगे. ऐसे में इंसानों के शरीर पर भी कुप्रभाव पड़ना तय है.

रिपोर्ट

किसान कर रहे जहरीली दवा का छिड़काव
वहीं कृषि विभाग के पदाधिकारी व चिकित्सा पदाधिकारियों का बताना है कि किसान वन्यजीवों से फसल को बचाने के लिए जिस जहरीली दवा का छिड़काव कर रहे हैं, उससे इंसानों के शरीर पर भी असर पड़ता है. अधिकारियों का कहना है कि फसलों पर ऐसी दवाओं का छिड़काव नहीं करना चाहिये. किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए कोई दूसरा उपाय करना चाहिये.

Last Updated : May 16, 2020, 9:06 PM IST
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