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यहां क्लास रूम पर है बिजली विभाग का कब्जा, बच्चे पढ़ते हैं जमीन पर बैठकर

नरकटिया राजकीय मध्य विद्यालय में 1 से 4 क्लास तक के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. इन बच्चों के क्लास में बिजली विभाग के लोगों का सामान रखा है.

जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे
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Published : Sep 22, 2019, 1:30 PM IST

सीतामढ़ी: सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. शिक्षा विभाग का भी मानना है कि सरकारी विद्यालयों में अब सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं. शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो गई है. शिक्षा विभाग और सरकार का यह दावा जिले के सोनबरसा प्रखंड के नरकटिया राजकीय मध्य विद्यालय में खोखला साबित हो रहा है.

sitamarhi news
क्लास रुम पर बिजली विभाग के लोगों का कब्जा

क्लास रूम पर है बिजली विभाग का कब्जा
इस विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है. 291 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. विद्यालय में सरकार की ओर से फर्नीचर भी मुहैया कराई गई है. फिर भी 1 से 4 क्लास तक के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं क्योंकि इस क्लासरूम पर बिजली विभाग के लोगों ने कब्जा जमा रखा है.

जानकारी देते स्कूल के प्रधानाचार्य

मिड-डे मील का लेखा-जोखा नहीं
इस विद्यालय में मिड-डे मील में भी काफी अनियमितता सामने आई है. बच्चों के लिए बनाया जाने वाला खाना अंदाज से बनाया जाता है. प्रधानाध्यापक का कहना है कि जब बच्चे खाने आते हैं उस समय एटेंडेंस बनाया जाता है. विद्यालय की रसोईया विमल देवी ने बताया कि उन्हें कभी भी शिक्षक की ओर से बच्चों की संख्या नहीं बताई जाती है. वह खुद ही अंदाज से एमडीएम बनाती हैं. वहीं, इस एमडीएम का लाभ गांव के वैसे बच्चे भी लेते हैं, जो विद्यालय में नामांकित नहीं हैं.

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जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे

सीतामढ़ी: सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. शिक्षा विभाग का भी मानना है कि सरकारी विद्यालयों में अब सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं. शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो गई है. शिक्षा विभाग और सरकार का यह दावा जिले के सोनबरसा प्रखंड के नरकटिया राजकीय मध्य विद्यालय में खोखला साबित हो रहा है.

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क्लास रुम पर बिजली विभाग के लोगों का कब्जा

क्लास रूम पर है बिजली विभाग का कब्जा
इस विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है. 291 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. विद्यालय में सरकार की ओर से फर्नीचर भी मुहैया कराई गई है. फिर भी 1 से 4 क्लास तक के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं क्योंकि इस क्लासरूम पर बिजली विभाग के लोगों ने कब्जा जमा रखा है.

जानकारी देते स्कूल के प्रधानाचार्य

मिड-डे मील का लेखा-जोखा नहीं
इस विद्यालय में मिड-डे मील में भी काफी अनियमितता सामने आई है. बच्चों के लिए बनाया जाने वाला खाना अंदाज से बनाया जाता है. प्रधानाध्यापक का कहना है कि जब बच्चे खाने आते हैं उस समय एटेंडेंस बनाया जाता है. विद्यालय की रसोईया विमल देवी ने बताया कि उन्हें कभी भी शिक्षक की ओर से बच्चों की संख्या नहीं बताई जाती है. वह खुद ही अंदाज से एमडीएम बनाती हैं. वहीं, इस एमडीएम का लाभ गांव के वैसे बच्चे भी लेते हैं, जो विद्यालय में नामांकित नहीं हैं.

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जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे
Intro: जिले के स्कूल में नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़। फर्नीचर रहने के बावजूद जमीन पर बिठा कर कराई जाती है पढ़ाई।Body:सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है।शिक्षा विभाग का भी मानना है कि सरकारी विद्यालयों में अब सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी है। और शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर कर दी गई है। लेकिन विभाग और सरकार का यह दावा आज भी खोखला साबित हो रहा है। सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत का नरकटिया राजकीय मध्य विद्यालय का नजारा देखने से तो यही लगता है, कि यह विद्यालय बच्चों के भविष्य संवारने के लिए नहीं बल्कि उसके जीवन से खिलवाड़ करने के लिए संचालित हो रहा है। इस विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। और 291 छात्र-छात्राएं नामांकित है। लेकिन विद्यालय में सरकार की ओर से जो फर्नीचर मुहैया कराई गई है। उस पर शिक्षक की मिलीभगत से विद्युत विभाग के कर्मियों का कब्जा है। और कक्षा संचालित होने वाले कमरे में अतिक्रमण कर लिया गया है। इसका नतीजा है कि वर्ग 1 से 4 तक के मासूमों को जमीन पर बिठाकर पढ़ाई कराई जा रही है। और फर्नीचर से लैस कमरों में बाइक और खाना बनाने के सामान के साथ अन्य सामान रखकर गोदाम बना दिया गया है। इसके अलावा इस विद्यालय में वर्ग संचालित होने से पूर्व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नहीं बनाई जाती है। मिड डे मील की जो योजना है। वह भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। यहां के प्राचार्य सुरेंद्र राम ने बताया कि वर्ग 1 से लेकर चार तक के छात्र छात्रा पहले दिन ही जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन इस विद्यालय में पढ़ने वाले वर्ग 4 का छात्र राजन कुमार ने प्राचार्य के सामने ही सच्चाई की पोल खोलते हुए बताया कि विगत 2 दिनों से सभी मासूम जमीन पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।और उनके कक्षा में विद्युत विभाग के कर्मी अतिक्रमण कर लिया है। जिस कारण सभी मासूम जमीन पर ही अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
मिड डे मील का लेखा-जोखा नहीं:_____________
इस कुव्यवस्था के अलावा इस विद्यालय में मिड डे मील में भी भारी को अराजकता व्याप्त है। छात्र-छात्रा जब विद्यालय पहुंचते हैं, और वर्ग संचालित होने से पूर्व यहां छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नहीं बनाई जाती। जब छात्र छात्रा मिड डे मील खाकर घर चले जाते हैं। उसके बाद अपने हिसाब से प्रधानाचार्य साहब उस रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज दिखाते हैं। ताकि इसमें गोलमाल किया जा सके। वहीं विद्यालय की रसोईया विमल देवी ने बताया कि उन्हें कभी भी शिक्षक के द्वारा बच्चों की संख्या नहीं बताई जाती है। वह खुद ही अंदाज से एमडीएम बनाती हैं। और इस एमडीएम का लाभ गांव के वैसे बच्चे भी लेते हैं, जो विद्यालय में नामांकित नहीं है। और भूले भटके खाना के लिए यहां पहुंच जाते हैं। तो इस प्रकार इस विद्यालय में कोई भी लिखित रिकॉर्ड नहीं है, कि प्रतिदिन कितने बच्चों को यह भोजन मुहैया कराई जाती है। शिक्षक का बताना है की 60 -70 बच्चों का भोजन बना है । वहीं एमडीएम बनाने वाली रसोईया विमल देवी का बताना है कि 100 डेढ़ सौ का खाना बनता है। तो दोनों के बातों में काफी विरोधाभास है। और यह क्यों है इसका आप और हम सहज अंदाजा लगा सकते हैं। इस योजना से बच्चों का विकास तो नहीं कर पा रहा है। लेकिन शिक्षक मालामाल जरूर हो रहे हैं। और कुल मिलाकर योजना लूट का जरिया बन चुका है।
बाइट 1. राजन कुमार। वर्ग 4 का छात्र।
बाइट 2. विमल देवी। विद्यालय की रसोईया।
बाइट 3. सुरेंद्र राम। प्राचार्य राजकीय मध्य विद्यालय नरकटिया प्रथम।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8,9Conclusion:पी टू सी:____राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
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